सेंसर बोर्ड ने अलंकृता श्रीवास्तव की फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माय बुरक़ा’ को प्रमाणित करने से इनकार कर दिया है.
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सेंसर बोर्ड) ने प्रकाश झा प्रोडक्शन की नई फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माय बुरक़ा’ को सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया है. बोर्ड का कहना है कि फिल्म ‘लेडी ओरिएंटेड’ (महिलान्मुखी) है, और उनके सपनों और फंतासियों को ज़िंदगी से ज़्यादा तवज्जो दी गई है.
गौरतलब है कि अलंकृता श्रीवास्तव की यह फिल्म एक छोटे शहर की चार महिलाओं के बारे में है, जहां वे अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में अपने लिए आज़ादी तलाश रही हैं, अपनी यौन ज़रूरतों को समझ रही हैं. फिल्म के मुख्य किरदारों में रत्ना पाठक शाह, कोंकणा सेन शर्मा, अहाना कुमरा और प्लाबिता बोरठाकुर हैं. फिल्म की निर्देशक अलंकृता इस फिल्म के ग्लासगो फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शन के लिए ग्लासगो में हैं. मुंबई मिरर से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘यह एक नारीवादी फिल्म है, जिसमें मज़बूती से पितृसत्तात्मक मानसिकता के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई गई है. मुझे लगता है कि यही वजह है कि इसे सेंसर बोर्ड द्वारा प्रमाणित नहीं किया गया. एक फिल्मकार के बतौर में अपनी कहानी के साथ खड़ी हूं. हम इसके लिए आख़िर तक लड़ेंगे.’
Ironic. Film wins gender equality award gets NO certificate. @lipstickmovie #lipstickundermyburkha https://t.co/BRae4yOFrV via @mumbaimirror
— Alankrita Shrivastava (@alankrita601) February 23, 2017
फिल्म प्रकाश झा प्रोडक्शन के अंतर्गत बन रही है. प्रकाश झा का अपनी पिछली फिल्म ‘जय गंगाजल’ को लेकर भी सेंसर बोर्ड से विवाद हो चुका है. प्रकाश झा भी इस समय देश से बाहर हैं. उन्होंने भी इस अख़बार से बात करते हुए कहा, ‘हमें देश में अभिव्यक्ति की आज़ादी को बढ़ावा देना चाहिए पर सेंसर बोर्ड तो फिल्मों को प्रमाणित न करके ऐसे फिल्मकारों को हतोत्साहित कर रहा है, जो लीक से हटकर फिल्में बनाना चाहते हैं. मुझे लगता है कि फिल्मों को असलियत दिखानी चाहिए और ‘लिपस्टिक…’ वो दिखाती है. मेरा मानना है कि दर्शकों को यह देखनी चाहिए.’
सेंसर बोर्ड ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि फिल्म में कई आपत्तिजनक सीन हैं, गालियां हैं, ऑडियो पॉर्नोग्राफी है, साथ ही फिल्म में समाज के एक विशेष समुदाय के बारे में कुछ असंवेदनशील है, इसलिए 1(a), 2(vii), 2(ix), 2(x), 2(xi), 2(xii) and 3(i) गाइडलाइन के अंतर्गत इसे प्रमाणित करने से इनकार किया जाता है.
मीडिया के संपर्क करने पर सेंसर बोर्ड अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने कहा कि यह बोर्ड का एकमत फैसला है और वे इस पर कुछ नहीं कहेंगे.
वैसे दिलचस्प बात यह है कि इस फिल्म को मुंबई फिल्म फेस्टिवल में ‘जेंडर इक्वॉलिटी’ पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म का अवॉर्ड मिला था, साथ ही टोक्यो फिल्म फेस्टिवल में भी इसे ‘स्पिरिट ऑफ एशिया’ सम्मान से नवाज़ा गया था. फिल्म के निर्माता अभी रिवाइज़िंग कमिटी से अाधिकारिक पत्र मिलने का इंतज़ार कर रहे हैं. वे इसके बाद इस फैसले के ख़िलाफ़ फिल्म सर्टिफिकेशन एपीलेट ट्रिब्यूनल में जाएंगे. गौरतलब है कि जनवरी महीने में रिलीज़ हुई फिल्म ‘हरामखोर’ को भी सेंसर बोर्ड ने सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया था, जिसके बाद फिल्म के निर्माता ट्रिब्यूनल में पहुंचे और फिल्म यू/ए सर्टिफिकेट के साथ रिलीज़ हुई.
सेंसर बोर्ड के इस फैसले के बाद से बॉलीवुड में हंगामा शुरू हो गया है. कई सेलेब्रिटी फिल्म के समर्थन में आगे आए हैं.
फरहान अख़्तर ने ट्वीट करते हुए लिखा है
Below is the reason CBFC listed for denying #LipstickUnderMyBurkha a release. Keep your barf bag ready.. pic.twitter.com/NFO42sRJIb
— Farhan Akhtar (@FarOutAkhtar) February 23, 2017
रेणुका शहाणे, पूजा भट्ट, वरुण ग्रोवर और नीरज घायवान जैसे कई और लोगों ने भी ट्वीट करके सेंसर बोर्ड के फैसले पर रोष ज़ाहिर किया है.