यूपी: पुलिस दबिश के दौरान ज़हर खाने वाली बागपत की मां-बेटी की भी मौत

घटना बागपत ज़िले के छपरौली थाना क्षेत्र की है, जहां पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों ने ज़हर खा लिया था. छपरौली थाने के दारोगा समेत छह लोगों के ख़िलाफ़ उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है. इस महीने यूपी पुलिस की दबिश के दौरान महिलाओं की मौत की यह चौथी घटना है.

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(फोटो साभार: Youth For Human Rights Documentation)

घटना बागपत ज़िले के छपरौली थाना क्षेत्र की है, जहां पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों ने ज़हर खा लिया था. छपरौली थाने के दारोगा समेत छह लोगों के ख़िलाफ़ उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है. इस महीने यूपी पुलिस की दबिश के दौरान महिलाओं की मौत की यह चौथी घटना है.

(फोटो साभार: Youth For Human Rights Documentation)

बागपत: बागपत जिले के छपरौली क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान जहर खाने से आरोपी की मां और दूसरी बहन की भी मौत हो गई है.

पुलिस अधीक्षक नीरज जादौन ने गुरुवार को बताया कि मंगलवार को छपरौली थाना क्षेत्र के बाछोड़ गांव में पुलिस की दबिश के दौरान जहर खाने वाली अनुराधा (49) और उसकी छोटी बेटी प्रीति (17) की भी मेरठ के अस्पताल में इलाज के दौरान बुधवार देर रात मौत हो गई. अनुराधा की बड़ी बेटी स्वाति (19) की भी बुधवार तड़के उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था.

जादौन ने बताया कि परिजनों की तहरीर के आधार पर छपरौली थाने के दारोगा नरेश पाल समेत छह लोगों के खिलाफ उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कर लिया है तथा उसकी जांच अपराध शाखा को सौंपी गई है.

मालूम हो कि गत तीन मई को छपरौली गांव के एक ग्रामीण ने पुलिस में तहरीर दी थी कि उसकी पुत्री को गांव का ही प्रिन्स नामक युवक लेकर फरार हो गया था. इस मामले में पुलिस लड़के के घर लगातार दबिश दे रही थी.

मंगलवार शाम पुलिस को वादी पक्ष से सूचना मिली थी कि आरोपी एवं लड़की गांव में ही घर पर हैं. इस सूचना पर देर शाम पुलिस दबिश देने गई थी. इसी दौरान घर में मौजूद आरोपी युवक की मां अनुराधा एवं दो बहनों ने सल्फास और चूहे मारने वाली दवा खा ली थी.

पुलिस ने इनको पहले पास के ही एक अस्पताल में भर्ती कराया, वहां से उन्हें मेरठ के सुभारती अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया था.

एसपी के अनुसार, आरोपी युवक की मां एवं दो बहनों ने जहर क्यों खाया इसका अभी पता नहीं चल सका है. उन्होंने बताया कि अब तक प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आरोपी की मां और दोनों बहनों को डर था कि आरोपी के नहीं पकड़े जाने पर पुलिस उनको हिरासत में ले सकती है.

एसपी के अनुसार, पुलिस दबिश के दौरान गांव के लोग भी मौजूद थे. उनका दावा है कि इस दौरान पुलिस ने आरोपी के परिजनों के साथ कोई अभद्र व्यवहार नहीं किया.

मालूम हो कि मई महीने में यह चौथी घटना है, जिसमें उत्तर प्रदेश पुलिस की दबिश के दौरान तीन महिलाओं की जान जा चुकी है.

बीते 14 मई को उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के सदर थाना क्षेत्र के एक गांव में पुलिस की दबिश के दौरान एक महिला की कथित तौर पर गोली लगने से मौत हो गई थी. इस मामले में 15 मई को सिद्धार्थ नगर कोतवाली के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था.

बीते सात मई को प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के पचोखरा क्षेत्र में कथित रूप से पुलिस द्वारा हिंसात्मक रूप से धक्का दिए जाने से गिरी एक 60 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला की मौत का मामला सामने आया था.

मृतक राधा देवी के चार बेटे पिछले महीने अपने रिश्तेदारों से मारपीट के आरोप में जेल गए थे और बीते सात मई की शाम को ही जेल से छूटकर आए थे. पुलिस का दस्ता उनसे पूछताछ करने गया था, जब यह घटना हुई.

इससे पहले बीते एक मई को उत्तर प्रदेश में चंदौली जिले के सैयदराजा क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में एक युवती की मौत हो गई थी. इस मामले में निलंबित थानाध्यक्ष समेत छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था.

सैयदराजा थाना क्षेत्र के मनराजपुर गांव में पुलिस का एक दल एक बालू कारोबारी कन्हैया यादव को पकड़ने के लिए उसके घर पहुंचा था. यादव के खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी हुआ था.

पीड़ित परिवार का आरोप है कि इस दौरान एक पुलिसकर्मी ने कारोबारी की 24 साल की बेटी से बलात्कार किया तथा मारपीट और जोर-जबर्दस्ती के कारण उसकी मौत हो गई.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)