संसद के उच्च सदन में 15 राज्यों की कुल 57 ख़ाली सीटों में से 41 पर बीते दिनों निर्विरोध उम्मीदवार चुन लिए गए थे. शेष चार राज्यों की 16 सीटों पर हुए मतदान में भाजपा को 8, कांग्रेस को 5, शिवसेना और एनसीपी को एक-एक सीट पर जीत मिली. हरियाणा में भाजपा के सहयोग से एक निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत हासिल की.
मुंबई/चंडीगढ़/बेंगलुरु/जयपुर: केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल, कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला और जयराम रमेश तथा शिवसेना के संजय राउत चार राज्यों से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए 16 उम्मीदवारों में शामिल हैं.
महाराष्ट्र और हरियाणा में, चुनाव नियमों के कथित उल्लंघन और ‘क्रॉस वोटिंग’ के आरोपों को लेकर खींचतान के चलते शुक्रवार को मतगणना में करीब आठ घंटे की देरी हुई.
भाजपा के दो उम्मीदवार और उसके समर्थन वाले एक निर्दलीय उम्मीदवार ने कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा में जीत हासिल की जबकि उनके जीतने की संभावनाएं बेहद कम थीं.
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में चुनाव नतीजे शनिवार तड़के घोषित किए गए. सत्तारूढ़ शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन को राज्य में छह राज्यसभा सीटों में से तीन सीटें मिलीं, वहीं मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने बाकी तीन पर जीत हासिल की.
भारतीय जनता पार्टी के विजयी उम्मीदवारों में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, प्रदेश के पूर्व मंत्री अनिल बोंडे और धनंजय महाडिक शामिल रहे. शिवसेना का राष्ट्रीय स्तर पर चेहरा रहे संजय राउत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रफुल्ल पटेल और कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी ने भी जीत हासिल की.
भाजपा के पूर्व सांसद धनंजय महाडिक ने छठी सीट के लिए शिवसेना के संजय पवार को हरा दिया.
विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस के राज्यसभा के लिए आम सहमति से उम्मीदवार निर्वाचित करने से इनकार करने के कारण 24 साल बाद ऊपरी सदन के लिए राज्य में चुनाव कराने पड़े.
हरियाणा
हरियाणा में कांग्रेस को झटका देते हुए भाजपा के कृष्ण लाल पंवार और पार्टी के समर्थन वाले निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा ने प्रदेश से राज्यसभा की दो सीटों पर जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस के अजय माकन हार गए.
निर्वाचन अधिकारी आरके नंदल ने बताया कि पंवार को 36 वोट मिले, जबकि शर्मा के खाते में प्रथम वरीयता के 23 मत गए और 6.6 वोट भाजपा से स्थानांतरित होकर आए, जिससे उनके मतों की कुल संख्या 29.6 हो गई. कांटे की टक्कर वाले इस मुकाबले में माकन को 29 वोट मिले लेकिन दूसरी वरीयता का कोई वोट न होने के कारण वह हार गए.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार तड़के चार बजे विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘मैं उन सभी विधायकों का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने भाजपा उम्मीदवार और निर्दलीय उम्मीदवार के लिए वोट किया. यह एक तरह से हरियाणा के लोगों और लोकतंत्र की जीत है.’
कांग्रेस के कुलदीप बिश्नोई द्वारा शर्मा के लिए मतदान करने के सवाल पर खट्टर ने कहा, ‘उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनते हुए वोट दिया. मैं कह सकता हूं कि उन्होंने मोदी सरकार की नीतियों और उपलब्धियों से प्रभावित होकर वोट दिया होगा. उन्होंने इसकी परवाह नहीं की कि कांग्रेस क्या कार्रवाई करेगी… मैं उन्हें बधाई देता हूं.’
यह पूछने पर कि क्या भाजपा के दरवाजे उनके लिए खुले हैं, इस पर खट्टर ने कहा, ‘अगर वह शामिल होते हैं तो पार्टी उनका स्वागत करेगी. हुड्डा साहब का भी स्वागत है.’
शनिवार को कथित तौर पर ‘क्रॉस वोटिंग’ करने को लेकर कांग्रेस ने बिश्नोई को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के अनुसार, सोनिया गांधी ने बिश्नोई को कांग्रेस कार्य समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य समेत पार्टी की जिम्मेदारियों से तत्काल प्रभाव से मुक्त कर दिया।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की ओर से हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष से बिश्नोई की सदस्यता खत्म करने की भी सिफारिश की जा सकती है।
कर्नाटक
वहीं, कर्नाटक में भाजपा ने राज्यसभा की उन सभी तीनों सीटों पर कब्जा जमाया, जिस पर उसने चुनाव लड़ा था. राज्य में संसद के उच्च सदन के लिए चार सीटों पर चुनाव हुआ.
