मालदीव ने ‘भारत विरोधी’ अभियान पर प्रतिबंध लगाया, सुरक्षा एजेंसियों को कार्रवाई की अनुमति

मालदीव के विपक्षी दल प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव के प्रमुख पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन बीते लगभग एक साल से ‘इंडिया आउट’ अभियान की अगुवाई कर रहे थे. यह अभियान इस अप्रमाणित दावे की वजह से चल रहा था कि यहां भारतीय सैन्य अधिकारियों की तैनाती मालदीव की संप्रभुता का उल्लंघन है. मालदीव के विदेश और रक्षा मंत्रालयों ने बार-बार इस द्वीपीय देश में भारतीय सेना की मौजूदगी से इनकार किया है.

/
Supporters of Abdulla Yameen, chief of Progressive Party of Maldives, attend a "India Out" protest rally in Naifaru, Maldives, March 19, 2022. Progressive Party of Maldives/Handout via REUTERS

मालदीव के विपक्षी दल प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव के प्रमुख पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन बीते लगभग एक साल से ‘इंडिया आउट’ अभियान की अगुवाई कर रहे थे. यह अभियान इस अप्रमाणित दावे की वजह से चल रहा था कि यहां भारतीय सैन्य अधिकारियों की तैनाती मालदीव की संप्रभुता का उल्लंघन है. मालदीव के विदेश और रक्षा मंत्रालयों ने बार-बार इस द्वीपीय देश में भारतीय सेना की मौजूदगी से इनकार किया है.

मालदीव की विपक्षी पार्टी का इंडिया आउट कैंपेन (फोटोः रॉयटर्स)

नई दिल्लीः मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह ने देश में लगभग सालभर से चल रहे ‘इंडिया आउट’ अभियान को राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर आदेश जारी कर प्रतिबंधित कर दिया.

इस आदेश का जारी होने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने अभियान से जुड़े बैनर हटाने शुरू कर दिए और उन्हें विपक्षी दलों के खिलाफ कार्रवाई करने की मंजूरी मिल गई.

दरअसल मालदीव की विपक्षी पार्टी प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) के प्रमुख और पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन बीते लगभग एक साल से ‘इंडिया आउट’ अभियान की अगुवाई कर रहे हैं.

इस अभियान के तहत यह अप्रमाणित दावा किया जा रहा है कि हिंद महासागर में स्थित इस द्वीपीय देश (मालदीव) में भारतीय सैन्य अधिकारियों की तैनाती देश की संप्रभुता का उल्लंघन है. हालांकि, मालदीव के विदेश और रक्षा मंत्रालयों ने बार-बार इन दावों का खंडन कर भारतीय सेना की मौजूदगी से इनकार किया है.

इस अभियान के निशाने पर राष्ट्रपति सोलिह और मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी दोनों हैं, जिन्हें भारत का करीबी माना जाता है.

इससे पहले सत्तारूढ़ पार्टी ने एक मसौदा कानून लाया गया था, जिसमें मालदीव के विदेशी संबंधों को नुकसान पहुंचाने वाले अभियानों का अपराधीकरण करने का प्रावधान है. हालांकि, ऐसा लगता है कि यह मसौदा कानून ठंडे बस्ते में चला गया है.

मालदीव संसद की सुरक्षा सेवा समिति ने ‘इंडिया आउट’ अभियान के प्रभावों का आकलन करने के लिए फरवरी और मार्च में सरकार के शीर्ष मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठकें की थीं. समिति ने अभी तक अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप नहीं दिया है.

बता दें कि बुधवार (20 अप्रैल) रात को यह आदेश (संख्या 2022/5) जारी किया गया, जिसमें ऐलान किया गया कि राष्ट्रीय सुरक्षा समिति ने फैसला लिया है कि भारत के खिलाफ नफरत भड़काने वाला अभियान राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है.

इस अधिसूचना में कहा गया कि भारत के खिलाफ अभियान एक संगठित अभियान है, जिसका मकसद मालदीव और भारत के बीच लंबे समय से चले आ रहे द्विपक्षीय संबंधों को बाधित करना है. इसके साथ ही मालदीव की शांति और सुरक्षा को खतरे में डालकर इस क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के महत्वपूर्ण प्रयासों को बाधित करना है.

इसमें तर्क दिया गया कि इस तरह के खतरों से राष्ट्र को बचाने की जिम्मेदारी सरकार की है, क्योंकि यह मालदीव को एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में बनाए रखने में बाधा उत्पन्न कर सकता है और इसके साथ ही विदेशों में रह रहे मालदीव के लोगों, विदेश यात्रा करने वाले मालदीव के नागरिकों और राष्ट्र की छत्रछाया में विदेशियों की सुरक्षा के लिए बाधा उत्पन्न हो सकती है.

आदेश में कहा गया, मालदीव के संविधान के अनुच्छेद 115 (सी), (डी) और (आई) के तहत राष्ट्रपति को प्राप्त में शक्तियों और जिम्मेदारियों के अनुसार मैं उपरोक्त बताए गए इन अभियानों को रोकने के अपने फैसले की पुष्टि करता हूं और सभी संबंधित एजेंसियों को इस फैसले को लागू करने का आदेश देता हूं.

इस आदेश के बाद मालदीव की मीडिया ने बताया कि पुलिस ने एक दिन का नोटिस देने के बाद इमारतों से ‘इंडिया आउट’ के बैनर जब्त कर लिए.

सरकारी चैनल पीएसएम न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस अधिकारियों ने विपक्षी प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव्स (पीपीएम) के नेता एवं पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के घर से 50 फुट के बैनर को जब्त कर लिया.

विपक्षी गठबंधन ने गुरुवार को ऐलान किया था कि वह इस फैसले को कानूनी चुनौती देंगे. पीपुल्स नेशनल कांग्रेस के नेता अब्दुल रहीम अब्दुल्ला ने बताया कि यह आदेश गैरकानूनी है.

उन्होंने कहा, ‘हम इस आदेश को चुनौती देने के लिए हमारी लीगल टीम से चर्चा कर रहे हैं.’

(इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq