‘मेरी बेटी भात-भात कहते मर गई’

झारखंड के सिमडेगा ज़िले में रहने वाली कोयली देवी का कहना है कि उनकी बेटी भूख की वजह से मर गई. पिछले आठ महीने से उन्हें सरकारी राशन इसलिए नहीं मिल रहा था क्योंकि वह राशन कार्ड को आधार से लिंक नहीं करा पाई थीं.

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झारखंड के सिमडेगा ज़िले में रहने वाली कोयली देवी का कहना है कि उनकी बेटी भूख की वजह से मर गई. पिछले आठ महीने से उन्हें सरकारी राशन इसलिए नहीं मिल रहा था क्योंकि वह राशन कार्ड को आधार से लिंक नहीं करा पाई थीं.

Koyali Devi Jharkhand
झारखंड के सिमडेगा ज़िले में रहने वाली संतोषी की मां कोयली देवी. (फोटो साभार: एनएनआई)

झारखंड के सिमडेगा जिले में 11 साल की लड़की कथित रूप से भूख से तड़प-तड़प कर मर गई. आरोप है कि उसका परिवार राशन कार्ड को आधार से लिंक नहीं करा पाया जिसके चलते पिछले आठ महीने से उन्हें सस्ता राशन नहीं मिल रहा था. परिवार का कहना है कि संतोषी कुमारी नाम की इस लड़की ने 8 दिन से खाना नहीं खाया था, जिसके चलते बीते 28 सितंबर को भूख से उसकी मौत हो गई.

एएनआई के मुताबिक संतोषी की मां कोयली देवी ने बताया, ‘मैं जब वहां चावल लेने गई तो मुझे बताया गया कि राशन नहीं दिया जाएगा. मेरी बेटी ‘भात-भात’ कहते मर गई.’

इस बीच, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास सीएम ने ट्वीट कर कहा है कि सिमडेगा में बच्ची के निधन से व्यथित हूं. उपायुक्त को तुरंत पीड़ित परिवार से मिलने को कहा है. पीड़ित परिवार की हर संभव मदद की जाएगी. सिमडेगा उपायुक्त स्वयं 24 घंटे में मामले की जांच कर रिपोर्ट देंगे. यदि कोई दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. मेरे झारखंड में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना दोबारा न हो, सभी अधिकारी ये सुनिश्चित करें.


वहीं, समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में राज्य के खाद्य और आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी. मंत्री का कहना है कि इस बात को पहले ही स्पष्ट कर दिया गया था कि राशन कार्ड को आधार से लिंक न करने वालों को भी राशन की सुविधा दी जाएगी.

दैनिक जागरण के मुताबिक सिमडेगा के डीसी ने बताया कि तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने मौत की जांच की है, जिसमें यह बात सामने आई है कि बच्ची की मौत मलेरिया से हुई है. वहीं, जलडेगा ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर संजय कुमार कोंगारी भूख की मौत से इंकार कर रहे हैं. उनके मुताबिक लड़की की मौत मलेरिया से हुई है. मगर वो इस बात को मान रहे हैं कि लड़की के परिवार का नाम आधार से लिंक नहीं होने की वजह से पीडीएस के लाभार्थियों की सूची से बाहर कर दिया गया था.