ऑस्ट्रेलिया: कंज़र्वेटिव गठबंधन 9 साल बाद सत्ता से बाहर, लेबर पार्टी के अल्बानीस होंगे पीएम

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन चुनाव में हार स्वीकार कर चुके हैं, जिसके बाद लेबर पार्टी के एंथनी अल्बानीस का प्रधानमंत्री बनना तय है. हालांकि कुछ मतों की गिनती अब भी जारी है. लेबर पार्टी ने 2007 के बाद पहली चुनावी जीत हासिल की है.

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स्कॉट मॉरिसन के हार स्वीकारने के बाद शनिवार को सिडनी में अपनी पार्टनर और बेटे के साथ लेबर पार्टी के नेता एंथनी अल्बनीज. (फोटो: रॉयटर्स)

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन चुनाव में हार स्वीकार कर चुके हैं, जिसके बाद लेबर पार्टी के एंथनी अल्बानीस का प्रधानमंत्री बनना तय है. हालांकि कुछ मतों की गिनती अब भी जारी है. लेबर पार्टी ने 2007 के बाद पहली चुनावी जीत हासिल की है.

स्कॉट मॉरिसन के हार स्वीकारने के बाद शनिवार को सिडनी में अपनी पार्टनर और बेटे के साथ लेबर पार्टी के नेता एंथनी अल्बनीज. (फोटो: रॉयटर्स)

सिडनी/कैनबरा/नई दिल्ली: लेबर पार्टी के नेता एंथनी अल्बानीस ऑस्ट्रेलिया के नए प्रधानमंत्री चुने गए हैं.

अल्बानीस (59) ने उन्हें देश का 31वां प्रधानमंत्री चुनने के लिए मतदाताओं का कैंपरडाउन उपनगर में आभार व्यक्त किया और सिडनी में हुई अपनी परवरिश का उल्लेख किया.

अल्बानीस ने अपने समर्थकों से कहा, ‘यह हमारे महान देश के बारे में बहुत कुछ कहता है कि एक पेंशनभोगी अकेली मां का बेटा, जो कैंपरडाउन में सार्वजनिक आवास में पला-बढ़ा, वह आज रात ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के रूप में आपके सामने खड़ा हो सकता है.’

उन्होंने कहा, ‘हर माता-पिता अपनी अगली पीढ़ी के लिए बेहतर की उम्मीद करते हैं. मेरी मां ने मेरे लिए एक बेहतर जिंदगी का सपना देखा था और मुझे उम्मीद है कि मेरी यात्रा ऑस्ट्रेलियाई लोगों को सितारों की बुलंदियों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करेगी.’

हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि अल्बानीस की पार्टी बहुमत के साथ सरकार बना सकती है या उसे निर्दलीय अथवा अन्य छोटे दलों के निर्वाचित सांसदों का समर्थन चाहिए होगा.

डाक मतपत्रों की गिनती अभी जारी है, जिससे कई दिनों तक मतगणना चलने की संभावना है और इसे देखते हुए अल्बानीस संभवतः रविवार को कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले सकते हैं, ताकि वह तोक्यो में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंगलवार के क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग ले सकें.

विश्लेषकों का मानना है कि जलवायु और कोविड-19 के अलावा महिलाओं के अधिकारों, राजनीतिक अखंडता और प्राकृतिक आपदाओं जैसे कई मुद्दों से निपटने में देश के निवर्तमान प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और उनकी टीम की नाकामी चुनाव में उनकी हार का कारण बनी.

ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टर्स कॉर्प (एबीसी) की खबर के अनुसार, सरकार बनाने के लिए निचले सदन प्रतिनिधि सभा में 76 सीटों की आवश्यकता है और रविवार दोपहर तक 67 प्रतिशत वोट की गिनती के साथ 71 सीट पर जीत दर्ज करने वाली लेबर पार्टी को विजयी घोषित किया गया है.

लिबरल नेशनल गठबंधन को महज 52 सीटें मिली हैं. निर्दलीयों या छोटे दलों के उम्मीदवारों ने 15 सीटें जीती हैं, जिनमें पर्यावरण केंद्रित ग्रीन पार्टी ने तीन सीटों और निर्दलीय उम्मीदवारों ने अन्य 12 सीटों पर जीत दर्ज की है.

लेबर पार्टी ने 2007 के बाद पहली चुनावी जीत हासिल की है. विपक्षी नेता एंथनी अल्बानीस को प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाएगी.

