यूपी: ट्रांसफर रुकवाने के लिए महिला शिक्षकों ने छात्राओं को छत पर कथित रूप से बंधक बनाया

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले के बेहजम में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का मामला. बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि दोनों शिक्षकों के ख़िलाफ़ स्थानीय थाने में एफ़आईआर दर्ज करा दी है. पूरे मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय टीम बनाई गई है.

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(प्रतीकात्मक फोटो: विकिमीडिया कॉमन्स)

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले के बेहजम में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का मामला. बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि दोनों शिक्षकों के ख़िलाफ़ स्थानीय थाने में एफ़आईआर दर्ज करा दी है. पूरे मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय टीम बनाई गई है.

(प्रतीकात्मक फोटो: विकिमीडिया कॉमन्स)

लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के बेहजम में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय (केजीबीवी) की करीब दो दर्जन छात्राओं को उनकी दो शिक्षकों ने बृहस्पतिवार (21 अप्रैल) रात कथित तौर पर छत पर बंद कर दिया. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

अधिकारियों और स्थानीय पुलिस ने कई घंटों के बाद लड़कियों को उनके छात्रावास में वापस लाने में कामयाबी हासिल की.

लखीमपुर खीरी के बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) लक्ष्मीकांत पांडेय ने बताया, ‘शिक्षकों ने अनुशासनात्मक आधार पर दूसरे केजीबीवी में हुए उनके तबादले को रद्द करने के लिए जिले के अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाए.’

उन्होंने बताया, ‘वार्डन ललित कुमारी ने उन्हें और जिला समन्वयक, बालिका शिक्षा रेणु श्रीवास्तव को घटना के बारे में सूचित किया, जिसके बाद वे स्कूल पहुंचे और वहां कई घंटों तक मौजूद रहे. स्थानीय पुलिस थाना से महिला पुलिस को बुलाया गया और लड़कियों को अपने छात्रावास के कमरे में वापस लाया गया.’

पांडेय ने कहा, ‘इस संबंध में जिला समन्वयक बालिका शिक्षा रेणु श्रीवास्तव द्वारा दो शिक्षकों मनोरमा मिश्रा और गोल्डी कटियार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के के तहत एक एफआईआर दर्ज कराई गई है.’

उन्होंने बताया कि जांच में दोषी पाए जाने पर शिक्षकों के खिलाफ सेवा अनुबंध को समाप्त करने सहित कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

बीएसए पांडेय ने बताया कि पूरे मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय टीम बनाई गई है. टीम में बीईओ मुख्यालय, बीईओ बेहजम, डीसी आईईडी व एसआरजी शामिल हैं. सोमवार तक जांच रिपोर्ट आ जाएगी, जिसके बाद विद्यालय को छात्राओं के लिए खोला जाएगा.

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, 21 अप्रैल की देर शाम करीब 7:30 बजे आवासीय स्कूल की छात्राओं ने खाना खाया. इसके बाद 35-36 बालिकाएं नीचे रह गईं, जबकि 20 छात्राएं छत चली गईं.

बताया जाता है कि छत पर मौजूद छात्राओं के पास दोनों आरोपी शिक्षक पहुंचीं और तबादला होने की बात बताई. शिक्षकों ने छात्राओं को भड़काने का भी प्रयास किया. नीचे उतरते समय दोनों शिक्षकों ने छत के प्रवेश द्वार पर कुंडी लगा दी.

रिपोर्ट के अनुसार, काफी देर तक जब कुंडी नहीं खुली तो छात्राएं चिल्लाने लगीं. इसी दौरान वार्डेन ललित कुमारी ने छात्राओं को छत से उतरकर कमरों में जाने के लिए कहा तो उनके रोने और शोर मचाने के बाद यह पता चल पाया कि छात्राओं को छत पर कैद किया गया है.

बताया जाता है कि इसके बाद स्कूल स्टाफ तथा आसपास के ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी. रात करीब 10 बजे पहुंचे बीएसए ने गंभीरता को देखते हुए इलाके बीईओ को भी मौके पर बुला लिया. कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में रात करीब दो बजे तक स्थितियां गंभीर रहीं.

अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षक गोल्डी कटियार और मनोरमा मिश्र का आशारानी यादव (वार्डेन) से काफी समय से विवाद चल रहा था. आशारानी का तबादला किए जाने के साथ ही ललिता कुमारी को विद्यालय का वार्डेन बना दिया गया था.

बताया जाता है कि इसके बाद भी गुटबाजी न थमने पर बीएसए ने शिक्षक गोल्डी कटियार का रमियाबेहड़ ब्लॉक और मनोरमा मिश्र का पलिया ब्लॉक के विद्यालयों में तबादला कर दिया था. अपना तबादला रुकवाने के प्रयास में जुटीं दोनों महिला शिक्षकों ने ललिता कुमारी के खिलाफ ही बयान देने के लिए छात्राओं को बंधक बना लिया था.

रिपोर्ट के अनुसार, बेहजम स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में छात्राओं को बंधक बनाए जाने की घटना को गंभीरता से लेते हुए बीएसए ने सभी 54 छात्राओं को छुट्टी देते हुए उन्हें घर भेज दिया है. पूरे प्रकरण की जांच के लिए गठित टीम द्वारा रिपोर्ट दिए जाने के बाद छात्राओं को वापस बुलाकर पढ़ाई फिर से संचालित की जाएगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)