घटना लोहरदगा के सेरेंगदाग थाना क्षेत्र के गणेशपुर गांव की है, जहां कुछ ग्रामीणों की मृत्यु के बाद स्थानीय लोगों ने एक 55 वर्षीय महिला पर ‘जादू-टोना’ करने का आरोप लगाया. पुलिस के अनुसार, ग्रामीणों ने एक बैठक कर महिला को मौत की सज़ा सुनाई और पीटा. महिला को घायलावस्था में ज़हर खिलाकर फिर पीटा गया और दम तोड़ने के बाद शव को बोरे में डालकर पास के जलप्रपात में फेंक दिया.
लोहरदगा: जिले में ग्रामीणों ने एक अधेड़ उम्र की महिला पर डायन होने का आरोप लगाकर उसकी लाठी-डंडों से पीट-पीट कर हत्या कर दी.
पुलिस ने बताया कि घटना गुरुवार की है और महिला की हत्या करने के बाद उसके शव को बोरे में भरकर एक जल प्रपात में फेंक दिया गया था जहां से पुलिस ने शुक्रवार को उसे बरामद किया. इस मामले में करीब तीन दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया है.
अपर पुलिस अधीक्षक (कार्रवाई) दीपक पांडेय ने बताया कि लोहरदगा जिले के सेरेंगदाग थाना क्षेत्र के गणेशपुर गांव के ग्रामीणों ने 55 वर्षीय अधेड़ महिला पर डायन होने का आरोप लगाते हुए उसकी लाठी-डंडों से पिटाई करके हत्या कर दी और शव को एक बोरी में भरकर सेन्हा थाना क्षेत्र के धरधरिया जलप्रपात के समीप फेंक दिया.
उन्होंने बताया कि अंधविश्वास से जुड़े इस मामले की सूचना मिलने पर पुलिस ने शुक्रवार को शव बरामद किया और इस संबंध में करीब तीन दर्जन लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ कर रही है.
उन्होंने बताया कि सेरेंगदाग थाना क्षेत्र के गणेशपुर गांव में जनवरी से अभी तक बीमारी के कारण गांव के ही पांच लोगों की अकाल मृत्यु हो गई थी जिसका आरोप ग्रामीणों ने गांव की ही रहने वाली 55 वर्षीया होलो देवी पर लगाया और कहा कि उसने जादू टोना कर लोगों को मारा है.
उन्होंने आगे बताया, ‘इसके बाद गणेशपुर में 9 जून की सुबह 6 ग्रामीणों की बैठक बुलाई गई और शाम तक चली बैठक में होलो देवी को डायन बताकर उसे मौत की सजा सुनाई गई. ग्रामीणों ने मौत के फरमान पर अमल करते हुए होलो देवी को बुरी तरह पीटा और अधमरी हालत में जहर खिलाकर उसकी फिर से पिटाई की जिससे उसकी मौत हो गई.’
गौरतलब है कि झारखंड में लगातार इस तरह के मामले सामने आने के बीच सरकार ने गरिमा परियोजना की शुरुआत की है, जिसके तहत गांवों-प्रखंडों में अंधविश्वासों को लेकर जागरुकता फैलाने और पीड़ित महिलाओं को स्वावलंबी बनाने का दावा किया गया है.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डायन कुप्रथा उन्मूलन के लिए सरकार झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) के माध्यम से राज्य के सात प्रभावित जिलों में गरिमा परियोजना चला रही है. इनमें खूंटी, सिमडेगा, गुमला, सरायकेला, लोहरदगा, पूर्वी सिंहभूम व पश्चिम सिंहभूम जिले शामिल हैं.
साल 2019 में प्रकाशित द वायर की एक रिपोर्ट बताती है कि झारखंड पुलिस के मुताबिक राज्य में 2011 से लेकर सितंबर 2019 तक डायन-बिसाही के नाम पर 235 हत्याएं हुई थीं और सिर्फ चार साल (2014-17) में 2835 मामलों की एफआईआर दर्ज की गई है.
साल 2018 में सांसद संजीव कुमार के द्वारा विच हंटिंग पर संसद में पूछे गए सवाल पर तत्कालीन गृह राज्य मंत्री हंसराज अहिर ने लिखित जवाब में तय था कि राज्य में 2014 से 2017 तक डायन बताकर 183 हत्याएं हुई थीं, जो इन चार सालों में क्रमश: 46, 51, 44, 42 थीं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)