भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह पर लग रहे आरोपों पर पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से आया बयान.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह के कारोबार में अप्रत्याशित इजाफे को लेकर द वायर की स्टोरी पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने मोदी सरकार से अलग रुख दिखाया है. जहां मोदी सरकार के मंत्री जय अमित शाह का बचाव करते नजर आए हैं. वहीं, गुरुवार को संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा है कि अगर पहली नजर में कोई मामला बनता हो तो जांच होनी चाहिए.
भोपाल में चल रही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए होसबोले ने कहा कि अगर किसी पर भ्रष्टाचार के आरोप होते हैं, तो उस पर जो आवश्यक जांच हो वो होनी चाहिए.
एनडीटीवी खबर के मुताबिक, ‘संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा है कि अगर पहली नजर में कोई मामला बनता हो तो जांच होनी चाहिए.’
गौरतलब है कि इस मामले को लेकर आप, कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियां भाजपा को लगातार घेर रही हैं.
न्यूज चैनल आज तक के मुताबिक, ‘इस मुद्दे पर जब दत्तात्रेय होसबोले से सवाल किया गया तो उनका जवाब था कि किसी पर भी भ्रष्टाचार के जो आरोप होते हैं, उसपर जो आवश्यक जांच है, वो हो. उस हिसाब से जो कार्रवाई होती है, वो हो दत्तात्रेय ने आगे कहा कि और आरोप प्रथमदृष्टया सिद्ध होने के बाद ही जांच कर सकते हैं.’
वहीं, जब होसबोले से कहा गया कि इस मामले की तो जांच करने से भी मना कर दिया गया है तो उनका जवाब था कि जांच करने के लिए भी प्रथमदृष्टया सबूत होने चाहिए. जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें नहीं लगता कि प्रथमदृष्टया मामला बनता है तो उन्होंने कहा कि ये आरोप लगाने वाले सिद्ध करें.
गौरतलब है इससे पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, राजनाथ सिंह समेत दूसरे भाजपा नेता जय अमित शाह का बचाव करते नजर आए.
हालांकि पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने इस बचाव की आलोचना की थी. सिन्हा ने कहा कि ‘पीयूष गोयल केंद्रीय मंत्री हैं, न कि जय शाह की कंपनी चार्टर्ड अकाउंटेंट, इसी तरह उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री या दूसरे नेता जो समर्थन में उतरे, उससे बचा जा सकता था. यह नहीं होना चाहिए था. सिन्हा ने कहा कि पार्टी ने लंबे समय में जो नैतिक आधार बनाया था, इस प्रकरण के बाद वह नैतिक आधार खो दिया है. इससे पार्टी की छवि धूमिल हुई है.’