नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान को बीते वर्ष क्रूज़ शिप पर मादक पदार्थ मिलने के मामले में क्लीन चिट दे दी. एनसीबी ने कहा कि आर्यन से जुड़े मामले में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं, जहां अनिवार्य मेडिकल जांच, छापेमारी की वीडियो रिकॉर्डिंग और वॉट्सऐप चैट के लिए सबूतों की पुष्टि जैसे नियमों का पालन नहीं किया गया.
नई दिल्ली: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को क्रूज जहाज पर मादक पदार्थ मिलने के मामले में शुक्रवार को क्लीन चिट दे दी.
इसके साथ ही एजेंसी ने कहा कि एसआईटी (विशेष जांच दल) ने इस मामले की जांच में ‘गंभीर अनियमितताओं’ का पता लगाया है. इस मामले में पिछले साल आर्यन को गिरफ्तार किया गया था.
मुंबई की एक अदालत में आरोप पत्र दाखिल करने वाले एनसीबी के अधिकारियों ने कहा कि आर्यन खान और पांच अन्य को ‘पर्याप्त सबूतों के अभाव’ के कारण मामले में नामजद नहीं किया गया है.
एनसीबी ने 2021 के इस मामले में शुक्रवार को 14 आरोपियों के खिलाफ मुंबई की एक अदालत में करीब 6,000 पृष्ठों का आरोप पत्र दायर किया, वहीं पर्याप्त सबूतों के अभाव में आर्यन सहित छह के खिलाफ आरोप नहीं लगाया गया.
बयान में कहा गया है कि एसआईटी ने ‘वस्तुनिष्ठ तरीके’ से जांच की.
बयान के अनुसार, ‘एसआईटी की जांच के आधार पर 14 आरोपियों के खिलाफ (मुंबई की एक अदालत के समक्ष) नारकोटिक्स ड्रग और मन: प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत शिकायत दाखिल की गई है. छह अन्य व्यक्तियों के खिलाफ सबूतों के अभाव के चलते शिकायत दाखिल नहीं की जा रही है.’
एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि आर्यन को गिरफ्तार करने वाली उसकी पहली टीम ने आरोपी की अनिवार्य मेडिकल जांच, छापेमारी की वीडियो रिकॉर्डिंग और वॉट्सऐप चैट के लिए सबूतों की पुष्टि जैसे नियमों का पालन नहीं किया.
आरोप पत्र में कहा गया है कि एनसीबी के मुंबई में स्थित क्षेत्रीय कार्यालय ने पिछले साल 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल और कॉर्डेलिया नामक कंपनी द्वारा संचालित जहाज से आठ लोगों को गिरफ्तार किया था. आरोपियों में विक्रांत, इश्मीत, अरबाज, अयान, गोमित, नूपुर, मोहक और मुनमुन शामिल थे.
एनसीबी ने कहा, ‘आर्यन (खान) और मोहक (जायसवाल) को छोड़कर सभी आरोपियों के पास से मादक पदार्थ मिले थे.’
एनसीबी ने इस मामले में पिछले साल 3 अक्टूबर को आर्यन खान को गिरफ्तार किया था और जमानत मिलने के बाद उन्हें उसी महीने जेल से रिहा कर दिया गया था.
एनसीबी ने शुक्रवार को मामले में आरोप पत्र दाखिल किया. एजेंसी ने रजिस्ट्री के समक्ष आरोप पत्र जमा किया और विशेष एनडीपीएस अदालत दस्तावेजों के सत्यापन के बाद इसका संज्ञान लेगी.
इस साल मार्च में विशेष अदालत ने जांच एजेंसी को आरोप पत्र दाखिल करने के लिए 60 दिन का समय दिया था.
मामले में गिरफ्तारियां एनसीबी के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े और उनकी टीम ने की थीं. पिछले साल 6 नवंबर को, एनसीबी मुख्यालय ने वानखेड़े को जांच से हटा दिया था और इसकी जांच दिल्ली स्थित एजेंसी के उप महानिदेशक (संचालन) संजय कुमार सिंह की अध्यक्षता वाले विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंप दी थी.
एनसीबी आर्यन खान को ड्रग्स का नियमित उपभोक्ता साबित करने के लिए वॉट्सऐप चैट पर निर्भर थी.
