मज़दूरों पर हमले की यह घटना बडगाम ज़िले में हुई. जम्मू कश्मीर में इस सप्ताह में नागरिकों पर हुआ यह तीसरा हमला है. इससे पहले आतंकवादियों ने मंगलवार को कुलगाम ज़िले में एक शिक्षिका और गुरुवार को ही एक बैंककर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. ग़ैर-मुस्लिमों के ख़िलाफ़ बढ़ते हमलों के विरोध में सूबे के कई ज़िलों में प्रदर्शन हुए हैं. ख़बरों के मुताबिक़, हिंदुओं के कुछ समूह घाटी छोड़कर जा चुके हैं.
श्रीनगर/जम्मू: जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में बृहस्पतिवार की रात आतंकवदियों ने दो मजदूरों को गोली मार दी. इस हमले में एक मजदूर की मौत हो गई. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
इससे पहले दिन में आतंकियों ने घाटी में एक बैंककर्मी की हत्या कर दी थी.
अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों ने मध्य कश्मीर जिले के चडूरा इलाके में स्थित ईंट भट्टा पर काम कर रहे दो गैर-स्थानीय मजदूरों पर गोलियां चलाईं. उन्होंने कहा कि ये घटना करीब रात नौ बजकर 10 मिनट पर हुई.
#Terrorists fired upon 02 outside #labourers working in a Brick Kiln in Chadoora area of #Budgam. The duo was shifted to hospital for treatment where one among them #succumbed.@JmuKmrPolice
— Kashmir Zone Police (@KashmirPolice) June 2, 2022
अधिकारियों ने बताया कि हमले में दिलकुश कुमार और गुरी घायल हुए. उन्होंने बताया कि गुरी को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई जबकि 17 वर्षीय दिलकुश ने एसएमएचएस अस्पताल में दम तोड़ दिया.
अधिकारियों ने बताया कि दिलकुश कुमार बिहार का रहने वाला था. उन्होंने कहा कि पुलिस इलाके की घेराबंदी कर घटना में शामिल आतंकियों को पकड़ने का प्रयास कर रही है.
इस बीच, प्रदेश में मुख्यधारा के दलों ने मजदूरों पर हमले की कड़ी निंदा की और आरोप लगाया कि केंद्र शासित प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है.
पीडीपी ने ट्वीट कर कहा, ‘बडगाम में दो और आम नागरिकों को गोली मारी गई. कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. क्या सरकार अब भी हालात समान्य होने का राग अलापेगी? दिलकुश के परिवार के प्रति संवेदनाएं.’
Mayhem! Two more civilians shot at in Budgam. Total breakdown of Law & Order.Will the govt still parrot the narrative of normalcy or has it internalised its own propaganda. Condolences with Dilkhush's family & praying for speedy recovery to the other.Has peace been 'established'?
— J&K PDP (@jkpdp) June 2, 2022
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी मजदूरों पर हमले की निंदा की. पार्टी ने कहा, ‘एक दिन में दूसरी इस तरह की घटना. एक और व्यक्ति की जान चली गई. जेकेएनसी गैर-स्थानीय मजदूरों पर हमले की कड़ी निंदा करती है, जिसमें बिहार के दिलकुश की मौत हो गई. घायल मजदूर के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं.’
The spate of killings continues unabated and demonstrates the utter failure of the govt. to stem the violence, despite heavy deployment of security forces. We express serious concern over a situation moving fast towards a crisis wherein no citizen can be considered safe.
— JKNC (@JKNC_) June 2, 2022
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और अपनी पार्टी ने भी मजदूरों पर हमले की घटना की निंदा की और मृतक के परिवार के प्रति संवदेना व्यक्त की.
इस बीच घाटी से लगातार कश्मीरी पंडितों के प्रदर्शन की ख़बरें आ रही हैं. बुधवार को हुए एक विरोध-प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जम्मू के लोग, जिन्हें अनुसूचित जाति कोटे के तहत एक अंतर-जिला नियुक्ति योजना के हिस्से के रूप में कश्मीर में तैनात किया गया है, तब तक घाटी में नहीं लौटेंगे, जब तक सरकार उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में सक्षम नहीं हो जाती.
बता दें कि तीन दिन में आतंकवादियों द्वारा नागरिकों पर हमले की यह तीसरी घटना है. इससे पहले मंगलवार को कुलगाम के गोपालपोरा के एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका रजनी बाला की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
इससे पहले बीते 12 मई को सरकारी कर्मचारी राहुल भट की बडगाम जिले की चादूरा तहसील में तहसीलदार कार्यालय के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्या के बाद कश्मीर पंडित समुदाय ने राज्य में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था.
