असम में बाढ़ की स्थिति शुक्रवार को भी गंभीर बनी रही, क्योंकि बाढ़ का पानी नए इलाकों में घुस गया है, जिससे कुल 29 ज़िले प्रभावित हुए हैं. बाढ़ के कारण चार और लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 14 हो गई, जिसमें से पांच लोगों की मौत भूस्खलन के कारण हुई है. उधर, अरुणाचल प्रदेश में भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है.
गुवाहाटी/ईटानगर: असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, क्योंकि बाढ़ का पानी नए इलाकों में घुस गया है, जिससे कुल 29 जिले प्रभावित हुए हैं. बाढ़ के कारण शुक्रवार तक कुल 7,11,905 लोग प्रभावित हुए हैं. राज्य सरकार ने एक बुलेटिन में यह जानकारी दी.
बुलेटिन के अनुसार बाढ़ के कारण चार और लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 14 हो गई, जिसमें से पांच लोगों की मौत भूस्खलन के कारण हुई है.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार बृहस्पतिवार को बाढ़ प्रभावित आबादी की संख्या 7,17,500 थी और इसके कारण कुल 27 जिले प्रभावित थे.
एएसडीएमए के मुताबिक, कुल 343 राहत शिविरों में 86,772 लोगों ने शरण ली हुई है, जबकि 411 अन्य राहत वितरण केंद्र भी संचालित हैं.
एएसडीएमए ने बुलेटिन में कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और स्वयंसेवकों की मदद से कुल 21,884 फंसे हुए लोगों को निकाला जा चुका है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इसमें कहा गया है कि भारतीय वायुसेना की मदद से पिछले दो दिनों में दीमा हसाओ जिले से 269 लोगों को बचाया गया है और उन्हें सिलचर ले जाया गया है.
इसरो के विशेषज्ञों की एक टीम पहले से ही आपदा के बाद की जरूरत के आकलन के लिए ड्रोन और उपग्रह डेटा का उपयोग करके दीमा हसाओ में तेजी से नुकसान का आकलन कर रही है.
राज्य सरकार ने प्रभावित लोगों को मुफ्त राहत जारी करने के लिए कछार और दीमा हसाओ जिलों में से प्रत्येक को अतिरिक्त 2 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.
बुलेटिन में कहा गया है कि टूटे संचार संपर्कों को बहाल करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं और समग्र स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
उत्तर-पूर्वी सीमांत रेलवे (एनएफआर) ने होजई के जिला अधिकारियों के साथ मिलकर हाल ही में जिले के बाढ़ प्रभावित लोगों के राहत और बचाव के लिए एक विशेष ट्रेन चलाई.
एनएफआर की ओर से शुक्रवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि तीन डिब्बों वाली यह ट्रेन होजई से जमुनामुख तक चलती है, जिसमें बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए भोजन और आवश्यक सामग्री होती है, जिन्होंने होजई-जमुनामुख खंड में रेलवे पटरियों के बगल में अस्थायी तंबू में शरण ली है.
अरुणाचल में भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हुई
अरुणाचल प्रदेश में लापता हुई एक महिला का शव मिलने के बाद, यहां हुए भूस्खलन से मरने वालों की संख्या शुक्रवार को बढ़कर आठ हो गई. पुलिस ने यह जानकारी दी.
पुलिस अधीक्षक (एसपी) जिमी चिराम ने बताया कि कुसुम राय (35) का शव यहां एक ढाबे के पीछे पड़े मलबे से छह दिनों के गहन तलाशी अभियान के बाद निकाला गया.
नागेन बर्मन (50) और तापस राय (15) के शव मौके से बरामद किए गए थे और रविवार रात उनके घर के भूस्खलन की चपेट में आने से महिला की मौत की आशंका जताई जा रही थी.
चिराम ने कहा, ‘राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरआफ), राज्य के अधिकारियों और पुलिस द्वारा लगातार चलाया गया तलाशी अभियान खराब मौसम के कारण बाधित हुआ.’
कीचड़ में फंसी मोटरसाइकिल को निकालने के प्रयास में सोमवार को दोपहर में गंगा-जुलाई बस्ती रोड पर भूस्खलन में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के दो मजदूर भी दब गए.
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के सूत्रों ने बताया कि कुरुंग कुमे जिले में भूस्खलन के कारण तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य लापता है.
उन्होंने बताया कि राज्य के ज्यादातर हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है और कई जिलों से भूस्खलन की खबरें आ रही हैं.
बुधवार तक 14 जिलों के 33 गांवों में लगभग तीन हज़ार लोग बारिश के कारण प्रभावित हुए हैं, जिससे भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है.
सूत्रों के मुताबिक, कम से कम 7.6 हेक्टेयर कृषि भूमि की फसल नष्ट हो गई, और राज्य में 392 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
मानसून की तैयारियों पर एक बैठक के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने बृहस्पतिवार को आपदा के कारण जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए एक मजबूत अग्रिम चेतावनी प्रणाली बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया था. उन्होंने कहा कि मानसून के समय राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र चौबीस घंटे सक्रिय रहने चाहिए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)