रूस पर प्रतिबंधों को दरकिनार करने की आशंका के बीच भारत ने कहा- क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करें

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भारत के दो दिवसीय दौरे पर थे. उन्होंने भारत को तेल, सैन्य साजो-सामान और अन्य वस्तुओं की ज़रूरतों को भी पूरा करने का वादा किया. इससे पहले अमेरिका ने यूक्रेन पर रूस के हमले के मद्देनज़र उस पर लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों को दरकिनार करने के लिए ख़ामियाजा भुगतने की चेतावनी दी थी.

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रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटोः पीटीआई)

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भारत के दो दिवसीय दौरे पर थे. उन्होंने भारत को तेल, सैन्य साजो-सामान और अन्य वस्तुओं की ज़रूरतों को भी पूरा करने का वादा किया. इससे पहले अमेरिका ने यूक्रेन पर रूस के हमले के मद्देनज़र उस पर लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों को दरकिनार करने के लिए ख़ामियाजा भुगतने की चेतावनी दी थी.

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटोः पीटीआई)

नई दिल्ली: यूक्रेन पर रूस के हमले के मद्देनजर उस पर लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों को दरकिनार करने के लिए इसका खामियाजा भुगतने की अमेरिका की चेतावनी के एक दिन बाद भारत ने रूस को बताया कि क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए.

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भारत के दो दिवसीय दौरे पर हैं और वह अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के इतर राष्ट्रीय मुद्राओं के जरिये वैकल्पिक भुगतान की वकालत कर रहे हैं.

लावरोव गुरुवार (31 मार्च) रात को भारत पहुंचे थे. इसके साथ ही अमेरिका और ब्रिटेन के वरिष्ठ अधिकारी भी भारत दौरे पर हैं.

अमेरिका के उपराष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (डिप्टी एनएसए) दलीप सिंह ने नई दिल्ली में कहा कि रूस को वैश्विक वित्तीय प्रणाली से अलग-थलग रखने के लिए उस पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों को दरकिनार करने के प्रयासों का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.

उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका नहीं चाहता कि रूस से भारत में तेल आयात में बढ़ोतरी हो.

इससे पहले अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जिना रायमोंडो ने कहा था कि अगर भारत रूस का कच्चा तेल और हथियार खरीदने के लिए मॉस्को के केंद्रीय मैसेजिंग सिस्टम एसपीएफएस में शामिल होता है तो यह अत्यधिक निराशाजनक होगा.

ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस ने अधिक राजनयिक संदेश देते हुए कहा कि पश्चिमी देश चाहते हैं कि भारत, रूस पर लगे इन प्रतिबंधों का समर्थन करे, लेकिन वह संप्रभु राष्ट्रों को अपना फैसला बदलने का दबाव नहीं बनाएगा.

वहीं, रूस यह दर्शाना चाह रहा था कि मॉस्को पर प्रतिबंध लगाने के पश्चिमी देशों के झांसे में चीन, भारत और अन्य देश न फंसे.

रूस के प्रधानमंत्री दिमित्री मेदवेदेव ने कहा कि यूक्रेन संकट ने रूस, चीन, भारत ब्लॉक को मजबूत किया है. इस बीच रूस के विदेश मंत्री ने भारत दौरे पर भारत की प्रशंसा करने में कोई देरी नहीं की.

उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ बातचीत की शुरुआत में ही कहा, ‘हमारे पश्चिमी सहयोगी चाहते हैं कि वे यूक्रेन संकट के मद्देनजर अन्य किसी भी सार्थक अंतरराष्ट्रीय मुद्दे को कमतर दर्शाने की कोशिश करें. आप हमारा रुख जानते हैं. हम कुछ नहीं छिपाते. हम इसकी सराहना करते हैं कि भारत इस स्थिति पर एकतरफा नहीं, बल्कि हर एंगल से गौर कर रहा है.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ बैठक के दौरान यूक्रेन में जल्द से जल्द हिंसा खत्म करने का आह्वान किया और संघर्ष को सुलझाने के लिए शांति प्रयासों में योगदान देने के लिए भारत की रजामंदी जताई.

भारत ने अब तक यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर अलग रुख अख्तियार किया है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र में अपने कई बयानों में किसी भी देश की क्षेत्रीय अखंडता को महत्व देने का संकेत दिया है.

लावरोव ने पत्रकारों के साथ बातचीत में एक संवाददाता के सवाल को अपने मायने में सही करते हुए कहा कि यूक्रेन संकट कोई युद्ध नहीं, बल्कि विशेष सैन्य अभियान है.

पारंपरिक रूप से आर्थिक संबंधों को भारत, रूस रणनीतिक संबंधों में सबसे कमजोर कड़ी के रूप में समझा जाता है. हालांकि, यह आर्थिक सबंध ही हैं, जो पश्चिमी देशों द्वारा रूस के खिलाफ लगाए गए आर्थिक दंडों की वजह से केंद्र में हैं.