मई महीने से अब तक जम्मू कश्मीर में यह नौवीं हत्या (Targeted Killings) है. इससे पहले तीन पुलिसकर्मी और तीन नागरिक- एक कश्मीरी पंडित कर्मचारी (राहुल भट), एक कलाकार और एक शराब की दुकान सेल्समैन, एक शिक्षिका और एक बैंककर्मी को लक्षित हमलों में आतंकवादियों द्वारा मार दिया गया था.
रजनी बाला की हत्या के बाद से क्षेत्र में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. पीएम पैकेज पर कार्यरत कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के एक समूह का कहना है कि अगर सरकार ने जल्द उनकी सुरक्षा के लिए कदम नहीं उठाए तो दोबारा सामूहिक पलायन होगा.
इसके अलावा कई राजनीतिक दलों ने भी प्रदर्शन किए हैं. गुरुवार को ही अवामी आवाज़ पार्टी ने लाल चौक पर प्रदर्शन करते हुए निर्दोषों की हत्याएं रोकने की मांग उठाई. इसी दिन डोगरा फ्रंट ने भी बड़ा प्रदर्शन किया. उधमपुर में भी नागरिकों की हत्याओं के खिलाफ शिवसेना ने प्रदर्शन किया.
ख़बरों के अनुसार, इस दौरान कश्मीरी पंडितों के समूह घाटी छोड़कर जा चुके हैं. रॉयटर्स के अनुसार, शिक्षिका रजनी बाला की हत्या के बाद से सौ हिंदू परिवार घाटी छोड़कर जा चुके हैं.
कश्मीर 90 के दशक के हालात में लौट रहा : नेकां नेता
दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में एक बैंककर्मी की हत्या किए जाने की निंदा करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के वरिष्ठ नेता अजय कुमार सधोत्रा ने गुरुवार को चिंता जताई कि घाटी वापस 90 के दशक में लौट रही है, जब क्षेत्र में आतंकवाद अपने चरम पर था.
पूर्व मंत्री अजय कुमार ने कहा कि हालात में बदलाव करना होगा क्योंकि एक सभ्य समाज में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है.
नेकां नेता ने कहा कि शोपियां में आईईडी धमाके के बाद बैंककर्मी की हत्या हालात की गंभीरता को दर्शाती है. धमाके में तीन जवान घायल हुए हैं.
उन्होंने कहा, ‘दिनदहाड़े एक के बाद एक हो रहे आतंकी हमलों ने प्रशासन के उन दावों को खारिज कर दिया है कि हालात सामान्य हो रहे हैं.’
उल्लेखनीय है कि बैंककर्मी विजय कुमार दक्षिण कश्मीर जिले में इलाकाई देहाती बैंक (ईडीबी) की अरेह मोहनपोरा शाखा में प्रबंधक थे. आतंकी की गोली से वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे और अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया.
प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन रेसिस्टेंस फ्रंट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.
अधिकारियों ने बताया, सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि हत्यारा संभवत: पहले यह पता लगाने के लिए बैंक परिसर में दाखिल हुआ कि पीड़ित कार्यालय आया है या नहीं. इसके कुछ सेकेंड के बाद ही वह पिस्तौल के साथ लौटता है और कुमार पर गोली चला देता है.
अधिकारी ने बताया कि एक गोली दीवार पर लगी जबकि दूसरी गोली से कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए.
कुमार के पिता ओम प्रकाश बेनीवाल ने बेटे की मौत की खबर सुनने के बाद कहा उनका बेटा ईडीबी में मार्च 2019 में भर्ती हुआ और इसी साल फरवरी में उसकी शादी हुई थी. वह अगले महीने 10-15 दिन के लिए राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले स्थित अपने पैतृक गांव भगवान आने वाला था लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था.
सरकारी स्कूल में शिक्षक बेनीवाल ने कहा, ‘कुमार ने हाल में बात की थी और जुलाई में 10-15 दिनों के लिए आने की बात कही थी. वह राजस्थान में ही रहना चाहता था लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था.’
परिवार इस घटना के बाद से गहरे सदमे में है और कुमार का अंतिम संस्कार करने की तैयारी की जा रही. उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार को उनके पैतृक गांव आएगा.
