उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद, सहारनपुर समेत कई शहरों में बीते 10 जून को भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा और पार्टी से निष्कासित नेता नवीन कुमार जिंदल की पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी. यूपी पुलिस ने हिंसक प्रदर्शनों के सिलसिले में अब तक 357 लोग गिरफ़्तार किया है और कुल 13 एफ़आईआर दर्ज की है.
इलाहाबाद/लखनऊ: उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद शहर के अटाला और नूरुल्ला रोड पर बीते 10 जून को जुमे की नमाज के बाद पथराव की घटना को अंजाम देने के 59 आरोपियों के पोस्टर इलाहाबाद पुलिस ने बुधवार को जारी कर दिए हैं.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने बताया कि कुछ उपद्रवियों की पहचान नहीं हो सकी है, उनके लिए पोस्टर बनाए गए हैं.
उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में 59 उपद्रवियों के पोस्टर जारी किए गए हैं, जिन्हें सड़कों के किनारे लगाया जाएगा और सोशल मीडिया पर भी डाला जाएगा, जिससे इन शरारती तत्वों की पहचान हो सके.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, अजय कुमार ने कहा, ‘हमारे पास वीडियो और फोटोग्राफिक सबूत हैं, जो दिखाते हैं कि ये लोग 10 जून को पथराव और अन्य अवैध गतिविधियों में शामिल थे. हालांकि उनकी पहचान नहीं हो सकी है.’
पुलिस ने कहा कि पुराने शहर के अटाला क्रॉसिंग, नूरुल्ला रोड, रोशनबाग, अटाला मुख्य मार्ग और खुल्दाबाद पुलिस थाने के बाहर विभिन्न स्थानों पर पोस्टर लगाए गए हैं.
उन्होंने कहा कि पोस्टर में इन उपद्रवियों के ईंट पत्थर फेंकते, वाहनों में आग लगाते हुए तस्वीरें दिखाई दे रही हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्तियों को दुर्दांत अपराधी माना जा रहा है और इनकी पहचान सुनिश्चित करके इनकी गिरफ्तारी की जाएगी.
UP | Policemen put up posters of accused in action, from the June 10 violence that happened in Prayagraj pic.twitter.com/tvdYV2XV75
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 15, 2022
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जिन व्यक्तियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकेगी, उनके खिलाफ वारंट जारी करने की कार्रवाई की जाएगी और उनको 107, 116 और अन्य धाराओं के तहत पाबंद कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्तियों के मकानों की कुर्की भी कराई जाएगी.
उन्होंने बताया कि आगामी शुक्रवार को फिर से ऐसी घटना न हो, इसके लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया जा रहा है और प्रमुख धर्म गुरुओं से लगातार संवाद किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि किसी बेकसूर को जेल न जाना पड़े, इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है, जिसके सही गलत का आकलन करने के बाद ही गिरफ्तारी की जा रही है.
एसएसपी ने कहा, ‘अब तक 92 लोगों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. अन्य 40 लोगों की पहचान की गई है, जो अभी भी फरार हैं और पुलिस को उनकी तलाश है.’
उन्होंने कहा कि अगर वे पुलिस या अदालत के सामने आत्मसमर्पण करने में विफल रहते हैं, तो उनके खिलाफ वारंट जारी किया जाएगा और उनकी संपत्ति को आगे की कार्रवाई के रूप में संलग्न किया जाएगा.
इस बीच पुलिस की मीडिया इकाई ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए बताया कि इलाहाबाद हिंसा के मास्टरमाइंड मोहम्मद जावेद उर्फ जावेद पंप के मकान के ध्वस्तीकरण से पूर्व मकान की तलाशी के दौरान पुलिस को एक आधा फटा हुआ टाइपशुदा पर्चा मिला था.
पुलिस की मीडिया इकाई के अनुसार पर्चे का मजमून कुछ इस प्रकार था, ‘सुनो साथियों, 10 जून को जुमा के दिन अटाला पहुंचना होगा. वहां इकट्ठा होना है, जो भी अड़चन बनेगा, उस पर वार करना होगा. हमें अदालत पर भरोसा नहीं है.’
पुलिस की मीडिया इकाई के अनुसार, इस पर्चे को पुलिस द्वारा सीज कर लिया गया है और यह एक अहम सबूत है और इसे तफ्तीश में शामिल किया जा रहा है. पुलिस की मीडिया इकाई की ओर से कहा गया कि किसी भी दोषी को कतई बक्शा नहीं जाएगा.
मालूम हो कि इलाहाबाद के मुस्लिम बहुल अटाला इलाके में पिछले शुक्रवार (10 जून) को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा और पार्टी से निष्कासित नेता नवीन कुमार जिंदल की पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी.
पथराव और हिंसा के बाद जिला प्रशासन और पुलिस ने बीते 12 जून को जावेद मोहम्मद के करेली स्थित दो मंजिला घर को इलाहाबाद प्रशासन ने अवैध बताते हुए बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया. ध्वस्तीकरण के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है.
जावेद फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं.
हिंसक प्रदर्शनों के सिलसिले में अब तक 357 लोग गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश में पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक कुल 13 एफआईआर दर्ज की गई है और 357 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी.
राज्य के नौ जिलों में गत शुक्रवार (10 जून) को जुमे की नमाज के बाद शर्मा की कथित टिप्पणी के खिलाफ प्रदर्शन किए गए थे.
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बुधवार की शाम लखनऊ में जारी एक बयान में बताया, ‘राज्य के नौ जिलों से 357 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और कुल 13 एफआईआर दर्ज की गई है.’
जिलेवार ब्योरा देते हुए कुमार ने बताया, ‘इलाहाबाद में 97, सहारनपुर में 85, हाथरस में 55, आंबेडकर नगर में 41, मुरादाबाद में 40, फिरोजाबाद में 20, अलीगढ़ में छह, जालौन में पांच और लखीमपुर खीरी में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है.’
कुमार ने बताया कि इलाहाबाद और सहारनपुर में तीन-तीन एफआईआर तथा फिरोजाबाद, अलीगढ़, हाथरस, मुरादाबाद, आंबेडकरनगर, खीरी और जालौन में एक-एक एफआईआर दर्ज की गई है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के कानपुर में शुक्रवार 3 जून को भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी के खिलाफ दुकान बंद करने को लेकर दो पक्षों में विवाद के बाद हिंसा भड़क गई थी.
नूपुर ने टीवी पर एक बहस के दौरान वह टिप्पणी की थी. चर्चा ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर हो रही थी. बाद में यह भारत के खिलाफ एक कूटनीतिक मुद्दा बन गया, जिसके चलते भाजपा ने शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया.
निलंबित भाजपा नेताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल द्वारा पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी को लेकर उनकी गिरफ्तारी की मांग पर बीते 10 जून को देश भर के कई शहरों और कस्बों में विरोध प्रदर्शन हुए थे.
झारखंड की राजधानी रांची में हिंसक प्रदर्शन के दौरान दो लोगों की मौत हो गई थी. उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद और सहारनपुर समेत राज्य के कई जिलों में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद लोगों ने नारेबाजी की थी और पथराव किया था. पश्चिम बंगाल के हावड़ा में भी विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था. श्रीनगर में बंद के अलावा दिल्ली और मध्य प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, बिहार और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर जिले में तीन जून को हुई हिंसा और इसके बाद विभिन्न जिलों में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा की घटनाओं का संज्ञान लेकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखी जाए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)