कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी धर्मगुरु यति नरसिंहानंद के एक संगठन ने हिमाचल प्रदेश के ऊना में तीन दिवसीय धर्म संसद का आयोजन किया है. कार्यक्रम में नरसिंहानंद ने दावा किया कि मुस्लिम योजनाबद्ध तरीके से कई बच्चों को जन्म देकर अपनी आबादी बढ़ा रहे हैं. यति सत्यदेवानंद सरस्वती ने कहा कि जब मुसलमान बहुसंख्यक होंगे तो भारत पड़ोसी देश पाकिस्तान जैसा इस्लामिक देश बन जाएगा.
शिमला/नई दिल्ली: कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी धर्मगुरु यति नरसिंहानंद के एक संगठन ने बीते रविवार को भारत को इस्लामिक देश बनने से बचाने के लिए हिंदुओं से अधिक बच्चों को जन्म देने का आह्वान किया.
हिमाचल प्रदेश में ऊना जिले के मुबारिकपुर में ‘अखिल भारतीय संत परिषद’ के प्रदेश प्रभारी यति सत्यदेवानंद सरस्वती ने बताया कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, क्योंकि यह हिंदू बहुल है.
उन्होंने संगठन के तीन दिवसीय ‘धर्म संसद’ के पहले दिन दावा किया कि मुसलमान नियोजित तरीके से कई बच्चों को जन्म देकर अपनी आबादी बढ़ा रहे हैं.
सरस्वती ने कहा, ‘इसलिए हमारे संगठन ने भारत को इस्लामिक देश बनने से रोकने के लिए हिंदुओं से अधिक बच्चों को जन्म देने के लिए कहा है.’
सत्यदेवानंद ने कहा, ‘देश में मुसलमानों की बढ़ती जनसंख्या हिंदुओं के पतन का संकेत देती है… हिंदुओं को अपने परिवारों को मजबूत करना चाहिए, उन्हें अपने परिवारों की रक्षा, मानवता और सनातन धर्म के लिए अधिक बच्चों को जन्म देना चाहिए.’
उन्होंने कहा कि जब मुसलमान बहुसंख्यक होंगे तो भारत पड़ोसी देश पाकिस्तान जैसा इस्लामिक देश बन जाएगा. उन्होंने कहा, ‘इसीलिए हमारे संगठन ने हिंदुओं से कहा है कि वे भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनने से बचने के लिए अधिक बच्चों को जन्म दें.’
यह पूछे जाने पर कि क्या यह दो बच्चों की राष्ट्रीय नीति के खिलाफ नहीं होगा, सत्यदेवानंद ने कहा, ‘हमारे देश में ऐसा कोई कानून नहीं है जो नागरिकों को केवल दो बच्चों को जन्म देने के लिए कहे.’
मालूम हो कि हरिद्वार में बीते साल आयोजित धर्म संसद में मुस्लिमों के नरसंहार का आह्वान करने के मामले में जमानत पर बाहर आए महंत यति नरसिंहानंद ने भी इस महीने मथुरा में हिंदुओं से देश को आगामी दशकों में ‘हिंदू-विहीन’ बनने से रोकने के लिए अधिक बच्चों को जन्म देने का अनुरोध किया था.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस कार्यक्रम में यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा, ‘एक समय था जब अमरनाथ और माता वैष्णो देवी की तीर्थयात्रा पर मुस्लिम समुदाय द्वारा पथराव किया जाता था.’
उन्होंने कहा कि हालत यह है कि दुर्गा अष्टमी के दिन देशभर में निकलने वाले जुलूस पर पथराव और हमले शुरू हो गए हैं. उन्होंने आगे कहा कि हिंदू समाज के लिए इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है.
यति नरसिंहानंद ने दावा किया कि मुस्लिम योजनाबद्ध तरीके से कई बच्चों को जन्म देकर अपनी आबादी बढ़ा रहे हैं. नरसिंहानंद ने देश भर के अन्य पुजारियों के साथ ऊना में आयोजित इस धर्म संसद में भाग लिया.
HP | A 'Dharam Sansad' is being organised in Mubarikpur area of Una. We've issued a notice to the organisers to ensure that no inflammatory speech or comment is made there. We've not received any complaint. As a precautionary measure,we've deployed force there: SP Una, Arijit Sen pic.twitter.com/IbqyFqQzjl
— ANI (@ANI) April 18, 2022
ऊना के पुलिस अधीक्षक अरिजीत सेन ने कहा, ‘ऊना के मुबारिकपुर क्षेत्र में धर्म संसद का आयोजन किया जा रहा है. हमने यह सुनिश्चित करने के लिए आयोजकों को नोटिस जारी किया है कि वहां कोई भड़काऊ भाषण या टिप्पणी न की जाए. हमें कोई शिकायत नहीं मिली है. एहतियात के तौर पर हमने वहां फोर्स तैनात कर दी है.’
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पूरे देश में यति नरसिंहानंद, अन्नपूर्णा भारती और कई अन्य संतों और पुजारियों की बैठक में भाग लेने के मद्देनजर हिमाचल प्रदेश पुलिस ने सरस्वती को एक नोटिस में निर्देश दिया है कि किसी भी धर्म या जाति खिलाफ उकसाने वाली भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
पुलिस अधिनियम, 2007 की धारा 64 के तहत ऊना जिले के अंब थाने के एसएचओ ने नोटिस जारी करते हुए कहा है कि अगर इस तरह के निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
ऊना धर्म संसद के आयोजकों में से एक सत्यदेव सरस्वती ने एनडीटीवी को बताया कि यह एक निजी कार्यक्रम था और इसके लिए प्रशासन से अनुमति लेने की कोई आवश्यकता नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘हम कानून में विश्वास नहीं करते… हम किसी से नहीं डरते… यहां हम सच कह रहे हैं, नफरती भाषण नहीं दे रहे हैं.’
मालूम हो कि उत्तर दिल्ली के बुराड़ी में बीते तीन अप्रैल को आयोजित ‘हिंदू महापंचायत’ कार्यक्रम में नरसिंहानंद ने एक बार फिर मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा का आह्वान करते पाए गए थे. इस संबंध में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
धर्म संसद मामले में गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा हुए नरसिंहानंद ने जमानत शर्तों का उल्लंघन करते हुए मुस्लिमों पर निशाना साधते हुए नफरती भाषण दिए हैं.
इस मामले में अदालत की जमानत शर्तों का उल्लंघन करने के लिए नरसिंहानंद और अन्य वक्ताओं के खिलाफ मुखर्जी नगर पुलिस थाने में नफरती भाषण देने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है.
कट्टर हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद हरिद्वार धर्म संसद के आयोजकों में से एक थे. नरसिंहानंद उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित डासना मंदिर के पुजारी हैं, जो अपने बयानों को लेकर पहले भी विवादों में रहे हैं.
बीते साल दिसंबर में उत्तराखंड के हरिद्वार शहर में आयोजित ‘धर्म संसद’ में मुसलमान एवं अल्पसंख्यकों के खिलाफ खुलकर नफरत भरे भाषण देने के साथ उनके नरसंहार का आह्वान भी किया गया था.
धर्म संसद में यति नरसिंहानंद ने मुस्लिम समाज के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी करते हुए कहा था कि वह ‘हिंदू प्रभाकरण’ बनने वाले व्यक्ति को एक करोड़ रुपये देंगे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)