रूस के विदेश मंत्री ने संवाददाताओं को बताया कि मॉस्को वैकल्पिक वित्तीय लेन-देन का इस्तेमाल कर भारत द्वारा किसी भी तरह की खरीददारी को सरल बनाने के लिए तैयार हैं.

उन्होंने कहा, ‘जहां तक व्यापारिक वित्तीय लेन-देन में रुपये और रूबल के इस्तेमाल का सवाल है तो मैं आपको याद दिलाना चाहूंगा कि कई साल पहले हमने भारत, चीन और कई अन्य देशों के साथ व्यापार करने में डॉलर या यूरो के बजाय हमारी राष्ट्रीय मुद्रा रूबल का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था.’

लावरोव ने कहा कि भारत जो भी उत्पाद खरीदना चाहे, रूस उसे उपलब्ध कराने के लिए तैयार है. यह पश्चिमी देशों द्वारा गैरकानूनी ढंग से एकतरफा लगाए गए प्रतिबंधों से उत्पन्न कृत्रिम बाधा को दूर करने का तरीका है.

उन्होंने कहा, ‘हम ऐसे सिस्टम पर भरोसा नहीं करना चाहते, जिसे कभी भी बंद किया जा सके या जिसके मालिक हमसे पैसा चुरा सके.’

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के संबद्ध मंत्रालय द्विपक्षीय सैन्य सहयोग जारी रखने के लिए समाधान ढूंढने पर काम कर रहे हैं.

लावरोव ने कहा, ‘मेरा मानना है कि भारतीय विदेश नीति की विशेषता वास्तविक राष्ट्रीय वैध हितों को लेकर स्वतंत्रता और एकाग्रता है. इसी तरह की नीति रूस में भी है.’

बता दें कि रूस, यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से भारत ने रूस से लाखों बैरल का कच्चा तेल खरीदा है.

रूस ने व्यापार में राष्ट्रीय मुद्राओं का उपयोग बढ़ाने का संकेत दिया

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शुक्रवार को कहा कि रूस ने पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों से जुड़ीं बाधाओं को दूर करने के लिए भारत और अपने अन्य साझेदारों के साथ राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार करने की दिशा में आगे बढ़ना शुरू कर दिया है.

उन्होंने भारत को तेल, सैन्य साजो सामान और अन्य वस्तुओं की जरूरतों को भी पूरा करने का वादा किया.

लावरोव ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ व्यापक बातचीत के बाद यह टिप्पणी की.

उनकी बैठक में यूक्रेन संकट के भारत-रूस संबंधों पर पड़ने वाले प्रभाव और दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और रक्षा सहित विविध क्षेत्रों में सहयोग जारी रखने के तरीके पर भी बातचीत हुई.

पत्रकारों के एक चुनिंदा समूह के साथ ब्रीफिंग में यह पूछे जाने पर कि क्या रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष को कम करने में भारत मदद कर सकता है.

लावरोव ने कहा कि अगर भारत अंतरराष्ट्रीय समस्याओं के प्रति अपने न्यायसंगत और तर्कसंगत दृष्टिकोण के साथ ऐसी प्रक्रिया का समर्थन करना चाहता है, तो कोई भी इसके खिलाफ नहीं होगा.

इस सवाल पर कि क्या बातचीत में रूबल-रुपया भुगतान प्रणाली पर चर्चा की गई.

लावरोव ने कहा कि भारत और चीन जैसे देशों के साथ व्यापार के लिए ऐसी व्यवस्था कई साल पहले शुरू की गई थी और पश्चिमी (डॉलर और यूरो में) भुगतान प्रणालियों को दरकिनार करने के प्रयास अब तेज किए जाएंगे.

लावरोव ने कहा, ‘मुझे याद है कि कई साल पहले हमने भारत, चीन (और) कई अन्य देशों के साथ अपने संबंधों में डॉलर और यूरो के उपयोग को कम करते हुए राष्ट्रीय मुद्राओं के अधिक से अधिक उपयोग की ओर बढ़ना शुरू किया था. वर्तमान परिस्थितियों में मुझे विश्वास है कि यह प्रवृत्ति तेज होगी जो स्वाभाविक और स्पष्ट है.’

विदेश मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक भारत और रूस ने मॉस्को पर पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद द्विपक्षीय आर्थिक, तकनीकी और लोगों से लोगों के बीच संपर्क को स्थिर और विश्वसनीय रखने की आवश्यकता पर जोर दिया.

रूसी विदेश मंत्री ने पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद द्विपक्षीय व्यापार की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए भारत और रूस के संबंधित मंत्रालयों के बीच बहुत अच्छे संबंधों के बारे में बात की.