ऑस्ट्रेलिया में 2001 के बाद से सबसे ज्यादा महंगाई और आवासों की बढ़ती कीमतों के बीच लेबर पार्टी ने और वित्तीय सहायता तथा बेहतर सामाजिक सुरक्षा का वादा किया है. पार्टी ने न्यूनतम वेतन भी बढ़ाने का इरादा जताया है.

वहीं, विदेश नीति के मोर्चे पर पार्टी ने ‘पेसिफिक डिफेंस स्कूल’ स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है जिसमें पड़ोसी देशों के सैनिकों को प्रशिक्षित किया जाएगा.

लेबर पार्टी ने 2050 तक ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन में 43 प्रतिशत की कटौती के साथ जलवायु परिवर्तन के मोर्चे पर भी अपना रुख जाहिर किया है.

अल्बानीस ने ऑस्ट्रेलिया के लोगों को एक साथ लाने, सामाजिक सेवाओं में निवेश बढ़ाने और ‘जलवायु युद्धों को समाप्त करने’ का संकल्प लिया. अल्बानीस ने अपनी जीत को रविवार सुबह ‘वास्तव में एक बड़ा क्षण’ बताया.

उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘यह मेरे जीवन का एक बड़ा क्षण है, लेकिन मैं चाहता हूं कि यह देश के लिए एक बड़ा क्षण हो. मैं देश बदलना चाहता हूं. मैं इस देश में राजनीति के काम करने के तरीके को बदलना चाहता हूं.’

वहीं, ग्रीन पार्टी के नेता एडम बैंड्ट ने कहा कि उनकी पार्टी ‘जलवायु संकट से निपटने’ के लिए अगली सरकार के साथ काम करना चाहती है और उन्होंने कहा कि ‘असमानता का संकट’ ऑस्ट्रेलिया के लिए खतरा है.

प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने चुनाव में हार स्वीकार की

इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने शनिवार को चुनाव के बाद हार मान ली. हालांकि उस समय तक मतों की गिनती पूरी नहीं हुई थी.

मॉरिसन ने कहा, ‘मेरा मानना है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि इस देश में निश्चितता हो. मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि यह देश आगे बढ़े.’

उन्होंने कहा, ‘विशेष रूप से इस सप्ताह के दौरान जो महत्वपूर्ण बैठकें हो रही हैं, मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि इस देश की सरकार के बारे में बहुत स्पष्ट समझ हो.’

मॉरिसन की लिबरल पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन को चौथी बार तीन साल के कार्यकाल मिलने की उम्मीद थी.

महामारी के कारण, ऑस्ट्रेलिया के 1.7 करोड़ मतदाताओं में से लगभग आधे पहले ही मतदान कर चुके हैं या डाक मतों के लिए आवेदन किया, जिससे मतगणना धीमी गति से होने की संभावना है. देश में वयस्क नागरिकों के लिए मतदान अनिवार्य है और 92 प्रतिशत पंजीकृत मतदाताओं ने पिछले चुनाव में मतदान किया था.

प्रधानमंत्री मोदी ने अल्बनीज को बधाई दी

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया की लेबर पार्टी के नेता एंथनी अल्बनीज को उनकी पार्टी की चुनावी जीत पर बधाई दी तथा कहा कि वह समग्र रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने एवं हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा प्राथमिकताओं पर उनके साथ काम करने को लेकर आशांवित हैं.

मोदी ने ट्वीट किया, ‘ऑस्ट्रेलियाई लेबर पार्टी की जीत और प्रधानमंत्री के रूप में आपके चुनाव के लिए बधाई अल्बनीज! मैं हमारी समग्र रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा प्राथमिकताओं पर आपके साथ काम करने को लेकर आशान्वित हूं.’

भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों चार सदस्यीय क्वाड में भागीदार हैं. इस रणनीतिक मंच में जापान और अमेरिका भी हैं.

वहीं, भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी ओ फारेल ने कहा कि एंथनी अल्बानीस भारत से भली-भांति परिचित हैं.

उच्चायुक्त ने ट्वीट कर कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया के निर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीस भारत के लिए अजनबी नहीं हैं क्योंकि उन्होंने एक यात्री के तौर पर 1991 में देश की यात्रा की थी और 2018 में एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था. 2018 की यात्रा के दौरान उन्होंने भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक, रणनीतिक संबंधों को और गहरा किए जाने की प्रतिबद्धता जताई थी.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)