भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के उपाध्यक्ष कृपाशंकर सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर यूपी के स्कूलों में मराठी को वैकल्पिक भाषा के रूप में पढ़ाने का आग्रह किया है. उनका कहना है कि मराठी सीखने से इन छात्रों के महाराष्ट्र आने पर उनके अच्छी नौकरियां पाने की संभावना बढ़ेगी.
मुंबई: मुंबई समेत अन्य स्थानों पर नगर निकाय के चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता कृपाशंकर सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर उनके राज्य (यूपी में) के स्कूलों में मराठी को वैकल्पिक भाषा के रूप में पढ़ाने की मांग की है.
चार जून को लिखे पत्र में सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विद्यार्थियों के मराठी सीखने से महाराष्ट्र में उनके नौकरी पाने की संभावना बढ़ेगी, जिनमें सरकारी नौकरी भी शामिल है.
Maharashtra BJP leader Kripashankar Singh writes to Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath asking him to consider Marathi as an optional language for the students of Secondary and Higher Secondary in UP "that may help students in getting better jobs in Maharashtra." pic.twitter.com/JNgZnpGnEk
— ANI (@ANI) June 8, 2022
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के उपाध्यक्ष सिंह ने कहा, ‘अगर माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में मराठी को वैकल्पिक भाषा बना दिया जाता है तो इससे विद्यार्थियों को महाराष्ट्र में बेहतर नौकरियां प्राप्त करने में मदद मिल सकती है. मैं आपसे उत्तर प्रदेश के स्कूलों में मराठी को वैकल्पिक भाषा के रूप में शामिल करने का अनुरोध करता हूं.’
सिंह 2004 में कांग्रेस की नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री थे और पिछले साल ही भाजपा में शामिल हुए हैं.
उन्होंने कहा, ‘मैं पिछले 50 साल से महाराष्ट्र में रह रहा हूं. (मंत्री के तौर पर) अपने कार्यकाल के दौरान, मैंने देखा कि जब छात्र (यूपी से) महाराष्ट्र आते हैं, तो उन्हें मराठी भाषा के ज्ञान की कमी के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. साथ ही, राज्य सरकार या निगमों में कई रिक्तियां हैं जिनके लिए मराठी भाषा के ज्ञान की जरूरत होती है.’
सिंह ने यह भी कहा कि उनके उत्तर प्रदेश, खासकर पूर्वांचल क्षेत्र के साथ अच्छे संबंध हैं. उन्होंने कहा, ‘कई विद्यार्थी उच्च माध्यमिक परीक्षा देने के बाद नौकरियों की तलाश में महाराष्ट्र आ जाते हैं.’
महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) और अन्य नगर निकायों के चुनाव अगले कुछ महीनों में होने हैं. मुंबई और महानगरीय क्षेत्र में बड़ी संख्या में मतदाता मूल रूप से उत्तर प्रदेश और बिहार से हैं. कहा जा रहा है कि यह पत्र स्पष्ट रूप से राज्य में रहने वाले उत्तर भारतीय समुदाय को ध्यान में रखते हुए ही लिखा गया है.
गौरतलब है कि शिवसेना के नियंत्रण वाली बीएमसी के स्कूलों में 11 भाषाओं में शिक्षा दी जाती है. ऐसा करने वाला यह देश का एकमात्र नगर निगम है.
वहीं, शिवसेना के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार में शामिल कांग्रेस ने कहा कि सिंह का पत्र ‘भाजपा की स्वीकारोक्ति’ है कि आदित्यनाथ सरकार उत्तर प्रदेश में रोजगार पैदा करने में बुरी तरह विफल रही है और वह रोजगार के लिए महाराष्ट्र पर निर्भर है.
कांग्रेस प्रवक्ता सचिन रावत ने ट्वीट किया, ‘इन्हीं आदित्यनाथ ने प्रवासियों के साथ दुर्व्यवहार के लिए महाराष्ट्र को दोषी ठहराया, जबकि उनकी अपनी सरकार उसके लिए जिम्मेदार थी. एमसीजीएम चुनाव निकट होने के मद्देनजर मुंबई में उत्तर भारतीय मतदाताओं का ध्यान आकर्षित करने के प्रयास में, मुंबई भाजपा ने खुद की और यूपी में अपनी सरकार की अक्षमता सामने ला दी है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)