ग़ाज़ियाबाद: झुग्गियों में लगी आग की चपेट में आई गौशाला, 38 गायों की मौत

घटना इंदिरापुरम थाना क्षेत्र में हुई. अधिकारियों ने बताया कि आग गौशाला से सटी एक झुग्गी बस्ती में कबाड़ गोदाम में लगी और तेजी से फैलते हुए गौशाला तक पहुंच गई. घटना के समय वहां क़रीब डेढ़ सौ गायें थीं. अग्निशमन अधिकारी के अनुसार, इस दौरान लगभग 100 झुग्गियां भी जलकर खाक़ हो गईं.

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गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में झुग्गियों में लगी आग और उसके चपेट में गोशाला आने से 38 गायों की मौत हो गई. (फोटो: पीटीआई)

घटना इंदिरापुरम थाना क्षेत्र में हुई. अधिकारियों ने बताया कि आग गौशाला से सटी एक झुग्गी बस्ती में कबाड़ गोदाम में लगी और तेजी से फैलते हुए गौशाला तक पहुंच गई. घटना के समय वहां क़रीब डेढ़ सौ गायें थीं. अग्निशमन अधिकारी के अनुसार, इस दौरान लगभग 100 झुग्गियां भी जलकर खाक़ हो गईं.

गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में झुग्गियों में लगी आग और उसके चपेट में गौशाला आने से 38 गायों की मौत हो गई. (फोटो: पीटीआई)

गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में कूड़ा फेंकने की जगह में लगी आग और उसकी चपेट में गौशाला के आने से उसमें रखी गई 38 गायों की जलकर मौत हो गई. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि इंदिरापुरम थाना क्षेत्र के अंतर्गत कनावनी गांव की गौशाला में रविवार-सोमवार की दरम्यानी रात करीब डेढ़ बजे आग लगने की घटना हुई.

श्रीकृष्ण गौशाला के संचालक सूरज पंडित के मुताबिक आग लगने की घटना के समय वहां करीब 150 गायें थीं. आशंका है कि नजदीक में मौजूद कूड़ा फेंकने की जगह में लगी आग से लपटें गौशाला तक पहुंचीं.

जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और कहा कि मामले की जांच के लिए समिति गठित की गई है.

गाजियाबाद के पुलिस प्रमुख मुनीराज जी भी मौके पर पहुंचे. बाद में इंदिरापुरम के क्षेत्राधिकारी अभय कुमार मिश्रा ने बताया कि घटना में कुल 38 गायों की मौत हुई है. मिश्रा मामले की जांच के लिए गठित समिति के सदस्य हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, अधिकारियों ने कहा कि आग गौशाला से सटी एक झुग्गी बस्ती में कबाड़ गोदाम में लगी और तेजी से इलाके की 60 झोंपड़ियों में फैल गई. आग की लपटों ने गौशाला को अपनी चपेट में ले लिया.

मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि दमकल की 13 गाड़ियों ने दो घंटे में आग पर काबू पा लिया.

उन्होंने कहा, ‘झुग्गी बस्ती में रहने वाले अधिकांश लोग कबाड़ और अन्य अपशिष्ट पदार्थ एकत्र करते हैं. उन्होंने एक गोदाम बनाया था, जहां आग लगी थी. चूंकि अधिकांश सामग्री या तो कागज या प्लास्टिक से बनी थी, इसलिए आग की लपटें मिनटों में फैल गईं. झोंपड़ियों में आग लगते ही कुल 18 एलपीजी सिलेंडर फट गए. इससे आग की लपटें फैल गईं, जो पास के गौशाला में फैल गईं. मरने वाली गायें खूंटों से बंधी हुई थीं. उन्हें समय पर मुक्त नहीं किया जा सका. हम आग के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं.’

पिछले तीन साल से डेयरी चला रहे श्री कृष्ण सेवा गौशाला ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूरज पंडित ने कहा कि जानवरों की देखभाल के लिए दो व्यक्ति हैं. उन्होंने कहा, ‘जैसे ही मुझे पता चला कि गौशाला में आग लग गई है, मैंने देखभाल करने वालों से जानवरों को खोलने के लिए कहा. इस तरह करीब 50 गायों को बचाया जा सका. अन्य गायें मारी गईं या गंभीर रूप से झुलस गईं.’

पंडित ने दावा किया कि वह प्रशासन से पिछले तीन साल से झुग्गी को हटाने का आग्रह कर रहे हैं, उनका आरोप है कि वहां के लोग अक्सर गौशाला के पास कचरा फेंकते हैं. लेकिन जिला प्रशासन ने कुछ नहीं किया. उन्होंने कहा, ‘मैं इस बारे में मुख्यमंत्री को लिखूंगा.’

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, सूरज पंडित ने कहा, ‘गौशाला में 100 से अधिक गायें थीं और आग ने लगभग 40 गायों की जान ले ली. हम बाकी को बचाने में सफल रहे और कुछ को चोटें आई हैं. हमने जिला प्रशासन के अधिकारियों से बात की है और उनसे गहन जांच करने और गौशाला के पुनर्निर्माण में हमारी मदद करने के लिए कहा है.’

अग्निशमन अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने कहा कि घटना के दौरान करीब 100 झुग्गियां भी जलकर खाक हो गईं लेकिन आग से कोई हताहत नहीं हुआ.

गाजियाबाद के जिला मजिस्ट्रेट आरके सिंह ने कहा, ‘मैंने अधिकारियों से घटना की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने और आग लगने के कारणों को पता लगाने के लिए कहा है. साथ ही उन्हें आग के कारण मरने वाली गायों की संख्या के बारे में विस्तार से पूछताछ करने के लिए भी कहा गया है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)