एनसीईआरटी ने कक्षा 12वीं की राजनीतिक विज्ञान की किताब से जिन पृष्ठों को हटाया है उनमें दंगों से निपटने में गुजरात सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे, साथ ही तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘राजधर्म’ की सीख देने का ज़िक्र था.
नई दिल्ली: एनसीईआरटी ने कक्षा 12वीं के राजनीतिक विज्ञान पाठ्यक्रम से गुजरात दंगों से संबंधित सामग्री हटा दी है. ऐसा कोविड-19 महामारी के मद्देनजर ‘पाठ्यपुस्तक को व्यवस्थित’ करने के अभ्यास के तौर पर किया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पाठ्यपुस्तक की पुनर्गठित सामग्री पर एनसीईआरटी द्वारा गुरुवार को जारी नोट के अनुसार, पुस्तक से गुजरात दंगों से संबंधित पृष्ठ 187-189 हटाए गए हैं. इन पृष्ठों में 1 मार्च 2002 की इंडियन एक्सप्रेस के मुख्य पृष्ठ की तस्वीर भी है.
हटाए गए एक पैराग्राफ में कहा गया है, ‘गुजरात दंगों से पता चलता है कि सरकारी तंत्र भी सांप्रदायिक भावनाओं के आगे झुक जाता है. गुजरात जैसे उदाहरण हमें राजनीतिक उद्देश्यों के लिए धार्मिक भावनाओं का उपयोग करने में शामिल खतरों के प्रति सचेत करते हैं. यह लोकतांत्रिक राजनीति के लिए खतरा पैदा करता है.’
इसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का वह बयान भी शामिल है, जिसमें वे गुजरात के मुख्यमंत्री को राजधर्म की सीख देते नजर आ रहे हैं.
किताब के पृष्ठ 105 को भी हटाया गया है, इसमें ‘नक्सली आंदोलन’ का इतिहास था और पृष्ठ 113-117 भी हटाए गए हैं जिनमें ‘आपातकाल से संबंधित विवाद’ लिखे थे.
अपने बयान में एनसीईआरटी ने कहा कि पाठ्यपुस्तक को व्यवस्थित करने के लिए उस सामग्री को हटाया गया है जिसके समान सामग्री उसी कक्षा के अन्य विषयों में शामिल थी और उस सामग्री को हटाया गया है जो कि वर्तमान संदर्भों में अप्रासंगिक है.
बयान में आगे कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर यह अनिवार्य हो गया है कि छात्रों पर पठन सामग्री के भार को कम किया जाए. राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 भी इसी पर जोर देती है… इस पृष्ठभूमि में एनसीईआरटी ने सभी कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकों को व्यवस्थित करने की कवायद शुरू की है.