साल 2020 में 1.20 लाख से अधिक घातक सड़क दुर्घटनाएं हुईं, ज़्यादातर युवा चपेट में आए: रिपोर्ट

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में 30.1 प्रतिशत मौतें और 26 प्रतिशत चोट की घटनाएं हेलमेट और 11 प्रतिशत से अधिक मौतें और घायल होने की घटनाएं सीट बेल्ट का उपयोग न करने के कारण हुईं.

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Mumbai: Commuters ride past pot-holes filled road after heavy rainfall, in Mumbai on Monday, July 9, 2018. (PTI Photo/Mitesh Bhuvad) (PTI7_9_2018_000181B)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में 30.1 प्रतिशत मौतें और 26 प्रतिशत चोट की घटनाएं हेलमेट और 11 प्रतिशत से अधिक मौतें और घायल होने की घटनाएं सीट बेल्ट का उपयोग न करने के कारण हुईं.

Mumbai: Commuters ride past pot-holes filled road after heavy rainfall, in Mumbai on Monday, July 9, 2018. (PTI Photo/Mitesh Bhuvad) (PTI7_9_2018_000181B)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली/मुंबई: वर्ष 2020 के दौरान कुल 1,20,806 घातक दुर्घटनाएं हुईं और ज्यादातर युवा वर्ग के लोग इनकी चपेट में आए. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट से यह जानकारी मिली.

‘भारत में सड़क दुर्घटनाएं-2020’ नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल 1,20,806 घातक दुर्घटनाओं में से 43,412 (35.9 प्रतिशत) दुर्घटनाएं राष्ट्रीय राजमार्गों पर, 30,171 दुर्घटनाएं (25 प्रतिशत) राज्य के राजमार्गों पर और 47,223 दुर्घटनाएं (39.1 प्रतिशत) अन्य सड़कों पर हुईं.

वर्ष 2020 में घातक दुर्घटनाओं की कुल संख्या 2019 के 1,37,689 के आंकड़े से 12.23 प्रतिशत कम है.

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘सड़क दुर्घटना की गंभीरता को प्रति 100 दुर्घटनाओं में मारे गए व्यक्तियों की संख्या से मापा जाता है, हालांकि, 2020 के दौरान इसमें 2.3 प्रतिशत अंक की वृद्धि देखी गई.’

रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020 के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 3,66,138 सड़क दुर्घटनाएं हुई जिसमें 1,31,714 लोगों की जान गई और 3,48,279 लोग घायल हुए.

रिपोर्ट में कहा गया कि 2020 के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए लोगों की कुल संख्या 2019 की तुलना में 12.6 प्रतिशत कम थी.

रिपोर्ट के अनुसार 2020 के दौरान दुर्घटना की चपेट में आने वालों में 18-45 वर्ष के आयु वर्ग के युवा वयस्कों का हिस्सा 69 प्रतिशत था. वहीं, 18-60 वर्ष के कामकाजी आयु वर्ग के लोगों की हिस्सेदारी कुल सड़क दुर्घटनाओं में 87.4 प्रतिशत थी.

रिपोर्ट बताती है कि सड़क दुर्घटनाओं में शामिल वाहन श्रेणियों में, दोपहिया वाहनों की संख्या 2020 के दौरान कुल दुर्घटनाओं और घातक घटनाओं में सबसे अधिक रही.

राज्य के मोर्चे पर, तमिलनाडु में 2020 में राष्ट्रीय राजमार्गों पर सबसे अधिक दुर्घटनाएं हुईं, लेकिन सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक रही.

रिपोर्ट में कहा गया, ‘2020 में सड़क दुर्घटनाओं और मौतों में उल्लेखनीय कमी दर्ज करने वाले प्रमुख राज्य तमिलनाडु, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और केरल हैं.’

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में 30.1 प्रतिशत मौतें और 26 प्रतिशत चोट की घटनाएं हेलमेट का इस्तेमाल नहीं करने के कारण हुईं. इसी तरह, 11 प्रतिशत से अधिक मौतें और घायल होने की घटनाएं सीट बेल्ट का उपयोग नहीं करने के कारण हुईं.

रिपोर्ट के अनुसार, 2020 के दौरान 50 प्रतिशत से अधिक दुर्घटनाओं और मौतों के लिए 10 साल तक के वाहनों का योगदान रहा, इसके बाद 10-15 साल पुराने वाहनों (12.8 प्रतिशत) और 15 वर्ष (12 प्रतिशत) से अधिक के वाहनों का स्थान है.

मुंबई में सड़क दुर्घटना में हुई मौतों में से आधे मामले दोपहिया वाहन से जुड़े: आंकड़े

मुंबई में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली 47 प्रतिशत से अधिक मौतों के मामले दोपहिया वाहन से जुड़े हैं, जिसके कारण पुलिस को पीछे बैठने वालों के लिए भी हेलमेट पहनना अनिवार्य करना पड़ा है. एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.

क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के एक अधिकारी ने बताया कि 2020 में शहर में 1,812 सड़क दुर्घटनाओं में 350 लोगों की मौत हुई. उन्होंने बताया कि जब यातायात पुलिस ने आंकड़ों की पड़ताल की तो पाया कि 166 या 47.42 प्रतिशत सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों में दोपहिया वाहन शामिल थे.

अधिकारी ने कहा कि इस दौरान 148 (42.28 प्रतिशत) पैदल यात्रियों की जान चली गई, 22 मौतों (6.28 प्रतिशत) में चार पहिया वाहन जबकि आठ मौत (2.28 प्रतिशत) के मामले तीन पहिया वाहनों से जुड़े थे और जान गंवाने वाले छह लोग (1.71 प्रतिशत) साइकिल सवार थे.

मुंबई यातायात पुलिस ने अधिसूचना जारी कर दोपहिया वाहनों पर पीछे बैठने वालों के लिए भी हेलमेट अनिवार्य कर दिया है.

आरटीओ के आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च, 2022 तक मुंबई में वाहनों की कुल संख्या 42.85 लाख थी, जिसमें से 25.41 लाख दोपहिया वाहन थे. इसके बाद 12.45 लाख चार पहिया वाहन और 2.33 लाख ऑटो रिक्शा समेत अन्य वाहन शामिल थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)