अग्निपथ: चौथे दिन भी प्रदर्शन जारी, तेलंगाना में पुलिस की गोली लगने से एक प्रदर्शनकारी की मौत

बिहार, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु समेत कई राज्यों में शनिवार को भी अग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन जारी हैं. इस बीच रेलवे ट्रैक अवरुद्ध करने, कई इमारतों और वाहनों में आगजनी की ख़बर है. इससे पहले शुक्रवार को सिकंदराबाद स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आरपीएफ द्वारा की गई फायरिंग में एक 24 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई.

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शनिवार को जालंधर में अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन करते युवा. (फोटो: पीटीआई)

बिहार, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु समेत कई राज्यों में शनिवार को भी अग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन जारी हैं. इस बीच रेलवे ट्रैक अवरुद्ध करने, कई इमारतों और वाहनों में आगजनी की ख़बर है. इससे पहले शुक्रवार को सिकंदराबाद स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आरपीएफ द्वारा की गई फायरिंग में एक 24 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई.

शनिवार को जालंधर में अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन करते युवा. (फोटो: पीटीआई)

जहानाबाद/बक्सर/गया/कोलकाता/नई दिल्ली: बिहार के कई हिस्सों में लगातार चौथे दिन भी अग्निपथ योजना के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन जारी रहा. प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को जहानाबाद जिले में तेहटा पुलिस चौकी परिसर के अंदर खड़े एक ट्रक और एक बस समेत कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया.

वामपंथी अखिल भारतीय छात्र संघ (आईसा) के नेतृत्व में छात्र संगठनों द्वारा आहूत राज्यव्यापी बंद के मद्देनजर गया, बक्सर, जहानाबाद सहित राज्य के कुछ अन्य हिस्सों में शनिवार को सड़क परिवहन सेवाएं प्रभावित हुईं और आपात सेवाओं को छोड़कर अधिकांश दुकानें व अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे.

बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद), प्रदेश में सत्ता में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने बिहार बंद को अपना समर्थन दिया है.

अग्निपथ योजना के विरोध में बुलाए गए बिहार बंद के दौरान पटना के पास तारेगना (मसौढ़ी) स्टेशन पर भीड़ द्वारा आग लगा दी गई. (फोटो: पीटीआई)

उधर, रेलवे ने नुकसान की आशंका को देखते हुए कई ट्रेन या तो रद्द कर दीं या फिर उनका परिचालन रोक दिया.

इस बीच, बिहार सरकार ने शुक्रवार को अग्निपथ योजना के मुद्दे पर राज्यभर में हुई व्यापक हिंसा की पृष्ठभूमि में 12 जिलों में 19 जून तक इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया है.

गृह विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, कैमूर, भोजपुर, औरंगाबाद, रोहतास, बक्सर, नवादा, पश्चिमी चंपारण, समस्तीपुर, लखीसराय, बेगूसराय, वैशाली और सारण जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.

अधिकारियों ने राज्य के कई जिलों में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘सशस्त्र बलों के लिए केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ बिहार में जारी विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए राज्य के कुछ जिलों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू कर दी गई है.’

जहानाबाद जिले में शनिवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे तेहटा पुलिस चौकी के पास बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हो गए और सुरक्षाकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया.

अधिकारियों के मुताबिक, बाद में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस चौकी के अंदर खड़े एक ट्रक और एक बस सहित कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया.

इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स की भर्ती में ‘अग्निवीरों’ के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की है.

गृह मंत्रालय ने सीएपीएफ और असम राइफल्स में ‘अग्निवीरों’ की भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा में तीन साल की छूट देने का भी फैसला किया है.

बंगाल: प्रदर्शनकारियों ने रेल पटरियों को अवरुद्ध किया

सशस्त्र बलों में भर्ती से संबंधित नई योजना ‘अग्निपथ’ का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में सियालदह-बैरकपुर मार्ग पर रेल पटरियों को अवरुद्ध कर दिया, जिसके चलते ट्रेन सेवाएं करीब एक घंटे तक बाधित रहीं. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पटरियों पर ‘पुश अप’ भी किया.

