ग़ाज़ियाबाद जिला प्रशासन का कहना है कि नवरात्रि में सफाई सुनिश्चित करने के लिए हर साल यह नियम लागू किया जाता है. जिलाधिकारी आरके सिंह ने बताया कि सिर्फ लाइसेंसधारक मांस विक्रेता ही साफ-सफाई के सभी नियमों का अनुपालन करते हुए अपनी ढकी हुई दुकानों में मांस बेच सकेंगे.
गाजियाबाद: गाजियाबाद की महापौर आशा शर्मा ने शनिवार को कहा कि नवरात्रि के दौरान महानगर में खुले में मांस की बिक्री पर पूरी तरह पाबंदी रहेगी.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, नगर निगम द्वारा जारी पत्र में कहा गया है, ‘महापौर के निर्देशानुसार इस दौरान मंदिरों में साफ-सफाई बनाए रखने और मांस की दुकानों को बंद करने का निर्देश दिया है. यह निर्देश दिया गया है कि संबंधित क्षेत्रों में मंदिरों में सफाई बनाई रखी जाए और मांस की दुकानों को बंद रखना सुनिश्चित किया जाए.’
संयोगवश, यह आदेश तब आया है जब स्थानीय भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने 31 मार्च को जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कहा था कि उनके निर्वाचन क्षेत्र के कई रेस्तरां खुले में मांस बेच रहे हैं.
उन्होंने संबंधित अधिकारियों से ‘किसी बीमारी के संभावित प्रसार को रोकने’ के लिए ऐसे प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध किया था.
हालांकि यह पहली बार नहीं है जब गुर्जर ने इस तरह का कोई दावा करते हुए मांस की दुकानों पर प्रतिबंध की मांग उठाई है. साल 2019 में उन्होंने कहा था कि ‘नवरात्रि में मीट की दुकानें खोलना राष्ट्रद्रोह है.’
अधिकारियों का कहना है कि शहर और ग्रामीण सभी इलाकों में लागू होने वाले ये आदेश हर साल दिए जाते हैं.
महापौर आशा ने बताया, ‘नवरात्रि के दौरान खुले में मांस की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा. विक्रेता मांस को ढककर उसे बेच सकेंगे, मगर मंदिरों के पास और उन गलियों में भी मांस की बिक्री पर पूरी तरह रोक रहेगी जहां मंदिर स्थित हैं. हम यहां किसी को लाभ या नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं हैं. ये नियम हर साल लागू होते हैं.’
गौरतलब है कि चैत्र नवरात्रि शनिवार को शुरू होकर आगामी 10 अप्रैल तक चलेंगे.
इस बीच, गाजियाबाद के जिलाधिकारी आरके सिंह ने बताया कि सिर्फ लाइसेंसधारक मांस विक्रेता ही साफ-सफाई के सभी नियमों का अनुपालन करते हुए अपनी ढकी हुई दुकानों में मांस बेच सकेंगे. कोई भी विक्रेता जानवरों का अपशिष्ट खुले में नहीं फेंकेगा.
उन्होंने कहा कि नवरात्रि के दौरान नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी मांस की दुकानों के आसपास साफ-सफाई सुनिश्चित करेंगे.
मालूम हो कि भाजपा शासित राज्यों में हिंदुत्व कार्यकर्ता कर संगठन मांस और पॉल्ट्री उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते रहे हैं. माना जाता है कि इस काम में लगा बड़ा तबका मुस्लिम समुदाय से आता है.
उल्लेखनीय है कि साल 2021 के शारदीय नवरात्रि के समय कई राज्यों में हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा मीट की दुकानें जबरन बंद कराने के मामले सामने आए थे. इनमें हरियाणा, मध्य प्रदेश के साथ उत्तर प्रदेश भी शामिल था.
सात अक्टूबर 2021 को बुलंदशहर के बेहट कस्बे में बजरंग दल के सदस्यों ने तहसील मुख्यालय में एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों को बंद करने की मांग की गई थी.
इसमें बजरंग दल के जलिया संयोजक हरीश कौशिक ने मांग की थी कि नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों पर प्रतिबंध लगाने को प्रभावी तरह से लागू करने के लिए सहारनपुर से सिद्धपीठ मंदिर तक राजमार्ग सहित विभिन्न गांवों में पुलिस को तैनात करना चाहिए, ताकि हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत न हों.
उन्होंने चेताया था कि अगर कोई बाधा उत्पन्न की जाती है तो यह प्रशासन की जिम्मेदारी होगी. इसके बाद अगले दिन तक विभिन्न दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्यों ने शहर के विभिन्न इलाकों में स्थित मांस की दुकानों को जबरन बंद करा दिया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)