पैगंबर पर टिप्पणी: उत्तर प्रदेश में हिंसा के सिलसिले में अब तक 316 आरोपी गिरफ़्तार

उत्तर प्रदेश पुलिस ने आठ ज़िलों में बीते 10 जून को जुमे की नमाज़ के बाद पैगंबर मोहम्मद पर निलंबित भाजपा नेताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की टिप्पणी के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक कुल 13 एफ़आईआर दर्ज ​किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश​ देते हुए कहा है कि दोषियों के ख़िलाफ़ ऐसी कार्रवाई की जानी चाहिए कि एक मिसाल कायम करे.

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इलाहाबाद में बीते 10 जून को पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी के विरोध में हुआ प्रदर्शन हिंसक हो गया था. (फोटो: पीटीआई)

उत्तर प्रदेश पुलिस ने आठ ज़िलों में बीते 10 जून को जुमे की नमाज़ के बाद पैगंबर मोहम्मद पर निलंबित भाजपा नेताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की टिप्पणी के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक कुल 13 एफ़आईआर दर्ज ​किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश​ देते हुए कहा है कि दोषियों के ख़िलाफ़ ऐसी कार्रवाई की जानी चाहिए कि एक मिसाल कायम करे.

इलाहाबाद में बीते 10 जून को पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी के विरोध में हुआ प्रदर्शन हिंसक हो गया था. (फोटो: पीटीआई)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस ने आठ जिलों में बीते 10 जून को जुमे की नमाज के बाद पैगंबर मोहम्मद पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा और पार्टी की दिल्ली इकाई से निष्कासित मीडिया प्रभारी नवीन जिंदल की टिप्पणी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक कुल 13 एफआईआर दर्ज करते हुए 316 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

रविवार शाम को जारी एक बयान में अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया, ‘राज्य के आठ जिलों से 316 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और इस संबंध में नौ जिलों में 13 एफआईआर दर्ज की गई हैं.’

जिलेवार ब्योरा देते हुए कुमार ने बताया, ‘इलाहाबाद में 92, सहारनपुर में 79, हाथरस में 51, आंबेडकर नगर में 34, मुरादाबाद में 35, फिरोजाबाद में 15, अलीगढ़ में छह और जालौन में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है.’

कुमार ने जिलों में दर्ज एफआईआर का ब्योरा देते हुए कहा कि इलाहाबाद और सहारनपुर में तीन-तीन एफआईआर तथा फिरोजाबाद, अलीगढ़, हाथरस, मुरादाबाद, आंबेडकरनगर, खीरी और जालौन में एक-एक एफआईआर दर्ज की गई है और 316 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है.

एडीजी ने बताया कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा में कुल 13 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें मुरादाबाद में दो आरक्षी, आंबेडकरनगर में आठ पुलिसकर्मी व इलाहाबाद में तीन पुलिसकर्मी व अन्य प्रशासनिक अधिकारी घायल हुए हैं.

कुमार ने बताया कि उपद्रव के दौरान सहारनपुर में जनता के दो वाहन पलटने से क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि इलाहाबाद में छह वाहन (चार मोटर साइकिल, पीएसी के एक ट्रक तथा एक मोटरसाइकिल) क्षतिग्रस्त हुए.

उन्होंने बताया कि इनमें पांच वाहनों में आगजनी की गई तथा तीन में तोड़फोड़ की गई.

मुख्यमंत्री ने उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखने का निर्देश दिया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर जिले में तीन जून को हुई हिंसा और इसके बाद विभिन्न जिलों में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा का संज्ञान लेकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया कि उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखी जाए और कार्रवाई ऐसी हो जो असामाजिक सोच रखने वाले सभी तत्वों के लिए एक नजीर बने और माहौल बिगाड़ने के बारे में कोई सोच भी न सके.

योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और शीर्ष पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये कानून-व्यवस्था की समीक्षा की.

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे शरारतपूर्ण बयान जारी करने वालों के साथ ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने’ की नीति के साथ पेश आएं और एक भी निर्दोष को छेड़ें नहीं और कोई दोषी छोड़े नहीं.

उन्होंने कहा कि विगत दिनों कानपुर, इलाहाबाद, सहारनपुर, मुरादाबाद, हाथरस, फिरोजाबाद, आंबेडकर नगर आदि जिलों में असामाजिक तत्वों द्वारा शांति एवं सौहार्द के माहौल को बिगाड़ने का प्रयास किया गया.

उन्होंने कहा कि इससे पहले तीन जून को कानपुर में भी ऐसी ही कोशिश की गई थी और तब भी सतर्कता के निर्देश दिए गए थे, जिससे प्रदेश के ज्यादातर जिलों में शांति बनी हुई है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह शांति व्यवस्था चिर स्थायी रहे, इसके लिए सतर्क सावधान रहना होगा.

इस बीच सहारनपुर में 10 जून को हुई हिंसा के दो आरोपियों के मकानों को पुलिस ने शनिवार को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया था.

सहारनपुर से मिली खबर के अनुसार, पुलिस प्रशासन ने हंगामा करने वाले दो आरोपियों को चिह्नित करके उनकी अवैध सम्पति पर बुलडोजर चलाया.

सहारनपुर के पुलिस अधीक्षक (नगर) राजेश कुमार ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में उपद्रव मचाने वाले दो मुख्य आरोपियों मुजम्मिल निवासी राहत कॉलोनी 62 फुटा रोड और अब्दुल वाकिर निवासी खता खेड़ी के मकानों पर नगर निगम की टीम के साथ मिलकर बुलडोजर चलाया गया और उनके अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया.

दूसरी ओर कानपुर में पुलिस ने मोहम्मद इश्तियाक से जुड़ी एक संपत्ति को ध्वस्त कर दिया. पुलिस ने कहा कि इश्तियाक 3 जून को कानपुर में हुए हिंसक प्रदर्शनों के मुख्य आरोपी जफर हयात हाशमी से जुड़ा था. विवादित संपत्ति स्वरूपनगर में स्थित थी, जो उस जगह से तीन किलोमीटर दूर है, जहां कानपुर में हिंसा हुई थी.

इसी कड़ी में रविवार को इलाहाबाद में भी छात्र कार्यकर्ता आफ़रीन फ़ातिमा के घर को अवैध बताकर प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया.

बीते 10 जून को इलाहाबाद में हुई हिंसा के संबंध में उत्तर प्रदेश पुलिस ने वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के नेता और सीएए विरोधी प्रदर्शनों में एक प्रमुख चेहरा रहे आफरीन के जावेद मोहम्मद को 10 अन्य लोगों के साथ ‘मुख्य साजिशकर्ता’ बताया है. जावेद​ फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं.

बता दें कि उत्तर प्रदेश के कानपुर में शुक्रवार 3 जून को भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी के खिलाफ दुकान बंद करने को लेकर दो पक्षों में ​विवाद के बाद हिंसा भड़क गई थी.

नूपुर ने टीवी पर एक बहस के दौरान वह टिप्पणी की थी. चर्चा ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर हो रही थी. बाद में यह भारत के खिलाफ एक कूटनीतिक मुद्दा बन गया, जिसके चलते भाजपा ने शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया.

चार जून को पुलिस ने 1,000 से अधिक अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज कीं, जिनमें से 55 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें सभी मुस्लिम हैं.

निलंबित भाजपा नेताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल द्वारा पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी को लेकर उनकी गिरफ्तारी की मांग पर बीते 10 जून को देश भर के कई शहरों और कस्बों में विरोध प्रदर्शन हुए थे.

झारखंड की राजधानी रांची में हिंसक प्रदर्शन के दौरान दो लोगों की मौत हो गई थी. उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद और पश्चिम बंगाल के हावड़ा में भी विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था. श्रीनगर में बंद के अलावा दिल्ली और मध्य प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, बिहार और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)