दिल्ली में अक्षय कुमार की फिल्म ‘सम्राट पृथ्वीराज’ देखने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 2014 में भारत में सांस्कृतिक पुनरुत्थान का काल तब शुरू हुआ, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार सत्ता में आई और यह यात्रा देश को गौरव की उन ऊंचाइयों तक ले जाएगी, जहां वह पहले था.
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि 2014 में भारत में सांस्कृतिक पुनरुत्थान का काल तब शुरू हुआ जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार सत्ता में आई और यह यात्रा देश को गौरव की उन ऊंचाइयों तक ले जाएगी, जहां वह पहले था.
राष्ट्रीय राजधानी में विशेष स्क्रीनिंग में बुधवार की रात को अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म ‘सम्राट पृथ्वीराज’ देखने के बाद अपने संक्षिप्त भाषण में शाह ने कहा कि कई विषमताओं को पार करने के बाद भारत का गौरव, संस्कृति और स्वाभाविक आस्था अब उस स्थान पर है, जहां वह बहुत पहले थी, जब उसने दुनिया को रास्ता दिखाया था.
उन्होंने कहा कि पृथ्वीराज चौहान का मोहम्मद ग़ोरी के साथ युद्ध उस लंबे सफर का हिस्सा है, जो सन् 1025 में शुरू हुआ था और 1947 में खत्म हुआ जब भारत स्वतंत्र राष्ट्र बना. साल 1025 का जिक्र कर वह जाहिर तौर पर महमूद ग़ज़नी के गुजरात पर आक्रमण और सोमनाथ मंदिर को तोड़े जाने का हवाला दे रहे थे.
#WATCH This film depicts Indian culture of respecting women & empowering women. A cultural awakening started in India in 2014, and it will again take India to the heights it was once at : Union Home Minister Amit Shah at a special screening of the film Samrat Prithviraj in Delhi pic.twitter.com/TmKZZDHYoa
— ANI (@ANI) June 1, 2022
गृहमंत्री ने कहा कि वह इतिहास के एक जिज्ञासु छात्र रहे हैं. उन्होंने कहा कि कई आक्रमणकारियों ने भारत और इसकी संस्कृति पर हमला किया और उनके खिलाफ लड़ाई कभी खत्म नहीं हुई.
शाह ने विभिन्न क्षेत्रों के कई राजाओं का नाम लिया, जिन्होंने आक्रमणकारियों के साथ युद्ध किया और भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने का काम किया.
शाह ने फिल्म में पृथ्वीराज चौहान के चित्रण और पृथ्वीराज रासो की प्रशंसा की. कई लोगों का मानना है कि चौहान इस्लामी हुकूमत कायम होने से पहले आखिरी महान हिंदू राजा थे, जिन्होंने दिल्ली पर राज किया.
पृथ्वीराज रासो महाकाव्य है, जिसमें उनकी जीवनी है. शाह ने कहा कि एक महाकाव्य कभी-कभी उस गर्व और जन जागरूकता को प्रज्वलित कर सकता है, जो सैकड़ों पुस्तकें नहीं कर सकतीं.
उन्होंने यह भी कहा कि ढाई घंटे की फिल्म लोगों की चेतना में एक महानायक को इस तरह स्थापित कर सकती है, जो हजारों पन्नों की किताबें भी नहीं कर सकतीं.
शाह ने फिल्म के निर्देशक चंद्रप्रकाश द्विवेदी, अभिनेता अक्षय कुमार और अभिनेत्री मानुषी छिल्लर तथा फिल्म से जुड़े अन्य सदस्यों की तारीफ की.
उन्होंने कहा कि यह फिल्म न केवल मातृभूमि के लिए पृथ्वीराज की वीरतापूर्वक लड़ाई को दर्शाती है, बल्कि उस समय के सांस्कृतिक गौरव को भी बताती है.
गृह मंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की बात करने वालों को फिल्म जरूर देखनी चाहिए.
यह फिल्म 12वीं सदी के राजपूत राजा पृथ्वीराज चौहान के जीवन पर आधारित है. पृथ्वीराज चौहान ने सन् 1191 में मोहम्मद ग़ोरी को हरा दिया था, लेकिन अगले साल 1192 में उन्हें ग़ोरी के हाथों शिकस्त खानी पड़ी थी.
भाषण के समापन पर जब सब जाने के लिए उठे तब शाह ने मजाकिया अंदाज में अपनी पत्नी को ‘हुकुम’ कहा. इस शब्द का फिल्म में कई बार इस्तेमाल किया गया है.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, दिल्ली में फिल्म की एक विशेष स्क्रीनिंग में भाजपा के कई शीर्ष नेताओं और मंत्री शामिल हुए, जिनमें पीयूष गोयल, अनुराग ठाकुर और अश्विनी वैष्णव भी शामिल थे.
इस दौरान अभिनेता अक्षय कुमार ने स्कूली पाठ्यक्रम में ‘संतुलन’ का आह्वान किया और उन्होंने दावा किया कि इसमें भारतीय राजाओं के बारे में जानकारी का अभाव है.
उन्होंने कहा, ‘मैं यह नहीं कह रहा हूं कि हमें मुगलों के बारे में नहीं पढ़ना चाहिए, लेकिन इसे संतुलित करना चाहिए (भारतीय राजाओं के बारे में भी पढ़ाना चाहिए). वे भी महान थे.’
उन्होंने साक्षात्कार के दौरान कहा, ‘मैं शिक्षा मंत्री से इस मामले को देखने और यह देखने की अपील करता हूं कि क्या हम इसे बदल सकते हैं.’
फिल्म में अक्षय कुमार के अलावा मानुषी छिल्लर, संजय दत्त, सोनू सूद, मानव विज, आशुतोष राणा और साक्षी तंवर भी प्रमुख भूमिका में हैं. मिस वर्ल्ड रह चुकीं मानुषी इस फिल्म के ज़रिये बॉलीवुड में पदार्पण कर रही हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)