असम में हिंदुस्तान पेपर कॉरपोरेशन लिमिटेड के हैलाकांडी ज़िले में कछार पेपर मिल एवं मोरीगांव ज़िले के जगीरोड में नगांव पेपर मिलें- क्रमश: अक्टूबर 2015 और मार्च 2017 से बंद पड़ी हैं. कर्मचारियों को जनवरी और मार्च 2017 से कोई वेतन नहीं दिया गया है. कर्मचारी यूनियन का कहना है कि दोनों मिलों के बंद होने के बाद से कम से कम 103 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है.
नगांव: असम के कछार जिले में बंद पड़ी एक पेपर मिल के एक बीमार कर्मचारी की, वेतन न मिलने की वजह से इलाज का खर्च न उठा पाने के चलते मृत्यु हो गई. मिल की यूनियन ने बुधवार को यह जानकारी दी.
पहले इस मिल का स्वामित्व हिंदुस्तान पेपर कॉरपोरेशन (एचपीसी) के पास था.
यूनियन ने बताया कि इसके साथ ही कछार और नगांव में इसकी दो मिलों के बंद होने के बाद से एचपीसी के 103 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है. जहां अक्टूबर 2015 में कछार इकाई ने काम करना बंद कर दिया, वहीं जगीरोड में स्थित नगांव मिल मार्च 2017 में बंद हो गई.
नगांव और कछार पेपर मिल्स की ‘मान्यताप्राप्त यूनियन की संयुक्त कार्रवाई समिति’ (जेएसीआरयू) ने कहा कि ओडिशा के कटक निवासी राजेंद्र कुमार दलोई का 58 वर्ष की आयु में सोमवार (18 अप्रैल) को निधन हो गया.
जेएसीआरयू ने दावा किया कि वह गुर्दे से संबंधित बीमारियों से पीड़ित था, लेकिन वेतन का भुगतान न होने के कारण वित्तीय संकट के चलते इलाज का खर्च नहीं उठा सकता था.
जेएसीआरयू ने कहा कि पिछले साल मई में हिमंता बिस्वा शर्मा सरकार के सत्ता में आने के बाद से यह 18वीं मौत है.
पिछले साल जेएसीआरयू ने दावा किया था कि मिलें बंद होने के बाद से खराब स्वास्थ्य के कारण 95 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है.
असम सरकार ने 28 मार्च को घोषणा की थी कि उसने एचपीसी की दो बंद हो चुकी पेपर मिलों का 375 करोड़ रुपये में अधिग्रहण कर लिया है.
जेएसीआरयू ने कहा कि असम सरकार हालांकि श्रमिकों के बचाव के लिए एक राहत पैकेज पर सहमत हो गई है, लेकिन अभी तक फंड जारी नहीं किया गया है.
कछार और नगांव इकाइयों के कर्मचारियों को क्रमश: जनवरी और मार्च 2017 से कोई वेतन नहीं दिया गया है.
पिछले साल अक्टूबर में असम सरकार ने कहा था कि वह दोनों बंद मिलों की संपत्ति का अधिग्रहण करेगी और राहत पैकेज मुहैया कराएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘मंत्रिमंडल ने दो पेपर मिलों के लिए 700 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी है. इनमें से 570 करोड़ रुपये की राशि कर्मचारियों की देनदारी के लिए होगी, जबकि बाकी राशि का इस्तेमाल बिजली बिल भरने और तरलता (नकदी) उपलब्ध कराने के भुगतान में व्यय होगा.’
शर्मा ने कहा था कि औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद एसपीसी की जगीरोड स्थित पंचग्राम और नगांव मिल की 470 एकड़ जमीन असम सरकार को स्थानांतरित की जाएगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)