एनसीबी के महानिदेशक (डीजी) एसएन प्रधान ने संवाददाताओं से कहा कि जांच में ‘कमियां’ थीं और अदालत में आरोपों को साबित करने के लिए आरोपियों के ‘वॉट्सऐप चैट’ को लेकर ‘पुष्टि करने वाला सबूत’ नहीं था.
एनडीटीवी के अनुसार, प्रधान ने कहा, ‘बिना किसी सबूत के वॉट्सऐप चैट किसी जांच में नहीं टिक सकती है. इसका कोई अर्थ नहीं होता।’
#NDTVExclusive | “WhatsApp chats in itself cannot stand unless it stands the scrutiny of subsequent revelations of physical or corroborative evidence. WhatsApp itself does not mean much,” says SN Pradhan, Director-General, NCB, on the #AryanKhan drugs case. pic.twitter.com/8s4SEhzgUJ
— NDTV (@ndtv) May 27, 2022
प्रधान ने आगे कहा, ‘आरोप पत्र दायर करने की आखिरी तारीख तक हमारी विशेष जांच टीम को जो कुछ भी मिला, उसके आधार पर हमने आरोपपत्र दायर किया है.’
मामले में खान की भूमिका की चर्चा करते हुए एनसीबी के उप महानिदेशक (संचालन) और एसआईटी प्रमुख संजय कुमार सिंह ने कहा कि ‘मूल आधार’ यह है कि उनका मित्र (अरबाज) उनके लिए मादक पदार्थ ले जा रहा था और इसे साबित नहीं किया गया तथा उसे ‘भ्रामक’ पाया गया.
सिंह ने कहा, ‘उनके मित्र (अरबाज) ने इनकार किया कि वह आर्यन खान के लिए मादक पदार्थ ले गया था. वास्तव में, उन्होंने एसआईटी को बताया कि आर्यन खान ने कहा था कि क्रूज पर कोई मादक पदार्थ नहीं लाया जाना चाहिए क्योंकि एनसीबी काफी सक्रिय है.’
सिंह ने कहा कि इस बात की पुष्टि के लिए आर्यन खान के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला कि उन्होंने या तो मादक पदार्थ का सेवन किया, उसे खरीदा या वह किसी षड्यंत्र में शामिल थे… इसलिए उनके खिलाफ आरोप कानूनी तौर पर नहीं टिक पाएंगे.
उन्होंने कहा कि आर्यन खान ने मादक पदार्थ का सेवन किया था या नहीं, यह साबित करने के लिए एनसीबी टीम ने ‘कोई मेडिकल जांच’ नहीं कराई. उन्होंने कहा कि एनसीबी की टीम ने पिछले साल दो-तीन अक्टूबर की रात क्रूज पर मारे गए छापे की ‘कोई वीडियोग्राफी’ नहीं की.
बता दें कि पूरे मामले स्वयं एनसीबी की भूमिका ही सवालों के घेरे में आ गई थी. कई लोगों का मानना रहा कि मुस्लिम स्टार शाहरुख खान का बेटा होने के चलते आर्यन खान को निशाना बनाया जा रहा है.
बाद में मामला इसलिए भी सुर्खियों में आ गया क्योंकि जांच अधिकारी समीर वानखेड़े पर राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने कई सनसनीखेज आरोप लगाए. मामले के दो गवाहों में से एक प्रभाकर सेल ने दावा किया कि उन्हें कोरे कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया था. इस साल अप्रैल में सेल की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी.
इस बीच, एक विवादित गवाह जिसकी आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद उसके साथ ली गई एक सेल्फी वायरल हो गई थी, उसे पुणे में हिरासत में ले लिया गया.
बता दें कि आर्यन खान को जेल में चार हफ्ते बिताने के बाद 30 अक्टूबर 2021 को जमानत मिलने के बाद रिहा कर दिया गया था. 20 नवंबर 2021 को जारी बॉम्बे हाईकोर्ट के विस्तृत आदेश में कहा गया था कि कोई साक्ष्य नहीं कि आर्यन और दो अन्य ने अपराध की साजिश रची थी. आर्यन की वॉट्सऐप चैट में ऐसा कुछ आपत्तिजनक नहीं पाया गया, जो दिखाता हो कि उन्होंने या सह-आरोपियों ने अपराध करने की साजिश रची हो.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)