पूर्वी रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि लगभग 20 प्रदर्शनकारियों ने सुबह करीब 10 बजे एक क्रॉसिंग पर रेल पटरियों को अवरुद्ध कर दिया, जिसके कारण वाहनों की आवाजाही भी प्रभावित हुई.

प्रदर्शन में शामिल एक व्यक्ति ने पत्रकारों से कहा, ‘हम अपने देश से प्यार करते हैं, कृपया हमारे भविष्य के साथ न खेलें. हम कई वर्षों से सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहे हैं, और अब केंद्र ने अग्निपथ योजना लागू की है. हम इसे तत्काल वापस लेने की मांग करते हैं.’

लोगों के कार्यालय जाने के समय हुए प्रदर्शन ने रेलवे सेवाओं को प्रभावित किया, और बैरकपुर रेलवे स्टेशन पर प्रतीक्षा कर रहे कई यात्री प्रदर्शन स्थल पर पहुंच गए तथा प्रदर्शनकारियों के साथ उनका झगड़ा हो गया.

रेलवे पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को पूर्वाह्न करीब 11.15 बजे प्रदर्शन स्थल से हटा दिया गया और रेलवे सेवाएं व वाहनों की आवाजाही फिर से शुरू हो गई है.

इससे पहले शुक्रवार को करीब 50-60 प्रदर्शनकारियों ने जिले के ठाकुरनगर स्टेशन पर रेलवे पटरी को डेढ़ घंटे तक अवरुद्ध रखा था.

तमिलनाडु में भी प्रदर्शन जारी

चेन्नई में भी युवाओं ने एकत्र होकर अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन किया. वॉर मेमोरियल के पास नारेबाजी करने वाले इन प्रदर्शनकारियों को बाद में पुलिस ने हिरासत में लिया.

तेलंगाना में प्रदर्शनकारी की मौत

इससे पहले शुक्रवार को हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान तेलंगाना के सिकंदराबाद में पुलिस की गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई. आक्रोशित युवाओं के प्रदर्शन के दौरान कई ट्रेनों में आग लगा दी गई, निजी, सार्वजनिक वाहनों, रेलवे स्टेशन में तोड़फोड़ की गई और राजमार्गों तथा रेलवे लाइन को अवरूद्ध कर दिया गया.

सिकंदराबाद स्टेशन पर तोड़फोड़ कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) द्वारा की गई गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई. घायलों का इलाज राजकीय गांधी अस्पताल में कराया जा रहा है.

शुक्रवार को जान गंवाने वाले युवक की पहचान वारंगल जिले के दबीरपेट गांव के रहने वाले 24 वर्षीय राकेश के रूप में हुई है.

बुधवार से शुरू हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद मौत का यह पहला मामला सामने आया है.

पड़ोसी राज्य बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ भागों में अग्निपथ योजना के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर राज्य सरकार ने शुक्रवार को सभी जिला प्रशासनों को एहतियाती कदम उठाने को कहा ताकि कहीं भी कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब न हो.

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए शहर और जिलों के सभी पुलिस थानों को अपने अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए सतर्क कर दिया गया है.

सिकंदराबाद और बिहार के लखीसराय, समस्तीपुर में ट्रेन की खिड़कियों से आग की लपटें निकल रही थीं, जिससे आसमान में काले धुएं के घने बादल फैल गए जो कई किलोमीटर दूर से देखे जा सकते थे.

देश भर के कई रेलवे स्टेशन पर भीड़ ने पथराव करते हुए तोड़फोड़ की. दंगा रोधी उपकरणों से लैस पुलिसकर्मियों को प्रदर्शनकारियों का पीछा करते देखा गया जिनमें से सैकड़ों को पकड़ा गया.

कठुआ में अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन करते युवा. (फोटो: पीटीआई)

प्रदर्शनकारियों ने बक्सर, भागलपुर और समस्तीपुर में कई स्थानों पर टायर जलाकर राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया.

रेलवे की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के अलावा पटना में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता और उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के घर पर प्रदर्शनकारियों ने हमला किया. भाजपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल के बेतिया स्थित आवास में भी तोड़फोड़ की गई.

वहीं, राजस्थान के कोटा में सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवा बड़ी संख्या में एकत्र हुए और उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने मांग उठायी कि वे 2019 की भर्ती प्रक्रिया के दौरान में शारीरिक परीक्षा में सफलता हासिल कर चुके हैं और अब उनकी लिखित परीक्षा आयोजित कर पुरानी प्रक्रिया के तहत सेना में भर्ती किया जाये.

