जम्मू कश्मीर: कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के तबादले के लिए पदों में बदलाव किया गया

सूबे में निशाना बनाकर की जा रही हत्याओं के मद्देनज़र कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के तबादले को लेकर हो रहे प्रदर्शनों के बीच प्रशासन ने संभागीय स्तर पर पदों को फिर से नामित किया है. ऐसा होने से कर्मचारियों का कश्मीर या जम्मू संभाग के भीतर कहीं भी तबादला किया जा सकता है.

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कश्मीर में तैनात कर्मचारियों का उन्हें जम्मू भेजे जाने की मांग को लेकर किया गया प्रदर्शन. (फोटो: पीटीआई)

सूबे में निशाना बनाकर की जा रही हत्याओं के मद्देनज़र कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के तबादले को लेकर हो रहे प्रदर्शनों के बीच प्रशासन ने संभागीय स्तर पर पदों को फिर से नामित किया है. ऐसा होने से कर्मचारियों का कश्मीर या जम्मू संभाग के भीतर कहीं भी तबादला किया जा सकता है.

कश्मीर में तैनात कर्मचारियों का उन्हें जम्मू भेजे जाने की मांग को लेकर किया गया प्रदर्शन. (फोटो: पीटीआई)

श्रीनगर: सूबे में निशाना बनाकर की जा रही हत्याओं के दौर के बाद कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारियों को घाटी के भीतर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की अपनी योजना के अनुरूप जम्मू कश्मीर प्रशासन ने बुधवार को प्रधानमंत्री पैकेज के तहत काम करने वाले कर्मचारियों के पदों को जिले से संभाग स्तर पर पुन: पारिभाषित करने को मंजूरी दे दी.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मंडलीय स्तर पर पदों को फिर से नामित करने के साथ ही कर्मचारियों का कश्मीर या जम्मू संभाग के भीतर कहीं भी तबादला किया जा सकता है. प्रत्येक संभाग में 10 जिले हैं.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अधीन प्रशासनिक परिषद ने बुधवार को बैठक की और कर्मचारियों के करिअर की प्रगति में बाधा को दूर करने के विचार के साथ पीएम पैकेज के कर्मचारियों की पदोन्नति को अपनी मंजूरी दे दी.

प्रशासन ने बताया कि यह योजना प्रधानमंत्री पैकेज के तहत नियुक्त कश्मीरी प्रवासी कर्मचारियों के लिए एक अलग वरिष्ठता बनाए रखने पर विचार करती है, जो संबंधित नियुक्ति विभागों में नियमित कर्मचारियों की वरिष्ठता के समानांतर चलेगी और पीएम पैकेज के तहत अतिरिक्त पदों पर हुई नियुक्ति की तारीख से प्रभावी होगी.

योजना वित्तीय वर्ष 2008-09 के दौरान कश्मीरी प्रवासियों की घाटी में वापसी और पुनर्वास के लिए शुरू की गई थी, जिसमें आवास और रोजगार जैसे विभिन्न प्रोत्साहन शामिल थे. पैकेज के रोजगार घटक ने विभिन्न विभागों में अतिरिक्त पद सृजित करके 6,000 योग्य उम्मीदवारों को रोजगार दिया. हालांकि, ये पद लोगों के अपने गृह जिले के भीतर रोजगार पाने तक सीमित थे.

एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इससे सुरक्षा को लेकर चिंता कम नहीं होती, यह कदम पदोन्नति संबंधी मुद्दों को हल करता है.

इसके अतिरिक्त जिन कर्मचारियों के पति/पत्नी अलग जिले में पदस्थ थे, अब एक साथ तबादले की मांग कर सकते हैं.

कर्मचारी ने बताया, ‘पहले हम अपनी फाइलें पदोन्नति के लिए भेजते थे और वे इन्हें अनदेखा कर देते थे क्योंकि ये नियमित पद नहीं थे, बल्कि विशेष पद थे. पर अब हम अपने विभागों में पदोन्नति पा सकते हैं.’

बता दें कि मध्य कश्मीर के बडगाम में आतंकवादियों द्वारा राजस्व विभाग के अधिकारी एक कश्मीरी पंडित की उनके कार्यालय के अंदर हत्या करने के बाद मई में कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था.

इसके बाद, कश्मीर संभागीय आयुक्त ने ऐसे सभी कर्मचारियों को उन गांवों से जिला मुख्यालयों में स्थानांतरित करने का आदेश दिया जहां वे तैनात थे.