कर्नाटक के धारवाड़ स्थित एक मंदिर में शनिवार को श्री राम सेना के कार्यकर्ताओं ने मुस्लिम फल विक्रेताओं के ठेलों में तोड़फोड़ करने के साथ-साथ उनमें लदे फलों को भी सड़क पर फेंककर नष्ट कर दिया. आरोप है कि मौके पर मौजूद पुलिस तमाशबीन बनी रही.
नई दिल्ली: श्री राम सेना नामक एक संगठन के हिंदुत्ववादी कार्यकर्ताओं ने शनिवार को कर्नाटक के धारवाड़ में मुसलमानों के स्वामित्व वाले स्टॉलों (ठेलों/दुकानों) में तोड़फोड़ की और ठेलों में लदे ताजे फल और सब्जियां नष्ट कर दीं.
डेक्कन हेराल्ड के मुताबिक, मुस्लिम विरोधी हिंसा की ताजा घटना नुग्गीकेरी अंजनेय मंदिर परिसर में हुई है.
पत्रकार हरीश उपाध्याय ने घटनास्थल से वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें तरबूज सड़क पर पड़े दिख रहे हैं.
Muslim push cart vendors targeted outside Hanuman Temple in Dharwad. Sri Ram Sene members vandalize & destroy watermelon & other fruits.Ram Sene says #Muslim vendors shouldn’t do business outside temples. Cops present at the location did nothing to stop the vandalism #Karnataka pic.twitter.com/gu0pCjt0lj
— Harish Upadhya (@harishupadhya) April 9, 2022
उपाध्याय ने ट्वीट किया है कि मौके पर मौजूद पुलिस ने इस तोड़फोड़ को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया.
वीडियो में देखा जा सकता है कि हिंदुत्ववादी कार्यकर्ता, जिन्हें उनके भगवा स्कार्फ से पहचाना जा सकता है, एक पुलिसकर्मी से कहते सुने जा सकते हैं कि उन्होंने मुस्लिम विक्रेताओं को चेतावनी दी थी. जिस पर पुलिसकर्मी का कहना था कि वे पुलिस को सूचित कर सकते थे.
What was the state doing? How brazen are these goons? Watch this video.
Sene guy: We had given them an ultimatum to remove, they didn’t even after 2 weeks. All these belong to Muslims
Cop: You should have given us an intimation
Sene guy: We have intimated everyone pic.twitter.com/AAVyUsTUEW— Harish Upadhya (@harishupadhya) April 9, 2022
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक श्री राम सेना ने 15 दिन पहले मंदिर का प्रबंधन करने वाली संस्था को मुस्लिम विक्रेताओं को बेदखल करने संबंधी ‘समय सीमा’ निर्धारित की थी.
इसलिए, शनिवार की कार्रवाई उसी धमकी का नतीजा थी. डेक्कन हेराल्ड से बात करने वाले मुस्लिम दुकानदारों ने बताया कि पिछले 15 सालों में उन्हें कभी भी परिसर खाली करने के लिए नहीं कहा गया है.
मंदिर की प्रबंधन समिति के एक सदस्य ने कहा है कि मंदिर में जिनके स्टॉल हैं, उनमें से 99 फीसदी हिंदू हैं और ये आमतौर पर गरीबों को दिए जाते हैं.
बता दें कि हिंदुत्ववादी गुट की यह कार्रवाई तब सामने आई है जब कुछ दिनों पहले ही एक अन्य हिंदुत्ववादी नेता, बेंगलुरू की हिंदू जनजागृति समिति के समन्वयक चंद्रू मोगर, ने हिंदुओं से अपील की थी कि वे फल व्यवसाय में मुस्लिमों के एकाधिकार को समाप्त करने के लिए हिंदू दुकानदारों से ही फल खरीदें.
हलाल मीट और मस्जिदों में अजान के दौरान लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध की मांग के बाद हिंदुत्ववादी गुटों द्वारा मुस्लिमों के आर्थिक बहिष्कार का यह नए सिरे से किया गया आह्वान है.