असम में इस साल बाढ़ और भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि फिलहाल 2,095 गांव पानी में डूबे हुए हैं, जबकि 95,473.51 हेक्टेयर क्षेत्र में खड़ी फसल नष्ट हो गई है. इसके अलावा प्रभावित लोगों के लिए आठ ज़िलों में 421 राहत शिविर और वितरण केंद्र संचालित किए जा रहे हैं.
गुवाहाटी: असम में रविवार को बाढ़ की स्थिति और बदतर हो गई तथा दो बच्चों समेत छह और लोगों की मौत हो गई. राज्य के 22 जिलों में सैलाब के कारण 7.2 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की दैनिक बाढ़ रिपोर्ट के मुताबिक, नगांव जिले के कामपुर राजस्व क्षेत्र में चार लोग पानी में डूब गए.
रिपोर्ट में कहा गया है कि होजाई जिले के डूबोका में एक शख्स की और कछार जिले के सिल्चर में एक बच्चे की बाढ़ के कारण मृत्यु हो गई.
असम में इस साल बाढ़ और भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है.
प्राधिकरण ने कहा कि कई जिलों में आई बाढ़ के कारण बारपेटा, बिश्वनाथ, कछार, दरांग, ग्वालपारा, गोलाघाट, हैलकांडी, जोरहाट, कामरूप, कार्बी आंगलोंग पश्चिम, करीमगंज, लखीमपुर, मजूरी, मोरीगांव, नगांव, सोनितपुर और उदालगुरी आदि जिलों में 7,19,540 लोग प्रभावित हैं.
नगांव सैलाब की वजह से बुरी तरह प्रभावित है जहां 3.46 लाख लोग संकट में हैं. इसके बाद कछार में 2.29 लाख और होजाई में 58 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हैं.
प्राधिकरण ने कहा कि फिलहाल 2095 गांव पानी में डूबे हुए हैं, जबकि 95,473.51 हेक्टेयर क्षेत्र में खड़ी फसल नष्ट हो गयी है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इसमें कहा कि अधिकारी आठ जिलों में 421 राहत शिविर और वितरण केंद्र संचालित कर रहे हैं, जहां 18,626 बच्चों सहित 91,518 लोगों ने शरण ली है.
असम के विभिन्न बाढ़ प्रभावित हिस्सों से अब तक लगभग 253 लोगों को निकाला गया है.
बुलेटिन में कहा गया है कि बारपेटा, धुबरी, डिब्रूगढ़, गोलपारा, कामरूप मेट्रोपॉलिटन, मोरीगांव, नलबाड़ी और उदलगुरी सहित अन्य जिलों में भारी कटाव देखा गया है.
एएसडीएमए ने चेताया कि ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियां धर्मतुल और कामपुर में कोपिली और नंगलमुराघाट में दिसांग खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
इसी बीच, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि डिमा हसाओ जिले में – जो बाढ़ और भूस्खलन के कारण अभी भी कटा हुआ है – में प्रभावित लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है.
Reaching out with relief to flood & landslide-affected people in Dima Hasao, which remains cut off, remains our top priority.
Grateful to @IAF_MCC & other agencies for air-dropping food items & diesel in far-flung areas, which will help in road clearance & movement of vehicles. pic.twitter.com/kZTKqWuD2U
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) May 22, 2022
उन्होंने भारतीय वायुसेना और अन्य एजेंसियों को भी धन्यवाद दिया, जो बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य पदार्थों को हवा में गिरा रहे हैं.
शर्मा ने रविवार को कहा कि इस पूर्वोत्तर राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों से संबंधित मुद्दों पर नई दिल्ली में भारतीय राष्ट्रीय राजमर्ग प्राधिकरण की अध्यक्ष अलका उपाध्याय से बातचीत की.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैंने बाढ़ एवं भूस्खलन प्रभावित राष्ट्रीय राजमार्गों की तत्काल मरम्मत एवं वर्तमान परियोजनाओं के समय से पूरा करने पर जोर दिया.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)