राज्यसभा चुनाव के लिए विभिन्न दलों ने अपने-अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित किए

देश के 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को चुनाव होने हैं. केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल समेत कांग्रेस के पी. चिदंबरम, जयराम रमेश, अजय माकन, विवेक तन्खा और रणदीप सुरजेवाला जैसे बड़े चेहरोंं का भी भविष्य दांव पर लगा है.

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(फोटोः पीटीआई)

देश के 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को चुनाव होने हैं. केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल समेत कांग्रेस के पी. चिदंबरम, जयराम रमेश, अजय माकन, विवेक तन्खा और रणदीप सुरजेवाला जैसे बड़े चेहरोंं का भी भविष्य दांव पर लगा है.

नई दिल्ली: देश के 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को चुनाव होने हैं, जिनको लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा शुरू कर दी है.

निर्वाचन आयोग के मुताबिक, राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 मई है. एक जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी और तीन जून तक नाम वापस लिए जा सकेंगे. मतदान 10 जून को पूर्वाह्न नौ बजे से शाम चार बजे तक होगा. उसी दिन मतगणना भी होगी. नामांकन भरने की अंतिम तिथि 31 मई है.

इसी कड़ी में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को अपने 18 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की, जिनमें केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल और निर्मला सीतारमण को क्रमश: महाराष्ट्र और कर्नाटक से उम्मीदवार बनाया गया है.

वहीं, भाजपा की सहयोगी जदयू ने केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को झटका देते हुए बिहार से खीरू महतो को अपना राज्यसभा प्रत्याशी बनाया है.

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का नाम भी पार्टी उम्मीदवारों की सूची से गायब है. हालांकि, भाजपा को कम से कम दो उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करनी है और ये दोनों सीट उत्तर प्रदेश की हैं.

भाजपा ने दुष्यंत गौतम, विनय सहस्त्रबुद्धे और ओपी माथुर को भी प्रत्याशी नहीं बनाया है.

भाजपा ने जिन 18 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा राज्यसभा के लिए की, उनमें से छह प्रत्याशी उत्तर प्रदेश से हैं.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए राज्य में गोरखपुर शहरी सीट छोड़ने वाले भाजपा के पूर्व विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल राज्यसभा के लिए पार्टी के उम्मीदवारों में शामिल हैं.

अग्रवाल 2002 से लगातार गोरखपुर सदर सीट से विधायक चुने जाते रहे हैं लेकिन हाल में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए अपनी सीट छोड़ दी थी.

भाजपा ने राज्य से पार्टी की प्रदेश इकाई के पूर्व प्रमुख लक्ष्मीकांत वाजपेयी, राज्यसभा के मौजूदा सदस्य सुरेंद्र सिंह नागर और उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष बाबूराम निषाद को भी उम्मीदवार बनाया है.

पार्टी ने राज्य से दो महिलाओं दर्शना सिंह और संगीता यादव को भी चुनाव मैदान में उतारा है. दर्शना पार्टी की महिला शाखा की पूर्व प्रमुख हैं जबकि संगीता गोरखपुर के चौरी चौरा से पार्टी की पूर्व विधायक हैं.

उत्तर प्रदेश विधानसभा में कुल 273 विधायकों के साथ भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) अपने आठ उम्मीदवारों को आसानी से राज्यसभा का चुनाव जिता सकता है. वहीं, कुल 125 विधायकों वाले सपा गठबंधन के पास अपने तीन उम्मीदवारों को जिताने लायक संख्या बल है.

उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए कुल 31 सदस्य चुने जाते हैं जिनमें से 11 सदस्यों का चुनाव हो रहा है. इसके लिए मतदान आगामी 10 जून को होगा. जिन 11 सीटों के लिए चुनाव हो रहा है उनमें से भाजपा के पांच, सपा के तीन, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के दो तथा कांग्रेस के एक सदस्य का कार्यकाल जुलाई में समाप्त हो रहा है.

पार्टी ने कर्नाटक, महाराष्ट्र और बिहार से दो-दो और मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, झारखंड व हरियाणा से एक-एक उम्मीदवार के नाम की घोषणा की.

पार्टी ने हरियाणा से पूर्व विधायक कृष्ण लाल पंवार को उम्मीदवार बनाया है.

मध्य प्रदेश से कविता पाटीदार, राजस्थान से घनश्याम तिवारी और उत्तराखंड से कल्पना सैनी के नामों की घोषणा की गई है.

बिहार से पार्टी ने सतीश चंद्र दुबे और शंभू शरण पटेल को उम्मीदवार बनाया है.

भाजपा की विज्ञप्ति के अनुसार, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री गोयल, अनिल सुखदेवराव बोंडे और धनंजय महादिक को महाराष्ट्र से उम्मीदवार बनाया गया है.

संख्याबल के अनुसार भाजपा दो सीटों पर आसानी से जीत दर्ज कर लेगी, जबकि तीसरी सीट के लिए मुकाबला होने के आसार हैं.

