‘ऑल दैट ब्रीद्स’ डॉक्यूमेंट्री के निर्देशक शौनक सेन हैं. इस फिल्म में मोहम्मद सऊद और नदीम शहबाज़ नामक भाइयों के जीवन को दर्शाया गया है, जो दिल्ली के एक गांव वज़ीराबाद में पक्षियों, विशेष रूप से काली चीलों को बचाते और उनका इलाज करते हैं.
नई दिल्ली: 75वें कान फिल्म महोत्सव में भारतीय फिल्मकार शौनक सेन की डॉक्यूमेंट्री ‘ऑल दैट ब्रीद्स’ को शीर्ष डॉक्यूमेंटी पुरस्कार ‘लुइडियो पुरस्कार’ प्रदान किया गया है. इस पुरस्कार को ‘गोल्डन आई’ पुरस्कार के नाम से भी जाना जाता है.
इस डॉक्यूमेंट्री ने इससे पहले सनडांस फिल्म फेस्टिवल में ग्रैंड जूरी पुरस्कार जीता था. इस सप्ताह की शुरुआत में इस डॉक्यूमेंट्री को एचबीओ डॉक्यूमेंटी फिल्म्स द्वारा अधिग्रहित किया गया था, क्योंकि यह इस महोत्सव में दिखाई गई थी.
2015 में फ्रांसीसी-भाषी लेखकों के समूह ‘लास्कैम’ ने कान फिल्म महोत्सव के साथ मिलकर इसकी शुरुआत की थी.
हाल में कान में विशेष स्क्रीनिंग के दौरान यह डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई थी. इसमें मोहम्मद सऊद और नदीम शहबाज नामक भाइयों के जीवन को दर्शाया गया है, जो दिल्ली के एक गांव वजीराबाद में पक्षियों, विशेष रूप से काली चीलों को बचाते और उनका इलाज करते हैं.
निर्णायक मंडल ने 90 मिनट लंबी इस फिल्म को विजेता चुना. इस पुरस्कार के तहत पांच हजार यूरो की नकद दिया जाता है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, गोल्डन आई जूरी में पोलिश फिल्मकार एग्निज़्का हॉलैंड, यूक्रेनी लेखक-निर्देशक इरिना सिलिक, फ्रांसीसी अभिनेता पियरे डेलाडोनचैम्प्स, पत्रकार एलेक्स विसेंट और मोरक्कन लेखक-फिल्मकार हिचम फलाह शामिल थे.
इस जूरी ने कहा, ‘गोल्डन आई एक ऐसी फिल्म को दी जा रही है, जो विनाश की दुनिया में हमें यह याद दिलाती है कि हर जीवन मायने रखता है और हर छोटी कार्रवाई मायने रखती है. यह तीन एक प्रेरणादायक यात्रा है, जो पूरी दुनिया को नहीं बचा सकता, लेकिन अपनी दुनिया को बचा सकता है.’
लिथुआनिया के दिवंगत फिल्म निर्माता मंतस केवेदराविसियस के रूस-यूक्रेन युद्ध पर आधारित ‘मारियुपोलिस 2’ ने भी इस कार्यक्रम में एक विशेष पुरस्कार जीता. यह फिल्म उनके 2016 के निर्देशन में बनी ‘मारियुपोलिस’ का अगला संस्करण है.
बीते अप्रैल माह में डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग के दौरान रूसी सेना द्वारा मंतस को कथित तौर पर मार दिया गया था. पिछले हफ्ते कान फिल्म फेस्टिवल में ‘मारियुपोलिस 2’ का प्रीमियर भी हुआ था.
साल 2021 में भारतीय फिल्मकार पायल कपाड़िया ने अपनी डॉक्यूमेंट्री अ नाइट ऑफ नोइंग नथिंग के लिए गोल्डन आई पुरस्कार जीता था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)