दिन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की. माना जा रहा है कि इस दौरान केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा हालात पर चर्चा की गई
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बैठक की विस्तृत जानकारी तत्काल नहीं मिल सकी है. लेकिन माना जा रहा है कि उन्होंने कश्मीर की स्थिति पर चर्चा.
इस बीच एसबीआई ने बयान जारी कर कहा कि बैंक घाटी में तैनात कर्मियों सहित अपने सभी कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर प्रतिबद्ध है.
बैंक ने कहा कि ईडीबी सुनिश्चित करेगा कि मृतक कर्मचारी के परिवार को सभी सहायता प्राथमिकता के अधार पर मुहैया कराई जाए.
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सीएच वेंकेटवलम ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह बैंकिंग क्षेत्र में गंभीर चिंता का विषय है.
जिनको कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा करनी है, उनको फिल्म के प्रचार से फुर्सत नहीं: राहुल गांधी
इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को कश्मीर घाटी में एक बैंक कर्मचारी की हत्या की घटना को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि जिनको कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा करनी है, उनको फिल्म के प्रचार से फुर्सत नहीं है.
उन्होंने यह दावा भी किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कश्मीर को सिर्फ अपनी सत्ता की सीढ़ी बनाया है.
गांधी ने ट्वीट किया, ‘बैंक मैनेजर, शिक्षक और कई मासूम लोग रोज़ मारे जा रहे हैं, कश्मीरी पंडित पलायन कर रहे हैं. जिनको इनकी सुरक्षा करनी है, उनको फिल्म के प्रचार से फुर्सत नहीं है. भाजपा ने कश्मीर को सिर्फ अपनी सत्ता की सीढ़ी बनाया है. कश्मीर में अमन कायम करने के लिए तुरंत कदम उठाइए, प्रधानमंत्री जी.’
उन्होंने अपने इस ट्वीट के माध्यम से इशारों-इशारों में गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा. शाह ने बुधवार को यहां एक विशेष स्क्रीनिंग में अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म ‘सम्राट पृथ्वीराज’ देखी थी.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘100 कश्मीरी हिंदू परिवार पलायन कर गए. दहशत में खड़ी भीड़ यूक्रेन में नहीं-श्रीनगर एयरपोर्ट पर है! आज फ़िर आतंकियों ने नोहर,राजस्थान निवासी बैंक मैनेजर विजय बेनीवाल की हत्या कर दी. प्रजातंत्र के चीरहरण में लगे राजस्थान के भाजपा नेता मोदी जी से कार्यवाही की मांग क्यों नहीं करते?’
कश्मीर के लोगों में व्याप्त डर, सरकार के हालात सामान्य होने के दावे को खारिज करता है: फारूक
उधर, नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को कहा कि नागरिकों की लक्षित हत्याएं और कश्मीर के लोगों में व्याप्त भय सरकार के उन दावों को खारिज करता है कि जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य हैं.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां नवा-ए-सुबह में नेशनल कॉन्फ्रेंस की प्रांतीय समिति (कश्मीर) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए आरोप लगाया कि प्रशासन अपना सिर रेत में दबाकर बैठा है और कहा, ‘यह शुतुरमुर्ग का दृष्टिकोण ऐसी स्थिति में धकेल देगा, जहां से लौटना मुश्किल होगा.’
बैठक को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने ‘जम्मू-कश्मीर की पहचान और गरिमा की बहाली के लिए शांति के साथ लड़ने’ के पार्टी के रुख को दोहराया. उनका इशारा जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की ओर रहा, जिसे पांच अगस्त, 2019 को केंद्र द्वारा रद्द कर दिया गया था.
पार्टी ने कहा कि नेकां अध्यक्ष ने घाटी में ‘बिगड़ती’ सुरक्षा स्थिति पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की, जिसके कारण अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों सहित बेगुनाहों की लक्षित हत्याएं हुई हैं.
अब्दुल्ला ने कहा, ‘मैं कुलगाम में एक बैंक प्रबंधक विजय कुमार की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा करता हूं. लक्षित हत्याएं और अल्पसंख्यकों समेत अन्य नागरिकों में व्याप्त भय, सरकार के उन दावों को खारिज करता है कि कश्मीर में हालात सामान्य हैं.’
उन्होंने कहा, ‘हमे खेद है कि एक के बाद एक निर्दोष लोगों की हत्या की जा रही है. अल्पसंख्कों को मारा जा रहा है. पुलिसकर्मियों को मारा जा रहा है. निशाना बनाकर आम नागरिकों की हत्या की जा रही है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)