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने दो सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे लेकिन वह एक ही सीट जीत सकी, जबकि जद (एस) के खाते में एक भी सीट नहीं आई.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, अभिनेता-नेता जग्गेश और विधान परिषद सदस्य लहर सिंह सिरोया भाजपा से उच्च सदन में पहुचेंगे तथा कांग्रेस के नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश को भी विजयी घोषित किया गया.
सीतारमण और रमेश को कर्नाटक से संसद के उच्च सदन के लिए फिर से चुना गया है.
चौथी सीट के लिए चुनाव परिणाम को लेकर रहस्य बना हुआ था, जिसमें तीनों राजनीतिक दलों के बीच कड़ी टक्कर देखी गई जिन्होंने जीतने के लिए पर्याप्त संख्या में वोट नहीं होने के बावजूद अपने उम्मीदवार खड़े किए थे.
हालांकि, चौथी सीट के लिए चुनाव में भाजपा के सिरोया ने मंसूर अली खान (कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार) और डी. कुपेंद्र रेड्डी (जद-एस के एकमात्र उम्मीदवार) को हरा दिया. उन्हें संभवत: प्रतिद्वंद्वी दलों से क्रॉस वोटिंग और निर्दलीय उम्मीदवारों की मदद मिली.
राजस्थान
राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने चार सीटों में से तीन पर आसानी से जीत दर्ज की और भाजपा के खाते में एक सीट गई.
भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी और मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा हार गए. हरियाणा से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पिछला राज्यसभा चुनाव जीतने वाले चंद्रा ने इस बार राजस्थान से अपना भाग्य आजमाया था.
प्रदेश से कांग्रेस उम्मीदवार रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी तथा भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी को निर्वाचित घोषित किया गया.
एक दिलचस्प घटनाक्रम में भाजपा विधायक शोभारानी कुशवाह ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद तिवारी के लिए ‘क्रॉस वोटिंग’ कर पार्टी की किरकिरी करवा दी. पार्टी ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है.
जीत के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में विधानसभा परिसर में पत्रकारों से कहा, ‘जब हर कोई जानता था कि हमारे पास 126 विधायक हैं तो उन्होंने (भाजपा) निर्दलीय उम्मीदवार क्यों खड़ा किया? वे खरीद-फरोख्त की कोशिश करना चाहते थे लेकिन यह हुआ नहीं.’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवारों की जीत ने देश में एक मजबूत संदेश भेजा है. पार्टी अगले साल विधानसभा चुनावों में फिर से सत्ता में आएगी.
लगे नियमों के उल्लंघन के आरोप
कर्नाटक और राजस्थान में शुक्रवार रात को ही नतीजों की घोषणा कर दी गई लेकिन महाराष्ट्र और हरियाणा में प्रतिद्वंदी दलों के मतदान नियमों के उल्लंघनों के आरोपों के कारण मतगणना में देरी हुई.
निर्वाचन आयोग ने वीडियो फुटेज समेत निर्वाचित अधिकारियों की विस्तृत रिपोर्टों पर गौर करने के बाद मतगणना की मंजूरी दी.
महाराष्ट्र में विपक्षी भाजपा ने सत्तारूढ़ महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के तीन विधायकों – कैबिनेट मंत्री जितेंद्र आव्हाड (एनसीपी) और यशोमती ठाकुर (कांग्रेस) तथा शिवसेना के विधायक सुहास कांडे पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया.
कांग्रेस ने जवाब देते हुए आयोग से भाजपा विधायक सुधीर मुनगंटीवार और निर्दलीय विधायक रवि राणा के वोट को अमान्य घोषित करने की मांग की.
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को लिखे एक पत्र में दावा किया कि मुनगंटीवार ने अपनी पार्टी के चुनाव एजेंट के अलावा अन्य लोगों को अपना मतपत्र दिखाकर मतदान प्रक्रिया का उल्लंघन किया.
उन्होंने आरोप लगाया कि राणा ने खुले तौर पर एक धार्मिक पुस्तक ‘हनुमान चालीसा’ को प्रदर्शित किया और अन्य मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश की.
हरियाणा में भी इन्हीं कारणों से मतगणना रोकी गई थी, क्योंकि भाजपा प्रत्याशी कृष्ण लाल पंवार और निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा ने आयोग को भेजे संदेश में आरोप लगाया कि कांग्रेस विधायक किरण चौधरी और बीबी बत्रा ने अनधिकृत व्यक्तियों को अपने मतपत्रों को दिखाया और प्रकरण कैमरे में रिकॉर्ड किया गया है.