उन्होंने कहा, ‘हमारे व्यापार मंत्रालयों, वित्त मंत्रालयों के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं, और मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि पश्चिम द्वारा उत्पन्न किए जाने वाले अवैध और एकतरफा प्रतिबंधों जैसी कृत्रिम बाधाओं को दूर करने के लिए एक रास्ता खोजा जाएगा.’

यह पूछे जाने पर कि क्या रूस से बड़ी मात्रा में कच्चे तेल की खरीद के लिए भारत की इच्छा पर चर्चा की गई?

लावरोव ने कहा, ‘हम भारत को किसी भी वस्तु की आपूर्ति करने के लिए तैयार होंगे, जो भारत खरीदना चाहता है.’

रूसी विदेश मंत्री ने यूक्रेन संकट पर भारत की स्थिति की भी सराहना की और कहा कि अधिकतर देश समझते हैं कि क्या हो रहा है और संकट का मूल कारण क्या है.

उन्होंने कहा, ‘पश्चिमी सहयोगियों ने इन दिनों अपना असली चेहरा उजागर किया है और मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि अधिकतर देश समझ रहे हैं कि क्या हो रहा है.’

लावरोव ने कहा कि प्रतिबंधों के बावजूद रूस, भारत के साथ व्यापार के प्रवाह को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है.

उन्होंने कहा, ‘पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों पर निर्णय लेना हमारे लिए एक स्वाभाविक मार्ग है. इस तरह की अनुचित प्रतिक्रिया के संदर्भ में हमें इस दिशा में निष्पक्ष और स्वाभाविक रूप से काम करना होगा, व्यापार और आर्थिक क्षेत्रों में काम करना होगा.’

लावरोव कहा, ‘यह कोई कल की बात नहीं है, बल्कि कई साल से हम पश्चिमी प्रतिबंधों से निपट रहे हैं और हमें इन परिस्थितियों में जीने का अनुभव है तथा हम ठीक हैं और हमारे साथी भी इसमें ठीक हैं.’

मोदी ने शांति प्रयासों में योगदान के लिए भारत के तैयार रहने से लावरोव को अवगत कराया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को इस बात से अवगत कराया कि यूक्रेन में संघर्ष का समाधान करने के लिए शांति प्रयासों में योगदान देने को भारत तैयार है. इसके साथ ही जल्द से जल्द वहां हिंसा खत्म करने का आह्वान किया.

दो दिवसीय यात्रा पर भारत आए लावरोव ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ व्यापक बातचीत करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की.

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक बयान के अनुसार, रूस के विदेश मंत्री ने मोदी को यूक्रेन की स्थिति समेत मॉस्को की कीव के साथ जारी शांति वार्ता के बारे में जानकारी दी.

बयान में कहा गया, ‘प्रधानमंत्री ने हिंसा की शीघ्र समाप्ति के लिए अपने आह्वान को दोहराया और शांति प्रयासों में किसी भी तरह से योगदान करने के लिए भारत के तैयार रहने से अवगत कराया.’

यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने बुधवार को ‘एनडीटीवी’ से कहा था कि भारत रूस के साथ अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके उसे यूक्रेन में युद्ध रोकने के लिए मना सकता है.

यह पूछे जाने पर कि क्या वह प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच एक संभावित मध्यस्थ के रूप में देखते हैं?

कुलेबा ने कहा, ‘यदि प्रधानमंत्री मोदी उस भूमिका को निभाने के इच्छुक हैं तो हम उनके प्रयासों का स्वागत करेंगे.’

लावरोव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत चाहे तो यह भूमिका निभा सकता है और अंतरराष्ट्रीय समस्याओं के प्रति अपने न्यायपूर्ण एवं तर्कसंगत दृष्टिकोण के साथ वह ऐसी प्रक्रिया का समर्थन कर सकता है तथा कोई भी इसके विरोध नहीं करेगा.

वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या भारत, रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष को कम करने में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है?

रूसी विदेश मंत्री ने दोहराया कि यह भारत को तय करना है कि क्या वह ऐसी भूमिका देख रहा है जो इस वर्तमान स्थिति में समस्या का समाधान प्रदान करती है और समानता एवं सुरक्षा प्रदान करती है.

लावरोव ने संघर्ष पर भारत की स्वतंत्र स्थिति की सराहना करते हुए उसे महत्वपूर्ण और गंभीर देश के रूप में वर्णित किया, जो अमेरिका के किसी भी प्रभाव में नहीं आता है.

भारत कूटनीति और बातचीत के जरिए यूक्रेन संकट के समाधान के लिए दबाव बनाता रहा है.

इससे पहले मोदी ने 24 फरवरी, दो मार्च और सात मार्च को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर बातचीत की थी. प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से भी दो बार वार्ता किया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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