90 वर्षीय पद्म पुरस्कार विजेता से छिना सरकारी आवास, आठ कलाकारों को दो मई तक का नोटिस

केंद्र सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित ओडिसी नृत्य गुरु मायाधर राउत को आवंटित सरकारी आवास उनसे ख़ाली करा लिया है और देश के आठ मशहूर कलाकारों से कहा है कि वे 2 मई तक अपने-अपने सरकारी आवास ख़ाली कर दें.

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गुरू मायाधर राउत.

केंद्र सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित ओडिसी नृत्य गुरु मायाधर राउत को आवंटित सरकारी आवास उनसे ख़ाली करा लिया है और देश के आठ मशहूर कलाकारों से कहा है कि वे 2 मई तक अपने-अपने सरकारी आवास ख़ाली कर दें.

गुरू मायाधर राउत.

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को आठ मशहूर कलाकारों को आवंटित सरकारी आवासों को 2 मई तक खाली करने के लिए कहा है. वर्षों पहले उक्त आवास उन्हें आवंटित किए गए थे, लेकिन 2014 में उनका आवंटन रद्द कर दिया गया था.

पद्मश्री से सम्मानित ओडिसी नृत्य गुरु मायाधर राउत से सरकारी आवास खाली कराए जाने की कार्रवाई शुरू करने के एक दिन बाद सरकार ने यह कदम उठाया है.

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा 2020 में कलाकारों को घर खाली करने के लिए नोटिस जारी करने के बाद कलाकरों के एक समूह ने इस नोटिस के खिलाफ अदालत का रुख किया था, जिनमें दिवंगत कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज, मेहिनीअट्टम की नर्तक भारती शिवाजी, कुचिपुड़ी के नर्तक गुरु वी. जयरामा राव, मायाधर राउत, ध्रुपद गायक उस्ताद एफ. वसीफुद्दीन डागर और भरतनाट्यम की नर्तक रानी सिंघल शामिल थीं.

मायाधर राउत की बेटी मधुमिता राउत भी स्वयं एक कलाकार हैं, उन्होंने द हिंदू को बताया कि कलाकार 25 फरवरी को अदालती केस हार गए थे और उनके पास 25 अप्रैल तक का समय था कि वे एशियन खेल गांव में स्थित आवासों को खाली करें. बहरहाल, दिल्ली हाईकोर्ट में इस संबंध में अपील लगा दी गई है.

मधुमिता ने कहा, ‘संपदा निदेशालय को पता था कि हमारी अपील पर बुधवार को सुनवाई होनी है, इसलिए वे अपने कर्मचारियों और पुलिस के साथ मंगलवार को जबरन हमारा सामान बाहर फेंकने आए. वे दोपहर एक बजे आए. तब मैं अपने पिता को दोपहर का भोजन परोस रही थी. मैंने उनसे आग्रह किया कि मेरे पिता को खाना खा लेने दें, लेकिन उन्होंने इसकी अनुमति नहीं दी.’

उन्होंने बताया कि उनके पिता अब अस्थायी रूप से एक छात्र के साथ रहेंगे. उन्होंने आगे कहा, ‘बेदखली से मुझे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन जिस तरह से यह किया गया वह अमानवीय था. आवास उन कलाकारों को आवंटित किए गए जो गुरु-शिष्य परंपरा के साथ काम करते हैं और व्यावसायिक हितों की परवाह नहीं करते हैं. क्या पद्म पुरस्कार विजेताओं की देखभाल करना सरकार की जिम्मेदारी नहीं है?’

केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कई बार नोटिस देने के बावजूद 28 कलाकारों में से आठ ने अब तक अपना सरकारी आवास खाली नहीं किया है.

अधिकारी ने कहा, ‘इन आठ कलाकारों ने हमें आश्वासन दिया है कि वे अपना सरकारी बंगला खाली करने की प्रक्रिया में हैं और उन्होंने कुछ और दिन का समय मांगा है. उन्होंने हमें लिखित में दिया है कि वे दो मई तक आवास खाली कर देंगे और हमने उन्हें तब तक का समय दिया है.’

गुरु मायाधर राउत की बेदखली के संबंध में अधिकारी ने कहा कि अधिकारियों की एक टीम को उनके सरकारी बंगले में बेदखली की कार्यवाही शुरू करने के लिए भेजा गया था. गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर वीडियो और तस्वीरों में उनके घर का सामान बंगले के बाहर रखा देखा जा सकता है.

सरकार की नीति के अनुसार, संस्कृति मंत्रालय की सिफारिश पर 40 कलाकारों को एक विशेष कोटे के तहत आवास आवंटित किया जा सकता है, यदि वे 20,000 रुपये प्रति माह से कम कमाते हैं.

इस महीने की शुरुआत में, दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय शास्त्रीय कलाकार रीता गांगुली को आवास खाली करने के लिए और समय देने से इनकार कर दिया था. उन्होंने एकल पीठ के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें और अन्य को अप्रैल के अंत तक दिल्ली में आवंटित आवास खाली करने के निर्देश दिए गए थे.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और नवीन चावला की पीठ ने कहा था कि वह एक भी दिन और नहीं देगी और कहा कि एकल न्यायाधीश ने उन्हें जो दो महीने का समय दिया, वह परोपकार से अधिक था.

केंद्र सरकार ने आवास खाली करने के लिए 31 दिसंबर 2020 तक की समयसीमा दी थी, लेकिन याचिका दायर होने के बाद हाईकोर्ट ने नोटिस पर रोक लगा दी थी.

कुचिपुड़ी नर्तक गुरु जयराम राव को 1987 में एक मकान आवंटित किया गया था, उनकी पत्नी वनश्री राव ने कहा कि वे संपत्ति खाली करने की प्रक्रिया में हैं.

उन्होंने बुधवार को पीटीआई को बताया, ‘हमने घरेलू सामान की पैकिंग शुरू कर दी है. सरकार हमारी सुनने को तैयार नहीं है. हम जल्द ही आवास खाली कर देंगे.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)