एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने मीडिया घरानों से देश के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक अशांति की रिपेार्टिंग करते समय अत्यधिक संयम बरतने तथा ध्रुवीकरण के बड़े खेल में मोहरा न बनने की अपील की है. गिल्ड ने कहा कि तथ्यों, संदर्भ को पूरी तरह समझे बिना किसी निष्कर्ष न पहुंचे क्योंकि इसके दीर्घकालिक प्रभाव हो सकते हैं.
नई दिल्ली: एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई) ने मंगलवार को मीडिया घरानों से देश के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक अशांति की घटनाओं की रिपेार्टिंग करते समय अत्यधिक संयम बरतने तथा ध्रुवीकरण के बड़े खेल में मोहरा नहीं बनने की अपील की.
गिल्ड ने यहां जारी एक बयान में कहा कि वह इस बात पर गौर करके निराश है कि समुदायों के बीच संघर्ष की खबरों के मूल्यांकन एवं प्रस्तुति में उचित सावधानी का अभाव पाया गया है.
उसने कहा, ‘खासकर यह इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल एवं सोशल मीडिया में साफ तौर पर नजर आया है.’
यह बयान मध्य प्रदेश, कर्नाटक, दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं की पृष्ठभूमि में आया है.
एडिटर्स गिल्ड ने तथ्यों, संदर्भ को पूरी तरह समझे बिना ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचने और एक या दूसरे समुदाय को जिम्मेदार ठहराने के खिलाफ आगाह किया, क्योंकि इसके दीर्घकालिक प्रभाव हो सकते हैं.
The Editors Guild of India urges editors and journalists to exercise utmost restraint, and observe the highest professional standards, in reporting communal disturbances that have erupted in various parts of the country. pic.twitter.com/K0ZlhhJO0o
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) April 19, 2022
उसने कहा, ‘नेताओं, पुलिस, अधिकारियों एवं राज्येतर तत्वों के संरक्षण का अच्छा खासा दस्तावेजी ब्योरा है. इसलिए संपादकों के लिए इस आवेशित माहौल में समाचार कक्ष में अपना अनुभव एवं परिप्रेक्ष्य लाना जरूरी है.’
बयान में कहा गया है, ‘ईजीआई का मानना है कि निष्पक्षता, तटस्थता और संतुलन बनाए रखने के वास्ते हर पत्रकार के लिए अतिरिक्त प्रयास करना जरूरी है और ध्रुवीकरण के बड़े खेल में खुद को मोहरा नहीं बनने देना है.’
गौरतलब है कि 2 अप्रैल के बाद से 10 अप्रैल को रामनवमी सहित हिंदू धार्मिक जुलूसों के दौरान सांप्रदायिक झड़पों की कई घटनाएं सामने आई हैं. हिंदू और मुस्लिम संगठनों ने एक-दूसरे पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है.
बीते 10 अप्रैल को रामनवमी के अवसर पर हिंदुत्ववादी संगठन की ओर से निकले गए जुलूसों के दौरान गुजरात, मध्य प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में सांप्रदायिक हिंसा की ख़बर आई थीं.
इसके अलावा बीते 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के अवसर निकाले गए ऐसे ही एक जुलूस के दौरान राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हिंसा भड़क गई थी. इस संबंध में अब तक 24 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
इसके अलावा, आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड से हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं सामने आई थीं. इसी दौरान भीड़ ने एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर कर्नाटक के हुबली में पुलिसकर्मियों, एक अस्पताल और एक मंदिर पर हमला किया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)