झारखंड: सरकारी स्कूलों में ड्रेस का रंग हरा होगा, भाजपा ने इसे राजनीतिक एजेंडा बताया

झारखंड में क़रीब 35 हजार स्कूल भवन को हरे और सफेद रंग से दोबारा रंगा जा रहा है, जबकि जूनियर स्कूल से लेकर माध्यमिक स्तर तक के विद्यार्थियों को हरे रंग की नई पोशाक देने की तैयारी है. भाजपा की ओर से कहा गया है कि हम सभी को हरा रंग पसंद है, लेकिन यह सरकार राजनीतिक संदेश देने के लिए इस रंग का उपयोग कर रही है. स्कूली छात्रों को राजनीति से दूर रखना चाहिए.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

झारखंड में क़रीब 35 हजार स्कूल भवन को हरे और सफेद रंग से दोबारा रंगा जा रहा है, जबकि जूनियर स्कूल से लेकर माध्यमिक स्तर तक के विद्यार्थियों को हरे रंग की नई पोशाक देने की तैयारी है. भाजपा की ओर से कहा गया है कि हम सभी को हरा रंग पसंद है, लेकिन यह सरकार राजनीतिक संदेश देने के लिए इस रंग का उपयोग कर रही है. स्कूली छात्रों को राजनीति से दूर रखना चाहिए.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

रांची: झारखंड में करीब 35 हजार विद्यालयों के भवन को हरे और सफेद रंग से दोबारा रंगा जा रहा है, जबकि इन विद्यालयों में पढ़ने वाले 42 लाख विद्यार्थियों को नए रंग की पोशाक मिलेगी. हालांकि, रंग बदलने की कवायद को भाजपा ने छिपा राजनीतिक एजेंडा करार दिया है.

राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि जूनियर स्कूल से लेकर माध्यमिक स्तर तक के विद्यार्थियों के लिए पोशाक का रंग हरा होगा, जबकि प्राथमिक स्कूलों के विद्यार्थी गहरे नीले और गुलाबी रंग की ड्रेस पहनेंगे.

वर्तमान में राज्य के सभी स्कूली विद्यार्थियों के लिए पोशाक का रंग समान, निचले हिस्से में मैरून और ऊपर में क्रीम/सफेद है.

लेकिन भाजपा को पोशाक के लिए रंगों के चयन में एक छिपा हुआ राजनीतिक एजेंडा नजर आता है. भाजपा ने दावा किया है कि विद्यार्थियों की पोशाक के लिए रंग का चयन सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के ‘हरे और सफेद रंग वाले झंडे’ से प्रेरित है.

महतो ने कहा, ‘झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की पोशाक के रंग में बदलाव के प्रस्ताव को मैंने मंजूरी दे दी है और इस संबंध में एक या दो दिन में आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी जाएगी.’

उन्होंने कहा कि कक्षा छठवीं से 12वीं तक की नई पोशाक का निचला हिस्सा गहरे हरे रंग का होगा, जबकि इसके ऊपरी हिस्से में हल्के हरे रंग का शेड होगा. लड़कियों का दुपट्टा भी गहरे हरे रंग का होगा.

इसी तरह कक्षा एक से पांच तक की पोशाक के निचले हिस्से का रंग गहरा नीला और ऊपर का हिस्सा गुलाबी होगा. अधिकारियों ने बताया कि इन प्राथमिक कक्षाओं के लिए टाई गहरे नीले रंग की होगी.

मंत्री ने कहा कि नई पोशाक इसी शैक्षणिक सत्र से पेश की जाएगी और कक्षा एक से 12वीं तक के सभी विद्यार्थियों को ड्रेस मुहैया कराई जाएगी.

मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र से मिली सहायता राशि सहित कुल 600 रुपये हर साल प्रत्येक विद्यार्थी को दो जोड़ी ड्रेस, जूता और मोजा देने पर खर्च करती है. उन्होंने कहा कि यह राशि बहुत कम है, जिसे राज्य सरकार बढ़ाने की कोशिश करेगी.

लेकिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि झामुमो अब राजनीति को स्कूल स्तर पर ले जा रही है.

प्रकाश ने कहा, ‘हम सभी को हरा रंग पसंद है, लेकिन यह सरकार राजनीतिक संदेश देने के लिए इस रंग का उपयोग कर रही है. सरकार प्रकृति के नाम पर राजनीतिक एजेंडा चला रही है. स्कूली छात्रों को राजनीति से दूर रखना चाहिए.’

हालांकि महतो ने इस बात से इनकार किया कि स्कूल पोशाक का रंग बदलने के फैसले में राजनीति है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, महतो ने इस बात से इनकार किया कि स्कूल यूनिफॉर्म की रंग बदलने के फैसले में राजनीति है.

मंत्री ने कहा, ‘विपक्ष को इसमें राजनीति मिल सकती है. लेकिन मैं सच बोल रहा हूं – इसमें कोई राजनीति नहीं है. अगर ऐसा होता तो हम प्राथमिक विद्यालय के छात्रों के लिए भी वही रंग चुनते.’

झारखंड के 35,000 से अधिक सरकारी स्कूलों को भी हरे और सफेद रंगों से रंगा जा रहा है, जो झामुमो के पार्टी ध्वज से मिलता हैं.

मंत्री ने कहा कि स्कूल भवनों को रंगने का काम जारी है और इसे एक महीने में पूरा कर लिया जाएगा.

स्कूल भवनों की दीवारों को हंस, अंगोरा या नारियल के सफेद रंग में रंगा जाएगा, जबकि फ्रॉस्टेड ग्रीन या मेहंदी ग्रीन का उपयोग दीवारों की सीमाओं और प्रोजेक्शन के लिए किया जाएगा. दरवाजे, खिड़कियां और शौचालय भी गहरे हरे रंग में रंगे जाएंगे.

पहले स्कूल की इमारतों को गुलाबी और शौचालयों को नीले रंग से रंगा जाता था.

जब सरकार ने पिछले महीने स्कूलों को फिर से रंगने का फैसला किया तो भाजपा ने आरोप लगाया था कि राजनीतिक संदेश भेजने के लिए रंगों को चुना गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)