दिल्ली: अग्निपथ प्रदर्शनकारियों को ‘उकसाने’ के आरोप में एक गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने और यहां अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे युवाओं को भड़काने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.

पुलिस ने कहा कि सुरेंद्र शर्मा उर्फ ​​फौजी ने शुक्रवार सुबह बाबा हरिदास नगर में दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) कार्यालय के गेट के पास विरोध-प्रदर्शन के दौरान 50-60 प्रदर्शनकारियों की भीड़ को कथित रूप से भड़काऊ और उकसाने वाला भाषण दिया.

चार साल तक अनुबंध के आधार पर सशस्त्र बलों में सैनिकों की भर्ती के लिए घोषित नई अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग को लेकर ये युवा नारेबाजी कर रहे थे.

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को सड़क के एक तरफ ले जाया गया, ताकि यातायात बाधित न हो और प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्वक वहां से हटने के लिए कहा गया. बाद में दौलतपुर के पास असालतपुर खवाद गांव का निवासी शर्मा विरोध में शामिल हो गया और अपने कथित भड़काऊ भाषण के माध्यम से प्रदर्शनकारियों को ‘उकसाने’ लगा.

पुलिस उपायुक्त (द्वारका) एम. हर्षवर्धन ने कहा कि शर्मा की वहां पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई भी हुई.

पुलिस ने कहा कि कुल 18 प्रदर्शनकारियों को मौके पर ही हिरासत में लिया गया और उन पर एहतियाती कार्रवाई की गई.

डीसीपी के मुताबिक, शर्मा के खिलाफ शुक्रवार को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 186 (लोक सेवक को सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालना), 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल प्रयोग) और 332 (स्वेच्छा से लोक सेवक को चोट पहुंचाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

अधिकारी ने बताया कि आरोपी को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया.

उत्तर प्रदेश :कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन, 260 गिफ्तार

नई ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ उत्तर प्रदेश के कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन भी हिंसक प्रदर्शन किया. बलिया में प्रदर्शनकारियों ने एक ट्रेन के खाली डिब्बे को आग के हवाले कर दिया और अलीगढ़ में एक पुलिस चौकी फूंक दी गई.

हिंसक प्रदर्शन के मामले में प्रदेश में अब तक 260 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि अलीगढ़ के टप्पल क्षेत्र में कुछ नौजवानों के एक समूह ने अलीगढ़-पलवल राज्यमार्ग पर स्थित जट्टारी पुलिस चौकी में आग लगा दी. इसके अलावा उन्होंने पुलिस के एक वाहन को भी आग के हवाले कर दिया.

उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने अलीगढ़ और टप्पल के बीच फंसे कुछ निजी वाहनों पर पथराव भी किया. हिंसक प्रदर्शन के दौरान खैर के पुलिस क्षेत्राधिकारी इंदु सिद्धार्थ घायल भी हो गये. हालांकि उन्हें मामूली चोटें आयी हैं.

कुमार ने बताया कि प्रदेश में 17 जगहों से धरना प्रदर्शन की सूचना आई हैं. हिंसक घटनाओं के मामले में वाराणसी में तीन तथा फिरोजाबाद, अलीगढ़ और गौतम बुद्ध नगर जिलों में एक-एक मुकदमा दर्ज किया गया है. वारदात ग्रस्त पांच जिलों में कुल 260 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा 109 गिरफ्तारियां बलिया में की गई हैं. इसके अलावा मथुरा में 70, अलीगढ़ में 31, वाराणसी में 27 तथा गौतम बुद्ध नगर में 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने बताया कि जिले में हिंसा के मामले में 30 लोगों को हिरासत में लिया गया. हिंसाग्रस्त टप्पल इलाके में बल ने फ्लैग मार्च किया. उन्होंने बताया कि घटना के बाद पुलिस की साइबर सेल के माध्यम से सोशल मीडिया पर पैनी निगाह रखी जा रही है.

बलिया में ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कुछ नौजवानों ने बलिया रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन के खाली डिब्बे में आग लगा दी और कुछ बसों में तोड़फोड़ की. इसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.