भाजपा ने आदित्य साहू को राज्यसभा के लिए झारखंड से प्रत्याशी बनाया है, जहां से नकवी पूर्व में सदस्य हैं.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अभिनेता से नेता बने जग्गेश को कर्नाटक से पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया है.

कांग्रेस ने भी चिदंबरम, रमेश, माकन, सुरजेवाला समेत 10 उम्मीदवार घोषित किए

कांग्रेस ने भी रविवार को 10 उम्मीदवारों की घोषणा की, जिसमें केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, जयराम रमेश और अजय माकन के साथ ही पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला शामिल हैं.

चिदंबरम को तमिलनाडु, रमेश को कर्नाटक, माकन को हरियाणा और सुरजेवाला को राजस्थान से उम्मीदवार बनाया गया है.

पार्टी ने मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को राजस्थान से, विवेक तन्खा को मध्य प्रदेश, राजीव शुक्ला और रणजीत रंजन को छत्तीसगढ़ तथा इमरान प्रतापगढ़ी को महाराष्ट्र से उम्मीदवार बनाया है.

अगले दो महीनों में राज्यसभा में रिक्त हो रही सीटों में सात कांग्रेस सदस्य चिदंबरम (महाराष्ट्र), रमेश (कर्नाटक), अंबिका सोनी (पंजाब), विवेक तन्खा (मध्य प्रदेश), प्रदीप टम्टा (उत्तराखंड), कपिल सिब्बल (उत्तर प्रदेश) और छाया वर्मा (छत्तीसगढ़) अपने कार्यकाल पूरे करेंगे.

राजस्थान: चार राज्यसभा सीट के लिए कांग्रेस-भाजपा ने उम्मीदवार घोषित किए

राज्य की चार राज्यसभा सीट पर 10 जून को होने वाले चुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा ने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं.

कांग्रेस ने राजस्थान से रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक ओर प्रमोद तिवारी को उम्मीदवार घोषित किया है. तीनों नेता राजस्थान के नहीं हैं.

वहीं, भाजपा ने राजस्थान से भाजपा के छह बार विधायक रहे घनश्याम तिवारी को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है.

राजस्थान में राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 24 मई से शुरू हो चुकी है. 31 मई को नामांकन की आखिरी तारीख है.

उल्लेखनीय है कि भाजपा के चारों राज्यसभा सदस्यों ओम माथुर, केजे अल्फोंस, रामकुमार वर्मा व हर्षवर्धन सिंह का कार्यकाल चार जुलाई को समाप्त हो रहा है.

कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राजस्थान से राज्यसभा चुनावों में घोषित तीनों उम्मीदवार सुरजेवाला, वासनिक और तिवारी को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं.

वहीं, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने भाजपा के उम्मीदवार घनश्याम तिवारी को राज्यसभा के लिए अवसर देने पर केंद्रीय नेतृत्व का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी है.

उन्होंने जयपुर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा घनश्याम तिवारी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में हैं, जिन्होंने आपातकाल में जेल का संघर्ष देखा और विद्यार्थीकाल से विचारों के लिए समर्पित रहे.

उन्होंने कहा कि वह ऐसे वरिष्ठ राजनेता को राज्यसभा के लिए अवसर देने के लिए केंद्रीय नेतृत्व का आभार व्यक्त करते हैं. पूनियां ने कहा कि तिवारी का राज्यसभा में जाना यहां की प्रदेश भाजपा इकाई को विशेष तरीके से मजबूती देगा.

पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा से छह बार विधायक रहे तिवारी ने 2017 में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मतभेद के चलते जून 2018 में भाजपा से त्याग पत्र दे दिया था.

उन्होंने खुले तौर पर राजे की आलोचना की थी, उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पार्टी आलाकमान से उनके खिलाफ शिकायतें की थीं. उन्होंने आरोप लगाया था कि पार्टी में उनकी बात नहीं सुनी गई.

उन्होंने पार्टी के राज्य और केंद्रीय नेतृत्व के साथ बढते मतभेद के चलते पार्टी से त्याग पत्र दे दिया था. वह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ मुखर थे और उन्हें अनुशासनहीनता का नोटिस दिया गया था.

तिवारी ने ‘भारत वाहिनी पार्टी’ बनाकर जयपुर के सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से दिसंबर 2018 में विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गई थी.

उन्होंने 26 मार्च 2019 को तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। लेकिन 2020 में केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत के बाद तिवारी फिर से भाजपा में शामिल हो गए.

उल्लेखनीय है कि 200 सीट वाली राजस्थान विधानसभा में इस समय कांग्रेस के 108, भाजपा के 71, निर्दलीय 13, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन, माकपा व भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के दो-दो विधायक हैं. राज्य से राज्यसभा की कुल 10 सीट हैं.

ओडिशा: नवीन पटनायक ने बीजद के चार प्रत्याशियों की घोषणा की

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए बीजू जनता दल (बीजद) के चार उम्मीदवारों की रविवार को घोषणा की.