राज्यवार चुनाव परिणाम
महाराष्ट्र : पीयूष गोयल (भाजपा), अनिल बोंडे (भाजपा), धनंजय महाडिक (भाजपा), संजय राउत (शिवसेना), इमरान प्रतापगढ़ी (कांग्रेस), प्रफुल्ल पटेल (एनसीपी)
राजस्थान : रणदीप सुरजेवाला (कांग्रेस), मुकुल वासनिक (कांग्रेस), प्रमोद तिवारी (कांग्रेस), घनश्याम तिवाड़ी (भाजपा)
कर्नाटक : निर्मला सीतारमण (भाजपा), जग्गेश (भाजपा), लहर सिंह सिरोया (भाजपा), जयराम रमेश (कांग्रेस)
हरियाणा : कृष्ण लाल पंवार (भाजपा), कार्तिकेय शर्मा (भाजपा-जजपा द्वारा समर्थित निर्दलीय)
भाजपा को चार सीटों का नुकसान
इसी साल अप्रैल महीने में संसद के उच्च सदन में 100 के आंकड़े पर पहुंचने वाली भाजपा के सदस्यों की संख्या, राज्यसभा की 57 सीटों के लिए शुक्रवार को संपन्न हुए द्विवार्षिक चुनावों के बाद, वर्तमान 95 से घटकर 91 पर आ गई.
राज्यसभा की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, सेवानिवृत्त हो रहे 57 सदस्यों को मिलाकर वर्तमान में उच्च सदन के कुल 232 सदस्यों में भाजपा के 95 सदस्य हैं. सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों में भाजपा के 26 सदस्य शामिल हैं जबकि इस द्विवार्षिक चुनाव में उसके 22 सदस्यों ने जीत दर्ज की. इस प्रकार उसे चार सीटों का नुकसान हुआ है.
निर्वाचित सदस्यों के शपथ लेने के बाद भाजपा के सदस्यों की संख्या 95 से घटकर 91 रह जाएगी. यानी फिर से 100 के आंकड़े तक पहुंचने के लिए भाजपा को अभी और इंतजार करना पड़ेगा.
अभी भी राज्यसभा में सात मनोनीत सदस्यों सहित कुल 13 रिक्तियां हैं. मनोनीत सदस्यों की नियुक्ति और खाली सीटों को भरे के जाने के बाद भाजपा के सदस्यों की संख्या 100 के करीब पहुंच सकती है. क्योंकि कुछ अपवादों को छोड़ दें तो आमतौर पर मनोनीत सदस्य अपने मनोनयन के छह माह के भीतर खुद को किसी दल से (सामान्यत: सत्ताधारी दल से) संबद्ध कर लेते हैं.
विगत अप्रैल माह में हुए राज्यसभा चुनावों में असम, त्रिपुरा और नगालैंड में एक-एक सीटों पर जीत हासिल करने के बाद भाजपा अपने इतिहास में पहली बार उच्च सदन में 100 के आंकड़े पर पहुंची थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित पार्टी के कई नेताओं ने इसे भाजपा की बड़ी उपलब्धि करार दिया था.
राज्यसभा की 57 सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनावों की घोषणा के बाद उत्तरप्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पंजाब, तेलंगाना, झारखंड और उत्तराखंड में सभी 41 उम्मीदवारों को पिछले शुक्रवार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था. इनमें भाजपा के 14 उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए थे.
भाजपा को उत्तर प्रदेश में तीन सीटों का फायदा हुआ. वहां से पहले उसके पांच सदस्य सेवानिवृत्त हुए थे, जबकि अब उसके आठ सदस्य निर्वाचित हुए हैं. बिहार और मध्य प्रदेश में भाजपा को दो-दो सीटें और उत्तराखंड और झारखंड में एक-एक सीटें मिलीं.
हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक की 16 सीट के लिए शुक्रवार को चुनाव हुए. इनमें से भाजपा महाराष्ट्र और कर्नाटक में तीन-तीन सीटें और हरियाणा और राजस्थान में एक-एक सीट जीतने में सफल रही.
इस प्रकार इन चार राज्यों में भाजपा को कुल आठ सीटें मिलीं. इस प्रकार कुल 57 सीटों में से 22 सीटों पर उसके उम्मीदवारों को जीत मिली.
हरियाणा में निर्दलीय चुनाव जीतने वाले कार्तिकेय शर्मा को भाजपा और उसकी सहयोगी जननायक जनता पार्टी ने समर्थन दिया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)