बलिया की जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने बताया कि फिलहाल 100 लोगों को हिरासत में लिया गया है. सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के जरिए आरोपियों को चिह्नित किया जा रहा है. जांच के बाद आरोपियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी.

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ है. वीडियो में कुछ युवा रेल की पटरी उखाड़ने का प्रयास करते और रेलवे की संपत्ति में तोड़फोड़ करते नजर आ रहे हैं.

वीडियो के अनुसार बलिया-वाराणसी मेमू एवं बलिया-शाहगंज ट्रेन में भी तोड़फोड़ की गई तथा प्लेटफार्म पर दुकानों को भी निशाना बनाया गया. रोडवेज से अनुबंधित दो बस में भी तोड़फोड़ की गई.

अपर पुलिस अधीक्षक तिवारी ने बताया कि पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया तथा आंसू गैस के गोले छोड़े.

बलिया में सेना भर्ती की तैयारी कर रहे एक युवक ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर कहा कि वह सरकार से हाथ जोड़कर विनती करता है कि ‘अग्निपथ’ योजना को वापस ले लिया जाए क्योंकि इस निर्णय से सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं के सपने चकनाचूर हो रहे हैं.

युवक ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से अपील करते हैं कि इस योजना को वापस ले लें.

फिरोजाबाद से मिली खबर के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर बसों में तोड़फोड़ की. प्रदर्शनकारियों ने अवरोधक लगाकर बसों को रोका और उनमें तोड़फोड़ की.

पुलिस के मुताबिक तोड़फोड़ करने वाले लोग आसपास के ही गांव के बताए गए हैं जिन्हें चिह्नित करने की कार्रवाई की जा रही है.

गौतमबुद्ध नगर के जेवर क्षेत्र में सैन्य भर्ती की अग्निपथ योजना के खिलाफ सैकड़ों प्रदर्शनकारी युवाओं ने यमुना एक्सप्रेस-वे जाम कर दिया.

पुलिस उपायुक्त (जोन तृतीय) मीनाक्षी कात्यान ने बताया कि प्रदर्शन के चलते काफी देर तक यातायात बाधित रहा. जाम में फंसे लोगों ने आरोप लगाया कि विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने वाहन चालकों के साथ बदसलूकी की है तथा वाहनों में तोड़फोड़ की है.

इस मामले में 70 नामजद तथा 100 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

अमेठी में भी युवाओं ने प्रदर्शन किया. इस दौरान विकासखंड भादर मुख्यालय पर दुर्गापुर-अमेठी मार्ग को जाम कर दिया जिसे खाली कराने के लिए पुलिस प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी.

वाराणसी में युवाओं ने प्रदर्शन करने के साथ ही कई जगहों पर तोड़फोड़ की. कैंट स्टेशन पर सैकड़ों युवाओं ने सरकार विरोधी नारे लगाए और स्टेशन के सामने कई रोडवेज की बसों और ठेलों को क्षतिग्रस्त कर दिया.

पुलिस बल के खदेड़ने पर उपद्रवी युवाओं की टोली महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की तरफ भागी और फिर पथराव करने लगी. युवाओं ने लहरतारा स्थित डीआरएम कार्यालय के सामने भी बसों में तोड़फोड़ की.

उन्नाव और देवरिया में भी ‘अग्निपथ’ योजना के विरोध में युवकों ने धरना दिया.

आगरा से मिली खबर के मुताबिक सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने मलपुरा क्षेत्र के गांव बाद में आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित कर दिया. घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर बल के साथ पहुंचे मलपुरा के थाना प्रभारी तेजवीर सिंह की गाड़ी में प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की और पुलिस पर पथराव किया.

गौतमबुद्धनगर में 75 नामजद और 150 अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज

अग्निपथ के खिलाफ गौतमबुद्ध नगर जिले के जेवर क्षेत्र में शुक्रवार को प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर तोड़फोड़ करने के मामले में 75 नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.

पुलिस ने बताया कि मामले में अबतक 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और बाकी की घटना की उपलब्ध तस्वीरों और वीडियो के आधार पर पहचान की जा रही है.

उन्होंने बताया कि थाना जेवर पुलिस ने 75 नामजद व 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)