स्पेन: साल 2021 में प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के फोन को पेगासस स्पायवेयर से निशाना बनाया गया

स्पेन के अधिकारियों ने बताया कि मई 2021 में दो बार प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज का मोबाइल फोन हैक हुआ था. वहीं, रक्षा मंत्री मार्गरीटा रॉबल्स के फोन को अप्रैल 2021 में एक बार निशाना बनाया गया था.

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स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज. (फोटो: रॉयटर्स)

स्पेन के अधिकारियों ने बताया कि मई 2021 में दो बार प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज का मोबाइल फोन हैक हुआ था. वहीं, रक्षा मंत्री मार्गरीटा रॉबल्स के फोन को अप्रैल 2021 में एक बार निशाना बनाया गया था.

स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज. (फोटो: रॉयटर्स)

मैड्रिड: स्पेन के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के मोबाइल फोन को पिछले साल पेगासस स्पायवेयर से निशाना बनाया गया था.

राष्ट्रपति कार्यालय के मंत्री फेलिक्स बोलानोस ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, मई 2021 में दो बार प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज का मोबाइल फोन हैक हुआ था. रक्षा मंत्री मार्गरीटा रॉबल्स के फोन को अप्रैल 2021 में एक बार निशाना बनाया गया था.

उन्होंने कहा कि इन कृत्यों से महत्वपूर्ण डेटा प्राप्त किया जा रहा है. उल्लंघनों का विवरण देने वाली रिपोर्ट को आगे की जांच के लिए स्पेन के राष्ट्रीय न्यायालय को स्थानांतरित कर दिया गया है.

बोलानोस ने कहा, ‘हमें इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह एक अवैध, अनधिकृत हस्तक्षेप है. इसे बाहरी ताकतों द्वारा अंजाम दिया जा रहा है और इन्हें न्यायिक प्राधिकरण हासिल नहीं है.’

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, उन्होंने कहा, ‘न्याय मंत्रालय को जासूसी की सूचना दी गई है और उच्च न्यायालय मामले की जांच करेगा.’

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के समूह ‘सिटिज़न लैब’ के अनुसार, स्पेन की सरकार पर यह स्पष्ट करने का दबाव है कि 2017 और 2020 के बीच उत्तर-पूर्वी कैटेलोनिया क्षेत्र में अलगाववादी आंदोलन से जुड़े कई लोगों के मोबाइल फोन को पेगासस के जरिये क्यों निशाना बनाया गया.

सिटिज़न लैब ने कहा कि कैटेलोनिया अलगाववादी आंदोलन से जुड़े 60 से अधिक लोगों को इज़राइल के एनएसओ समूह द्वारा बनाए गए पेगासस स्पायवेयर से निशाना बनाया गया था.

कैटेलोनिया अलगाववादी आंदोलन के सदस्यों पर जासूसी के आरोपों के बाद संसद में अल्पमत की सरकार की प्रमुख सहयोगी, कैटेलोनिया की वामपंथी स्वतंत्रता समर्थक पार्टी ईआरसी ने कहा कि यह तब तक सरकार का समर्थन नहीं करेगी जब तक कि मैड्रिड वापस भरोसा हासिल करने के उपाय नहीं करता.

वहीं, यूरोपीय संघ के डेटा प्रोटेक्शन वॉचडॉग ने पेगासस पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है. उनका आरोप है कि स्पायवेयर खरीदने वाली सरकारों द्वारा अधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और नेताओं की जासूसी करने के लिए इसका दुरुपयोग किया गया है.

हाल ही में स्पेन ने कैटलोनिया की स्वतंत्रता के दर्जनों समर्थकों के फोन विवादित जासूसी सॉफ्टवेयर से हैक किए जाने के आरोपों की जांच शुरू करने के साथ वादा करते हुए कहा था कि वे इस जांच को पूरी पारदर्शिता से करेंगे.

स्पेन की सरकार ने पेगासस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से न तो इनकार किया है और न ही पुष्टि की है. उसने कहा है कि कोई भी निगरानी न्यायाधीशों की देखरेख में होती है.

मालूम हो कि एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंसोर्टियम, जिसमें द वायर  भी शामिल था, ने पेगासस प्रोजेक्ट के तहत यह खुलासा किया था कि इजरायल की एनएसओ ग्रुप कंपनी के पेगासस स्पायवेयर के जरिये दुनियाभर में नेता, पत्रकार, कार्यकर्ता, सुप्रीम कोर्ट के अधिकारियों के फोन कथित तौर पर हैक कर उनकी निगरानी की गई या फिर वे संभावित निशाने पर थे.

इस कड़ी में 18 जुलाई 2021 से द वायर  सहित विश्व के 17 मीडिया संगठनों ने 50,000 से ज्यादा लीक हुए मोबाइल नंबरों के डेटाबेस की जानकारियां प्रकाशित करनी शुरू की थी, जिनकी पेगासस स्पायवेयर के जरिये निगरानी की जा रही थी या वे संभावित सर्विलांस के दायरे में थे.

इस पड़ताल के मुताबिक, इजरायल की एक सर्विलांस तकनीक कंपनी एनएसओ ग्रुप के कई सरकारों के क्लाइंट्स की दिलचस्पी वाले ऐसे लोगों के हजारों टेलीफोन नंबरों की लीक हुई एक सूची में 300 सत्यापित भारतीय नंबर हैं, जिन्हें मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, पत्रकारों, न्यायपालिका से जुड़े लोगों, कारोबारियों, सरकारी अधिकारियों, अधिकार कार्यकर्ताओं आदि द्वारा इस्तेमाल किया जाता रहा है.

यह खुलासा सामने आने के बाद देश और दुनियाभर में इसे लेकर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था.

बता दें कि एनएसओ ग्रुप मिलिट्री ग्रेड के इस स्पायवेयर को सिर्फ सरकारों को ही बेचती हैं. भारत सरकार ने पेगासस की खरीद को लेकर न तो इनकार किया है और न ही इसकी पुष्टि की है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)