असम पिछले एक सप्ताह से विनाशकारी बाढ़ की चपेट में है, जिससे इसके 36 में से 32 ज़िलों में 47,72,140 लोग उससे प्रभावित हुए हैं. राज्य में वर्षाजनित हादसों में अब तक 82 लोगों की मौत हुई है. क़रीब 1.90 लाख लोगों ने 744 राहत शिविरों में शरण ली है. शिविरों में नहीं जाने वाले प्रभावित लोगों को 403 अस्थायी केंद्रों से राहत सामग्री वितरित की गई है.
गुवाहाटी/ईटानगर: असम में सभी प्रमुख नदियों के उफान पर रहने के साथ ही बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है तथा 47 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. साथ ही 11 और लोगों की जान चली गई है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य की स्थिति जानने के लिए मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा से बातचीत की.
असम पिछले एक सप्ताह से विनाशकारी बाढ़ की चपेट में है, जिसके कारण इसके 36 में से 32 जिलों में 47,72,140 लोग उससे प्रभावित हुए हैं.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के बुलेटिन के अनुसार 11 और लोगों की मौत हो जाने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 82 हो गई. दरांग में तीन, नगांव में दो, कच्छार, डिब्रूगढ़, हैलकांडी, होजाई, कामरूप और लखीमपुर में एक-एक व्यक्ति की जान चली गई.
उदालगुरी एवं कामरूप में दो-दो तथा कच्छार, दरांग एवं लखीपुर में एक एक व्यक्ति लापता बताया जा रहा है.
सोमवार को मुख्यमंत्री शर्मा ने ट्वीट किया, ‘माननीय गृहमंत्री अमित शाह जी ने असम की बाढ़ की स्थिति के बारे में पता करने के लिए सुबह से दो बार फोन किया. उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय शीघ्र ही अधिकारियों का एक दल प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए भेजेगा. उनकी मदद के लिए उनका आभार.’
Assam is immensely grateful for this prompt action by MHA, Hon Minister Sir.
This IMCT visit shall expedite the process of assessment of damages. The State Government will work closely with the Team to ensure expeditious evaluation.@AmitShah @HMOIndia https://t.co/HF6V4wuSZX
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) June 20, 2022
मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि शाह का पहला कॉल बाढ़ की स्थित के बारे में जानने के लिए था और दूसरा कॉल यह बताने के लिए था कि केंद्रीय दल नुकसान आकलन के लिए शीघ्र भेजा जाएगा.
इसी बीच, विधानसभा में विपक्ष के नेता देवब्रत सैकिया ने प्रधानमंत्री से उन क्षेत्रों में राहत एवं पुनर्वास के लिए 20,000 करोड़ रुपये का केंद्रीय पैकेज मांगा, जो पिछले तीन-चार सालों में बाढ़ के कारण तबाह हुए हैं.
उन्होंने राज्य में बाढ़ एवं मृदा अपरदन की समस्या को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की अपील की.
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों में भोजन और अन्य राहत सामग्री को हवाई मार्ग से गिराने का निर्देश दिया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
शर्मा ने सोमवार दिन में अपने कैबिनेट सहयोगियों और वरिष्ठ जिला अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद यह निर्देश दिया.
Reviewed #AssamFlood situation in a VC with DCs in presence of my Cabinet colleagues, senior Govt officials and representatives of @adgpi, @RailMinIndia, @NDRFHQ, etc.
Keeping in view the ground situation, issued instructions to provide immediate relief to the affected people. pic.twitter.com/LftnQz6qBQ
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) June 20, 2022
मृतकों में नगांव जिले के एक थाना प्रभारी सहित दो पुलिसकर्मी शामिल हैं, जो असहाय लोगों की मदद के लिए गए थे, लेकिन बाढ़ के पानी में बह गए.
अधिकारियों ने बताया कि सोमवार तड़के उनके शव निकाले गए. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार 36 में से 32 जिलों में 47,72,140 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.
शर्मा ने अपने मंत्रियों, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और उपायुक्तों के साथ डिजिटल बैठक की. उन्होंने निर्देश दिया कि राहत और बचाव कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और इसमें कोई देरी नहीं होनी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘जहां बाढ़ की स्थिति गंभीर है और सेना, एनडीआरएफ या एसडीआरएफ की नौकाएं नहीं पहुंच पाई हैं, वहां राहत सामग्री हवाई मार्ग से गिराई जाए.’
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले कुछ दिनों तक जिले के अधिकारियों को प्रक्रिया संबंधी नियमों से सरोकार नहीं रखना चाहिए बल्कि प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने पर ध्यान देना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘यदि कुछ क्षेत्रों को राहत नियमावली में शामिल नहीं किया गया है, तो हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वे राज्य के स्वामित्व वाली प्राथमिकता विकास योजनाओं और मुख्यमंत्री राहत कोष के अंतर्गत आएं.’
उन्होंने उपायुक्तों को स्वास्थ्य विभाग की टीम को तैयार रखने और बाढ़ प्रभावितों के लिए बनाए गए राहत शिविरों में डॉक्टरों की दैनिक यात्रा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
उन्होंने कहा कि गंभीर स्थिति वाले मरीजों को नजदीकी अस्पतालों में भेजने के लिए एंबुलेंस को पहले से तैयार रखा जाना चाहिए. सभी जिला अस्पतालों में रात की पाली बढ़ाई जानी चाहिए और वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और बच्चों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए.
