इलाहाबाद पुलिस शहर के करेली और खुल्दाबाद इलाके में बीते 10 जून को भड़की हिंसा के संबंध में अब तक 97 लोगों को गिरफ़्तार कर चुकी है. गिरफ़्तार किए गए लोगों में जावेद मोहम्मद भी शामिल हैं, जिनका मकान प्रशासन ने अवैध बताकर गिरा दिया था. उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों में हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक कुल 20 एफ़आईआर दर्ज की गई है और 415 आरोपियों को गिरफ़्तार किया गया है.
इलाहाबाद: भाजपा के पूर्व प्रवक्ताओं द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर हुए 10 जून को हुए प्रदर्शनों के दौरान भड़की हिंसा में कथित संलिप्तता के लिए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के जिलाध्यक्ष समेत पांच लोगों के खिलाफ इलाहाबाद पुलिस को अदालत से गैर जमानती वारंट मिल गए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पुलिस जब पांचों आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफल नहीं हुई तो उसने अदालत का रुख किया था.
पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान इन पांचों आरोपियों की भूमिका सामने आई थी. पुलिस ने आगे बताया कि एआईएमआईएम की इलाहाबाद इकाई के अध्यक्ष शाह आलम के अलावा पुलिस ने अन्य चार की पहचान फज़ल, उमर ख़ालिद, आशीष मित्तल और ज़ीशान रहमानी के तौर पर की है.
खुल्दाबाद पुलिस थाने के प्रभारी अनुराग शर्मा ने दावा किया कि शाह आलम एवं अन्य (आरोपी) जनता को भड़काने और मौके पर उन्हें इकट्ठा होने के लिए आमंत्रित करने के आरोपी हैं.
शर्मा ने बताया कि फज़ल एक स्थानीय पार्षद हैं, जबकि उमर और ज़ीशान ने इलाहाबाद में सीएए/एनआरसी के विरोध में आयोजित एक प्रदर्शन में पहले भी हिस्सा लिया था. संबंधित प्रदर्शन इलाहाबाद में 2020 में हुआ था.
पुलिस ने कहा, आशीष मित्तल 10 जून के प्रदर्शन में भाग लेने वाले एक संगठन से जुड़ा हुआ है.
पुलिस ने शाह आलम और अन्य आरोपियों के घर पर छापेमारी की थी, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिला था.
इलाहाबाद पुलिस शहर के करेली और खुल्दाबाद इलाके में भड़की हिंसा में अब तक 97 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. गिरफ्तार किए गए लोगों में जावेद मोहम्मद भी शामिल हैं, जिनका मकान प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने अवैध बताकर गिरा दिया था.
वहीं, इलाहाबाद पुलिस ने ऐसे 59 संदिग्धों के पोस्टर जारी किए हैं, जिनकी भूमिका झड़प में जांच के दौरान सामने आई. पुलिस को घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज और घटना के वीडियो की जांच में ये तस्वीरें हाथ लगी हैं.
पुलिस ने आरोपियों के बारे में जनता से सूचना मांगने के लिए तस्वीरें जारी की हैं. शनिवार को भी करेली और खुल्दाबाद पुलिस थाना क्षेत्रों के कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे.
ये दुकानें उन स्थानों के करीब हैं, जहा दंगे हुए थे और 10 जून से ही बंद हैं. इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है.
इससे पहले, बिजनौर पुलिस ने एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष अब्दुल्ला गुलज़ार क़ासमी और एक स्थानीय निवासी को गिरफ्तार किया था. उन पर 3 जून को बंद के आह्वान के लिए लोगों को संबोधित करते हुए कथित तौर पर भावनाएं भड़काने का आरोप है.
संपर्क करने पर एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने दावा किया कि पुलिस उनकी पार्टी को बदनाम करने के लिए उनके नेताओं को फंसा रही है.
अली ने कहा, ‘शाह आलम के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं. मैंने पूछा… अगर कोई सबूत है, तो पुलिस हमें दिखाए. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.’
उत्तर प्रदेश में हिंसा के सिलसिले में अब तक 415 लोग गिरफ़्तार
वहीं, उत्तर प्रदेश पुलिस ने पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा के दो पूर्व पदाधिकारियों की टिप्पणियों के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक कुल 20 एफआईआर दर्ज की हैं और 415 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के विरोध में सबसे पहले उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में तीन जून को जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन की शुरुआत हुई थी और इसके बाद अगले हफ्ते 10 जून को जुमे की नमाज के बाद राज्य के नौ जिलों में प्रदर्शन के मामले सामने आए.
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने रविवार को बताया कि 3 जून और 10 जून को हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक 10 जिलों में 20 एफआईआर दर्ज कर कुल 415 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
कुमार ने बताया कि कानपुर और सहारनपुर में तीन-तीन तथा इलाहाबाद में सात एफआईआर दर्ज की गई हैं, जबकि फिरोजाबाद, अलीगढ़, हाथरस, मुरादाबाद, आंबेडकर नगर, खीरी और जालौन जिलों में एक-एक एफआईआर दर्ज की गई है.
एडीजी ने जिलेवार गिरफ्तारी का ब्योरा देते हुए बताया कि कानपुर में 58, फिरोजाबाद में 20, अलीगढ़ में 6, हाथरस में 35, मुरादाबाद में 40, आंबेडकर नगर में 41, खीरी में 8, जालौन में 5, सहारनपुर में 85 और इलाहाबाद में 97 आरोपियों को गिरफ़्तार किया जा चुका है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंसा की इन घटनाओं का संज्ञान लेकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया था कि उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखी जाए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)