केरल: दलितों ने पुलिस पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया, एससी-एसटी आयोग ने रिपोर्ट मांगी

केरल राज्य अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आयोग ने पुलिस से उन आरोपों को लेकर एक रिपोर्ट मांगी कि उसके अधिकारियों ने अलाप्पुझा ज़िले के हरिपद इलाके में एक दलित कॉलोनी में अवैध रूप से घरों में प्रवेश किया और वहां के कुछ निवासियों के ख़िलाफ़ जातिसूचक टिप्पणी की. पुलिस ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कॉलोनी के लोगों पर अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट करने का आरोप लगाया है. इस संबंध में कॉलोनी के तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

केरल राज्य अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आयोग ने पुलिस से उन आरोपों को लेकर एक रिपोर्ट मांगी कि उसके अधिकारियों ने अलाप्पुझा ज़िले के हरिपद इलाके में एक दलित कॉलोनी में अवैध रूप से घरों में प्रवेश किया और वहां के कुछ निवासियों के ख़िलाफ़ जातिसूचक टिप्पणी की. पुलिस ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कॉलोनी के लोगों पर अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट करने का आरोप लगाया है. इस संबंध में कॉलोनी के तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

कायमकुलम/तिरुवनंतपुरम: केरल राज्य अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आयोग ने बीते रविवार को पुलिस से उन आरोपों को लेकर एक रिपोर्ट मांगी कि उसके अधिकारियों ने राज्य के अलाप्पुझा जिले के हरिपद इलाके में एक दलित कॉलोनी में अवैध रूप से घरों में प्रवेश किया और वहां के कुछ निवासियों के खिलाफ जातिसूचक टिप्पणी की.

वहीं, पुलिस का क​हना है कि अनुसूचित जाति के लोगों की इस कॉलोनी से रविवार को तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया. इन तीनों के खिलाफ पुलिस अधिकारियों पर हमला करने, उनके वाहन को रोकने और उन्हें अपना कर्तव्य निर्वहन करने से रोकने के आरोप हैं.

अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष बीएस मावोजी ने पुलिस कार्रवाई को ‘अधिकारों का दुरुपयोग’ करार दिया और कहा कि घटना के संबंध में अलाप्पुझा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) से एक रिपोर्ट मांगी गई है.

उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह पुलिस द्वारा अपने अधिकारों का दुरुपयोग करना था.’ उन्होंने कहा कि आयोग ने घटना के संबंध में मीडिया में आईं खबरों के आधार पर खुद इस मुद्दे पर संज्ञान लिया.

मावोजी ने यह भी कहा कि कॉलोनी के निवासियों ने आयोग को फोन कर आरोप लगाया कि पुलिस ने अवैध छापेमारी की और वहां के लोगों के खिलाफ जातिसूचक टिप्पणी की. घटना 4-5 जून की मध्यरात्रि के बाद की है.

पुलिस के अनुसार, कॉलोनी में नियमित गश्त पर गए अधिकारियों ने दो व्यक्तियों को एक घर के बाहर मोटरसाइकिल के पास खड़े देखकर उनसे देर रात वहां होने का कारण पूछा था.

करीलाकुलंगरा पुलिस थाना के एक अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान कॉलोनी के अन्य निवासी भी बाहर आए और पुलिस द्वारा दोनों व्यक्तियों से पूछताछ करने पर आपत्ति जताई.

अधिकारी ने कहा कि अधिक लोगों के आने से स्थिति बिगड़ गई और स्थानीय लोगों ने पुलिस की जीप को रोक दिया, उसकी चाबी निकाल ली और पुलिस अधिकारियों के साथ मारपीट भी की.

अधिकारी ने बताया कि इसके बाद कायमकुलम के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) के नेतृत्व में और पुलिसकर्मियों को अधिकारियों को बचाने और अधिकारियों को अपना कर्तव्य निर्वहन करने से रोकने वाले तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार करने के लिए भेजा गया.

उन्होंने स्थानीय निवासियों, विशेष रूप से कुछ महिलाओं के इन आरोपों का भी खंडन किया कि पुलिस बलपूर्वक उनके घरों में घुसी, महिलाओं के साथ मारपीट की और उनके लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया.

अधिकारी ने दावा किया कि कॉलोनी के लोगों ने गश्त पर गए अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार किया और मारपीट की.

उन्होंने कहा कि इस मामले में तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है. न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, गिरफ्तार लोगों की पहचान विश्व प्रसाद, सरथ बाबू और अजित बाबू के रूप में हुई है.

अधिकारी ने बताया कि उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 146 (दंगा करने), 332 (लोक सेवक को अपने कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए चोट पहुंचाना) और 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल प्रयोग करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

उन्होंने यह भी कहा कि आगे की जांच के आधार पर पुलिस यह तय करेगी कि और गिरफ्तारियां की जाएं या नहीं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)