खेत में प्रवेश पर दलितों की जूतों से पिटाई की मुनादी कराने के आरोपी पूर्व प्रधान गिरफ़्तार

उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले के चरथावल थाना क्षेत्र का मामला है. पावती खुर्द गांव के लोगों ने दावा किया कि दलित समुदाय के सदस्यों द्वारा उनके खेत में काम करने से इनकार करने के बाद पूर्व ग्राम प्रधान राजबीर त्यागी ने उन्हें खेतों में प्रतिबंधित करने के लिए यह घोषणा की थी. राजवीर त्यागी गैंगस्टर विक्की त्यागी के पिता हैं.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले के चरथावल थाना क्षेत्र का मामला है. पावती खुर्द गांव के लोगों ने दावा किया कि दलित समुदाय के सदस्यों द्वारा उनके खेत में काम करने से इनकार करने के बाद पूर्व ग्राम प्रधान राजबीर त्यागी ने उन्हें खेतों में प्रतिबंधित करने के लिए यह घोषणा की थी. राजवीर त्यागी गैंगस्टर विक्की त्यागी के पिता हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के चरथावल थाना क्षेत्र के एक गांव में गेंहूं की फसल काटने से इनकार करने पर दलितों की जूतों से पिटाई करने और जुर्माना वसूलने की मुनादी करने के आरोपी पूर्व ग्राम प्रधान समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

घटना सोमवार (नौ मई) को चरथावल क्षेत्र के पावती खुर्द गांव में हुई. पूर्व प्रधान राजबीर त्यागी की ओर से मुनादी करते एक व्यक्ति का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. व्यक्ति ढोल पीटते हुए यह घोषणा कर रहा था कि अगर कोई (दलित) उनके खेत और ट्यूबवेल में प्रवेश करेगा तो उसे पांच बार जूतों से पीटा जाएगा और पांच हजार रुपये जुर्माना वसूला जाएगा.

राजवीर त्यागी गैंगस्टर विक्की त्यागी के पिता हैं. विक्रांत त्यागी उर्फ विक्की त्यागी की 2015 में अदालत में पेशी के दौरान हत्या कर दी गई थी. विक्की त्यागी 2011 के बरकाली मामले के आरोपियों में से एक था, जिसमें एक ही परिवार के आठ लोग मारे गए थे.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने बताया कि इस तरह की मुनादी का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने आरोपी राजबीर त्यागी और कुंवरपाल समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है.

उन्होंने कहा कि दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

उन्होंने बताया कि एफआईआर उपनिरीक्षक उमेंद्र सिंह ने दर्ज कराई है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ग्रामीणों ने दावा किया कि दलित समुदाय के सदस्यों द्वारा उनके खेत में काम करने से इनकार करने के बाद पूर्व ग्राम प्रधान राजबीर त्यागी ने खेतों में प्रतिबंधित करने की घोषणा की.

यह मामला सामने आने के बाद भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने नाराजगी जताई और सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह गुलाम भारत नहीं है, यह आजाद भारत है, जो भारतीय संविधान से चलता है.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘यूपी के जिला मुजफ्फरनगर के गांव पावती खुर्द में खुलेआम मुनादी हो रही है कि ‘कोई भी ‘चमार’ उसकी डोल, समाधि, ट्यूबवेल पर दिख गया तो 5 हजार रुपये जुर्माना और 50 जूते होंगे! हिंदू बनने का जिनको शौक चढ़ा था, उन्हें अब समझ आ गया होगा. वैसे इनकी गलतफहमी दूर करने मैं जल्द पावती जाऊंगा.’

उन्होंने कहा, ‘ये है मोदी और योगी के रामराज्य की एक झलक! लेकिन याद रखिये यह गुलाम भारत नहीं है, यह आजाद भारत है, जो भारतीय संविधान से चलता है. भीम आर्मी के रहते ये गुंडागर्दी अब नहीं चलेगी.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)