बीजद ने तीन नए प्रत्याशियों- सुलता देव, मानस रंजन मंगराज और निरंजन बिशी के नामों की घोषणा की है.

इसके अलावा सस्मित पात्रा को दोबारा नामित किया गया है. राज्य में नवीन पटनायक नीत सरकार के पांचवें कार्यकाल की तीसरी वर्षगांठ वाले दिन यह घोषणा की गई.

बीजद अध्यक्ष पटनायक ने राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में पार्टी के आदिवासी चेहरे निरंजन बिशी को चुना है जबकि मंगराज तटीय क्षेत्र से हैं और पात्रा ओडिशा अल्पसंख्यक मंच के पूर्व अध्यक्ष हैं.

ओडिशा से राज्यसभा के तीन सदस्यों- एन. भास्कर राव, प्रसन्न आचार्य और सस्मित पात्रा का कार्यकाल एक जुलाई को समाप्त होगा जबकि बीजद सदस्य सुभाष सिंह के इस्तीफे के कारण एक अन्य सीट खाली हुई है.

राज्यसभा चुनाव के लिए बीजद के चार उम्मीदवारों में सुलता देव एकमात्र महिला हैं.

इस वर्ष मार्च में कटक नगर निगम का महापौर बनने के बाद सुभाष सिंह ने राज्यसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था. वह अप्रैल 2020 में राज्यसभा के लिए चुने गए थे.

सत्तारूढ़ बीजद ने यह घोषणा नहीं की है कि सुभाष सिंह द्वारा खाली की गई राज्यसभा सीट के लिए चार उम्मीदवारों में से कौन उपचुनाव लड़ेगा.

ओडिशा की 147 सदस्यीय विधानसभा में बीजद के 113 विधायक हैं, इसलिए उसके सभी चार सीट पर जीत दर्ज करने की संभावना है. विपक्षी भाजपा के 22 जबकि कांग्रेस के नौ विधायक हैं।

निरंजन बिशी के नामांकन से पश्चिमी क्षेत्र में पार्टी के आदिवासी समुदाय के नेताओं का एक तबका नाराज है. बिशी ने कहा, ‘मुझ पर विश्वास करने के लिए मैं मुख्यमंत्री का आभारी हूं और संसद में आदिवासियों के मुद्दों को उठाऊंगा.’

पार्टी की घोषणा पर टिप्पणी करते हुए मंगराज ने कहा कि वह 2002 से राजनीति में हैं और राज्य में बीजद सरकार के मीडिया मामलों को देख रहे हैं.

मंगराज ने कहा, ‘एक मीडियाकर्मी होने के नाते मैं संसद में राज्य के हित में विभिन्न मुद्दों को उठाऊंगा. मैं मुख्यमंत्री को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे ओडिशा के लोगों की सेवा करने का अवसर दिया है.’

बीजद से महिला उम्मीदवार सुलता देव ने कहा कि राज्यसभा चुनाव के लिए बीजद उम्मीदवारों की सूची में अपना नाम आने के बाद वह खुश हैं.

उन्होंने कहा, ‘बीजद सरकार ने हमेशा महिलाओं के विकास के लिए काम किया है. मैं कड़ी मेहनत करूंगी और इसके लिए हमारे संगठन सचिव प्रणब प्रकाश दास को धन्यवाद देती हूं.’

सस्मित पात्रा ने कहा कि संसद के उच्च सदन के लिए दोबारा नामित किए जाने पर वह मुख्यमंत्री के ऋणी हैं.

उत्तर प्रदेश: जयंत चौधरी ने दाखिल किया राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन

वहीं, सोमवार को राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) प्रमुख जयंत चौधरी ने राज्यसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) और रालोद के संयुक्त प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल किया.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ निर्वाचन कार्यालय पहुंचे चौधरी ने राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया।.

नामांकन से पहले संवाददाताओं से बातचीत में चौधरी ने कहा कि सपा अध्यक्ष ने बहुत बड़ा सम्मान दिया है जिसके लिए वह उन्हें धन्यवाद देते हैं. उन्होंने कहा, ‘मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि जो भी विकास के मुद्दे हैं, राज्यसभा में सक्रियता से हम उन्हें उठाएं. कहीं भी अत्याचार होता है तो वह मुद्दा उठाया जाएगा. इसके अलावा जो हमारे साझा मुद्दे हैं उन्हें भी हम उठाएंगे.’ चौधरी ने कहा कि सपा के साथ उनका गठबंधन मजबूत है और आगे भी मजबूत रहेगा.

रालोद समाजवादी पार्टी का सहयोगी दल है और उसने पिछला विधानसभा चुनाव, सपा के साथ गठबंधन करके लड़ा था. राज्य विधानसभा में सपा और उसके सहयोगी दलों और रालोद तथा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) गठबंधन के कुल 125 विधायक हैं और वे राज्यसभा चुनाव में तीन उम्मीदवारों को आसानी से जिता सकते हैं.

सपा उम्मीदवार जावेद अली और पार्टी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कपिल सिब्बल पहले ही राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल कर चुके हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ))