झारखंड: रांची में ‘जय श्री राम’ का नारा लगाती भीड़ ने दो मुस्लिम युवकों को बुरी तरह से पीटा

बीते 10 जून की रात आठ बजे ज़ीशान और फ़ैज़ान झारखंड की राजधानी रांची के सुजाता चौक के पास पिज़्ज़ा लेने गए थे. आरोप है कि उसी समय करीब 30-40 हथियारबंद लोग ‘जय श्री राम’ का नारा लगाते हुए आए और उन्हें घेरकर पीटना शुरू कर दिया. इसी दिन पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ निलंबित भाजपा नेताओं की टिप्पणी को लेकर ​हुए विरोध प्रदर्शन के हिंसक हो जाने के बाद दो अन्य मुस्लिम युवकों की मौत हो गई थी.

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जीशान (बाएं) और फ़ैज़ान (दाएं) के सिर में लगी चोट. (फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट)

बीते 10 जून की रात आठ बजे ज़ीशान और फ़ैज़ान झारखंड की राजधानी रांची के सुजाता चौक के पास पिज़्ज़ा लेने गए थे. आरोप है कि उसी समय करीब 30-40 हथियारबंद लोग ‘जय श्री राम’ का नारा लगाते हुए आए और उन्हें घेरकर पीटना शुरू कर दिया. इसी दिन पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ निलंबित भाजपा नेताओं की टिप्पणी को लेकर ​हुए विरोध प्रदर्शन के हिंसक हो जाने के बाद दो अन्य मुस्लिम युवकों की मौत हो गई थी.

जीशान (बाएं) और फ़ैज़ान (दाएं) के सिर में लगी चोट. (फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट)

नई दिल्ली: झारखंड की राजधानी रांची में ‘जय श्री राम’ का नारा लगाती हिंदुत्ववादियों की भीड़ द्वारा दो मुस्लिम युवकों से कथित तौर पर मारपीट करने का मामला सामने आया है.

मुस्लिम युवकों का आरोप है कि रांची में बीते ​10 जून की शाम उन्हें ‘जय श्री राम’ का नारा लगाती हुई हिंदुत्ववादियों की भीड़ द्वारा बुरी तरह पीटा गया था. दोनों को सिर में गंभीर चोटें आईं हैं.

मालूम हो कि इसी दिन पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी के लिए हुई को लेकर ​हुए विरोध प्रदर्शन के हिंसक हो जाने के बाद गोलीबारी में दो लोगों (दोनो मुस्लिम) की मौत हो गई थी.

10 जून को रात आठ बजे जीशान (24 वर्ष) और फैजान (21 वर्ष) रांची के सुजाता चौक के पास डॉमिनोज से पिज्जा लेने गए थे. दोनों ही उस प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए थे, जो कि घटना से पहले उसी शाम हुआ था.

इस दौरान जब दोनों युवक पिज्जा तैयार होने का इंतजार कर रहे थे, तभी हिंदुत्ववादियों की एक भीड़ ने उन्हें वहां देख लिया.

हमले में घायल जीशान कहते हैं, ‘कम से कम 30 या उससे भी अधिक लोग थे. उनके पास हथियार थे. जैसे ही उन्होंने हमें देखा, हमें घेर लिया और हमारा नाम पूछने लगे और फिर हमें पीटने लगे. उन्होंने मेरे भाई को कई बार मारा जब तक कि उसका सिर फट नहीं गया. जब उन्होंने खून बहते देखा, तो वे भाग गए.’

उन्होंने कहा, पिटाई की वजह से मेरा भी बहुत खून बह रहा था, इसलिए हम वहां से निकल गए. उसके बाद हमें सदर अस्पताल ले जाया गया.’

जीशान आगे कहते हैं, ‘जब हम वहां पहुंचे ही थे तब वे ‘जय श्री राम’ जैसे कुछ नारे लगा रहे थे, लेकिन जब उन्होंने हमें देखा तो वे चिल्लाने लगे, ‘पकड़ो उन्हें, पकड़ो उन्हें.’

रांची में शुक्रवार (10 जून) को हुए प्रदर्शन के अगले दिन तैनात पुलिस बल. (फोटो: पीटीआई)

जीशान कहते हैं कि दवाओं और टांकों के बाद वे घर वापस आ गए. अपनी स्कूटी की चाबी वहां के पुलिसकर्मियों को उस वक्त देने के बाद उनका कहना है कि उनकी स्कूटी अभी भी थाने में है, जहां उन्हें लेने के लिए बुलाया गया है. उनका आरोप है कि एफआईआर दर्ज करने के प्रयास के बावजूद उन्हें इसकी रसीद नहीं मिली है.

वे कहते हैं, ‘बजरंग दल ने उसी इलाके में विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है, जहां हमें आज (12 जून) पुलिस थाने में बयान देने जाना है. इसलिए हम अब तक नहीं जा सके हैं.’

शिकायत जीशान के चाचा नसीम अख्तर द्वारा चुटिया पुलिस थाने के प्रभारी (एसएचओ) को दर्ज कराई गई थी. उन्होंने शिकायत में आरोप लगाया है कि उनका भतीजा जब सुजाता सिनेमा कॉम्प्लेक्स में डॉमिनोज में पिज्जा लेने गया था, तब उसके ऊपर 30-40 अज्ञात लोगों ने जानलेवा हमला करने की कोशिश की.

उसी दिन इकरा चौक पर नमाज के बाद एक बड़ा प्रदर्शन हुआ था. सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे पथराव की खबरों के बीच भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए गोलियां भी चलाई थीं.

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि हिंदुत्व नेता भैरव (भैरों) सिंह, जो कि जाना-माना हिस्ट्रीशीटर है, हनुमान मंदिर के अंदर से लोगों को उकसाने का काम कर रहा था, जहां कथित तौर पर पथराव शुरू हुआ था.

2018 में अपर बाजार में सिंह ने मुस्लिम दुकानदारों के खिलाफ यह कहते हुए एक अभियान चलाया था कि वह यह सुनिश्चित करेगा कि वे अपनी दुकानें छोड़ दें. संयोग से बीते 10 जून को मार्च का आह्वान उसी स्थान पर अपर बाजार-फिरयालाल में हुआ.

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