दुनियाभर में विस्थापित लोगों की संख्या 10 करोड़ से ऊपर पहुंची: संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी की ओर से कहा गया कि संघर्ष, हिंसा, मानवाधिकारों के उल्लंघन और उत्पीड़न से बचने के लिए दुनियाभर में 10 करोड़ से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. यह एक ऐसा रिकॉर्ड है, जो कभी बनना ही नहीं चाहिए था. इस प्रवृत्ति को उलटने का एकमात्र उपाय शांति और स्थिरता ही है, ताकि निर्दोष लोगों को घर पर गंभीर ख़तरे से जूझने या अनिश्चिततापूर्ण पलायन व निर्वासन के बीच चुनने के लिए मजबूर न होना पड़े.

/
People crowd as they cross the border after fleeing the Russian invasion of Ukraine, at the border checkpoint in Medyka, Poland. Credit: Reuters File Photo

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी की ओर से कहा गया कि संघर्ष, हिंसा, मानवाधिकारों के उल्लंघन और उत्पीड़न से बचने के लिए दुनियाभर में 10 करोड़ से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. यह एक ऐसा रिकॉर्ड है, जो कभी बनना ही नहीं चाहिए था. इस प्रवृत्ति को उलटने का एकमात्र उपाय शांति और स्थिरता ही है, ताकि निर्दोष लोगों को घर पर गंभीर ख़तरे से जूझने या अनिश्चिततापूर्ण पलायन व निर्वासन के बीच चुनने के लिए मजबूर न होना पड़े.

यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद भागकर सीमा पार करने के दौरान पोलैंड के मेड्यका में जुटी लोगों की भीड़. (फाइल फोटो: रॉयटर्स)

बर्लिन: संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) ने सोमवार को कहा कि संघर्ष, हिंसा, मानवाधिकारों के उल्लंघन और उत्पीड़न से बचने के लिए दुनियाभर में 10 करोड़ से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.

एजेंसी ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध के कारण लाखों लोगों को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा.

शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त फिलिपो ग्रैंडी ने कहा, ‘विस्थापित लोगों की संख्या 10 करोड़ से पार हो गई है. यह एक रिकॉर्ड है, जो कभी नहीं बनना चाहिए था.’

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, ग्रैंडी ने कहा, ‘10 करोड़ एक चौंकाने वाली संख्या है, समान रूप से गंभीर और चिंताजनक भी. यह एक ऐसा रिकॉर्ड है, जो कभी बनना ही नहीं चाहिए था. इसे विनाशकारी संघर्षों को हल करने और रोकने, उत्पीड़न को समाप्त करने एवं निर्दोष लोगों को अपने घरों से भागने के लिए मजबूर करने वाले अंतरनिहित कारणों से निपटने के लिए एक खतरे की घंटी माना जाना चाहिए.’

यूएनएचसीआर ने कहा कि इथियोपिया, बुर्किना फासो, म्यांमार, नाइजीरिया, अफगानिस्तान और कांगो सहित कई देशों में हिंसा या संघर्ष की घटनाओं के कारण 2021 के अंत तक दुनियाभर में विस्थापित लोगों की संख्या नौ करोड़ तक पहुंच गई थी.

यूक्रेन में युद्ध के कारण 60 लाख से अधिक लोगों को देश छोड़ना पड़ा है और यूक्रेन के भीतर 80 लाख और लोग विस्थापित हुए हैं.

यूएनसीएचआर ने कहा कि 10 करोड़ का आंकड़ा वैश्विक आबादी के एक प्रतिशत से अधिक है और इसमें शरणार्थियों और शरण चाहने वालों के साथ-साथ अपने ही देशों में विस्थापित लोग शामिल हैं.

ग्रैंडी ने कहा, ‘यूक्रेन में युद्ध से भाग रहे लोगों के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया अत्यधिक सकारात्मक रही है. करुणा जीवित है और हमें दुनिया भर के सभी संकटों के लिए इसी तरह की लामबंदी की आवश्यकता है, लेकिन अंतत: मानवीय सहायता एक अस्थायी उपाय है, इलाज नहीं.’

ग्रैंडी ने कहा, ‘इस प्रवृत्ति को उलटने का एकमात्र उपाय, शांति और स्थिरता ही है, ताकि निर्दोष लोगों को घर पर गंभीर खतरे से जूझने या अनिश्चिततापूर्ण पलायन व निर्वासन के बीच चुनने के लिए मजबूर न होना पड़े.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)