शर्मा ने अधिकारियों को राज्य के नौ मेडिकल कॉलेजों की मदद से क्षेत्र-वार मेगा स्वास्थ्य शिविरों की योजना बनाने का निर्देश दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बाढ़ के बाद की बीमारियों से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके.
उन्होंने जिलों के उपायुक्तों को बाढ़ का पानी कम होते ही नुकसान का तुरंत आकलन शुरू करने और जल्द से जल्द काम पूरा करने का निर्देश दिया.
उन्होंने कहा कि राज्य सचिवालय में आवश्यक बाढ़ संबंधी कार्यों को छोड़कर सभी संरक्षक मंत्री और सचिव बाढ़ राहत कार्यों की निगरानी के लिए अपने-अपने जिला मुख्यालयों में होने चाहिए.
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के एक बुलेटिन के अनुसार, राज्य पिछले एक सप्ताह से विनाशकारी बाढ़ से जूझ रहा है, जिसमें 127 राजस्व मंडल और 33 जिलों के 5,137 गांव प्रभावित हैं.
करीब 1.90 लाख लोगों ने 744 राहत शिविरों में शरण ली है. शिविरों में नहीं जाने वाले प्रभावित लोगों को 403 अस्थायी केंद्रों से राहत सामग्री वितरित की गई है.
अधिकारियों ने बताया कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और अन्य एजेंसियों ने अब तक करीब 30,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है.
केंद्रीय जल आयोग के बुलेटिन के अनुसार, कोपिली नदी नगांव जिले के कामपुर में और ब्रह्मपुत्र नदी निमाटीघाट, तेजपुर, गुवाहाटी, कामरूप, गोलपारा और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. सुबनसिरी, पुथिमारी, पगलाडिया, मानस, बेकी बराक और कुशियारा नदियां भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
बुलेटिन के अनुसार, पिछले 24 घंटे में बारपेटा, कछार, दरांग, गोलपारा, कामरूप (मेट्रो), करीमगंज, नलबाड़ी और उदलगुरी के शहरी इलाकों से बाढ़ की सूचना मिली है, जबकि कछार, दीमा-हसाओ, गोलपारा, हैलाकांडी, कामरूप (एम) और करीमगंज जिलों में भारी बारिश से भूस्खलन हुआ है.
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में आठ जानवर- सात हिरण और एक तेंदुए की डूबने और वाहन की चपेट में आने से मौत हो गई है. केएनपी अधिकारी ने बताया कि वन अधिकारियों ने आठ हिरन और एक अजगर सहित दस अन्य को बचाया है.
अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ एवं भूस्खलन का प्रकोप, एक की मौत, तीन लापता
अरुणाचल प्रदेश के कई जिलों में पिछले कई दिनों से लगातार बारिश के कारण बाढ़ आने एवं भूस्खलन होने से सड़क संपर्क बाधित हो गया है तथा एक व्यक्ति की मौत हो गयी एवं तीन अन्य 18 जून से लापता हैं. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी.
प्रशासन प्रभावित जिलों में सड़क संपर्क बहाल करने के लिए लगातार लगा हुआ है. रविवार को पापुम पारे जिले के युपिया में एक भयंकर भूस्खलन में 16 साल के एक किशोर की जान चली गई.
रागे हिल्ली नामक यह किशोर मोटरसाइकिल चला रहा था और वह मलबे में दब गया. बाद में वहां से उसका शव निकाला गया. वह पश्चिम सियांग जिले के केयाक सर्किल के एमजी गांव का रहने वाला था.
पश्चिम कियांग जिल से प्राप्त खबर के अनुसार एक भयंकर भूस्खलन में एक होटल ढह गया और उसके तीन कर्मचारी लापता हो गये. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मिंडू यांगोजोम ने बताया कि यह घटना कलकटांग उपसंभाग में अंगकालिंग गांव के समीप 18 एवं 19 जून की दरम्यानी रात को हुई.
उन्होंने कहा, ‘तीनों लापता अब तक नहीं मिले हैं. उनकी तलाशी जारी है.’
लगातार वर्षा से राज्य के कई जिलों में सड़क संपर्क बाधित हो गया. चांगलिंग जिले में मार्घेरिटा -चांगलांग रोड, पापुम पारे में होज-पोटिन रोड, पश्चिम कामेंग में बालेमू-बोमडिला रोड तथा ऊपरी सुबनसिरी में अरुणाचल पार राजमार्ग तथा कई अन्य जिलों में सड़कें भूस्खलन के कारण आवाजाही के लायक नहीं हैं.
आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी उपायुक्तों को किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए अलर्ट रहने को कहा है. विभाग पूर्व चेतावनी के लिए भारत मौसम विज्ञन विभाग एवं केंद्रीय जल आयोग के संपर्क भी है. सभी जिलों में प्रभावित लोगों को आश्रय प्रदान करने के लिए राहत केंद्र बनाये गये हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)