अग्निपथ योजना: डीएम ने कहा- वाराणसी में तोड़फोड़ में लिप्त लोगों से नुकसान की रकम वसूली जाएगी

वाराणसी के ज़िलाधिकारी ने बताया कि पिछले दिनों ​अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना के दौरान उपद्रवी तत्वों ने यहां कुल 36 बसों को नुकसान पहुंचाया था, जिससे 12,97,439 रुपये की क्षति हुई है. अब तक कुल 27 उपद्रवियों की गिरफ़्तारी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि इस योजना के विरोध में हिंसक प्रदर्शन एवं तोड़फोड़ में लिप्त पाए जाने पर पकड़े गए उपद्रवी तत्वों से सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई की जाएगी.

अग्निपथ योजना खिलाफ वाराणसी में हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस रेलवे ट्रैक पर गश्त करती हुई. (फोटो: पीटीआई)

वाराणसी के ज़िलाधिकारी ने बताया कि पिछले दिनों ​अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना के दौरान उपद्रवी तत्वों ने यहां कुल 36 बसों को नुकसान पहुंचाया था, जिससे 12,97,439 रुपये की क्षति हुई है. अब तक कुल 27 उपद्रवियों की गिरफ़्तारी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि इस योजना के विरोध में हिंसक प्रदर्शन एवं तोड़फोड़ में लिप्त पाए जाने पर पकड़े गए उपद्रवी तत्वों से सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई की जाएगी.

अग्निपथ योजना खिलाफ वाराणसी में हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस रेलवे ट्रैक पर गश्त करती हुई. (फोटो: पीटीआई)

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना के विरोध में हिंसक प्रदर्शन और तोड़फोड़ की गतिविधि में लिप्त पाए गए लोगों की जानकारी गुप्त सूत्रों और ग्रामीण क्षेत्रों के कर्मचारियों से जुटाई जा रही है और घटना में लिप्त व्यक्तियों से वसूली के लिए उनके नाम दावा प्राधिकरण को भेजे जाएंगे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.

वाराणसी के जिलाधिकारी (डीएम) कौशल राज शर्मा ने बताया कि ‘अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना’ के विरोध में हिंसक प्रदर्शन एवं तोड़फोड़ गतिविधि में लिप्त पाए जाने पर पकड़े गए उपद्रवी तत्वों से सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई की जाएगी.

उन्होंने बताया कि पिछले दिनों वाराणसी में उपद्रवी तत्वों ने कुल 36 बसों को नुकसान पहुंचाया, जिससे 12,97,439 रुपये की क्षति हुई है. अब तक कुल 27 उपद्रवियों की गिरफ्तारी हो चुकी है और अन्य लोगों की पहचान की जा रही है.

जिलाधिकारी ने बताया कि थाना सिगरा एवं जैतपुरा से गाजीपुर जिला की ग्राम सभा- पचरुखवा, रेहरी मालीपुर; जौनपुर के ग्राम- नगोली, सैदखानपुर, गोबरा, बहरीपुर, लाल मझवार, भगरी एवं खवाजपुरा; जिला आजमगढ़ की ग्राम सभा रासेपुर; जिला मऊ की ग्राम सभा कुसवू तथा जिला वाराणसी की ग्राम सभा- हथियर, हजीपुर, मुढ़ादेव, देवराईदान, चोलापुर एवं गोसाईपुर से लोगों को पकड़ा गया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारी ने कहा, ‘अधिकारी प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई उनसे करेंगे.’

उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के कृत्यों में शामिल लोगों के बारे में अधिक जानकारी सरकारी कर्मचारियों, वाराणसी के ग्रामीण क्षेत्रों के ‘गुप्त’ स्रोतों और अन्य जिलों के अधिकारियों से एकत्र की जा रही है.

जिलाधिकारी ने नौजवानों से किसी के बहकावे में नहीं आने और किसी भी अराजक कार्य में लिप्त नहीं होने की अपील की.

उन्होंने कहा, ‘अगर वे किसी भी तरह की अवैध गतिविधि में लिप्त होते हैं और पकड़े जाते हैं, तो उन्हें सरकारी नौकरियों से वंचित कर दिया जाएगा और सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई भी करनी होगी.’

पिछले 17 जून को परिवहन निगम, वाराणसी क्षेत्र एवं वाराणसी सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की कुल 36 बसों को 100-150 उपद्रवियों ने पथराव कर और डंडे से वार कर क्षतिग्रस्त कर दिया था.

उन्होंने बताया कि इससे परिवहन निगम वाराणसी क्षेत्र को 4,06,950 रुपये एवं वाराणसी सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड को 8,90,489 रुपये की क्षति हुई.

उन्होंने कहा कि तोड़फोड़ की इन घटनाओं के संबंध में तीन एफआईआर थाना सिगरा, दो एफआईआर थाना जैतपुरा और एक एफआईआर थाना कैंट वाराणसी में दर्ज कराई गई है.

उन्होंने कहा कि 27 लोगों के नाम उनके फोटो सहित पूर्ण दावा प्रस्ताव तैयार कर वीडियो साक्ष्य सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की वसूली के लिए गठित इलाहाबाद में दावा न्यायाधिकरण को भेजा गया है.

मालूम हो कि 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध के दौरान उत्तर प्रदेश में अधिकारियों ने इसी तरह सरकारी संपत्ति के नुकसान की वसूली के लिए नोटिस जारी किया था.

बता दें कि केंद्र सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी अग्निपथ नामक योजना की बीते 14 जून को घोषणा की थी, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती सिर्फ चार साल की कम अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी.

योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे. योजना के तहत 17.5 साल से 21 साल तक के युवाओं को चार साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा और उनमें से 25 फीसदी सैनिकों को अगले 15 और साल के लिए सेना में रखा जाएगा.

हालांकि बाद में सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा को बढ़ाकर 23 साल कर दिया. इस नई योजना के तहत भर्ती रंगरूटों को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा.

मालूम हो कि अग्निपथ योजना के तहत रोजगार के पहले वर्ष में एक ‘अग्निवीर’ का मासिक वेतन 30,000 रुपये होगा, लेकिन हाथ में केवल 21,000 रुपये ही आएंगे. हर महीने 9,000 रुपये सरकार के एक कोष में जाएंगे, जिसमें सरकार भी अपनी ओर से समान राशि डालेगी.

इसके बाद दूसरे, तीसरे और चौथे वर्ष में मासिक वेतन 33,000 रुपये, 36,500 रुपये और 40,000 रुपये होगा. प्रत्येक ‘अग्निवीर’ को ‘सेवा निधि पैकेज’ के रूप में 11.71 लाख रुपये की राशि मिलेगी और इस पर आयकर से छूट मिलेगी.

अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद से बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और तेलंगाना समेत अनेक राज्यों में व्यापक उग्र प्रदर्शन हुए थे. इस दौरान बीते 17 जून को तेलंगाना के सिकंदराबाद स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आरपीएफ द्वारा की गई फायरिंग में एक 24 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी. हिंसा के दौरान किसी की मौत का यह पहला मामला है. मृत युवक की पहचान वारंगल जिले के दबीरपेट गांव के रहने वाले 24 वर्षीय राकेश के रूप में हुई है.

अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों को विफल करने के प्रयास के तहत देश के सैन्य नेतृत्व ने बीते 19 जून को घोषणा की थी कि नई भर्ती योजना के लिए आवेदकों को इस प्रतिज्ञा के साथ एक शपथ-पत्र देना होगा कि उन्होंने किसी भी विरोध, आगजनी या आंदोलन में भाग नहीं लिया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)