झारखंड: कुएं की सफाई के दौरान ज़हरीली गैस रिसने से चार मज़दूरों की मौत

गिरिडीह ज़िले के देवरी थानाक्षेत्र की घटना है. पुलिस ने बताया कि बरबाबाद गांव में एक गहरे कुंए की सफाई की जा रही थी, तभी ज़हरीली गैस के रिसाव से वहां काम कर रहे सभी चार मज़दूर बेहोश हो गए. तीन लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर: रॉयटर्स)

गिरिडीह ज़िले के देवरी थानाक्षेत्र की घटना है. पुलिस ने बताया कि बरवाबाद गांव में एक गहरे कुंए की सफाई की जा रही थी, तभी ज़हरीली गैस के रिसाव से वहां काम कर रहे सभी चार मज़दूर बेहोश हो गए. तीन लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.

(प्रतीकात्मक तस्वीर: रॉयटर्स)

गिरिडीह: झारखंड के गिरिडीह जिले के देवरी थाना क्षेत्र स्थित बरवाबाद गांव में मंगलवार सुबह एक कुंए की सफाई करने उतरे चार मजदूरों की कथित तौर पर जहरीली गैस की चपेट में आने से मौत हो गई, जबकि एक अन्य की हालत गंभीर है. एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी.

देवरी थाने के प्रभारी सरोज सिंह चौधरी ने बताया कि मंगलवार सुबह बरवाबाद गांव में एक गहरे कुंए की सफाई की जा रही थी, तभी जहरीली गैस के रिसाव से वहां काम कर रहे सभी चार मजदूर बेहोश हो गए.

चौधरी के मुताबिक, आसपास के लोग मजदूरों को अस्पताल ले जा पाते, इससे पहले ही तीन ने घटनास्थल पर दम तोड़ दिया, जबकि एक अन्य को इलाज के लिए धनबाद ले जाया गया है.

उन्होंने बताया कि हादसे में मारे गए तीनों मजदूरों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं और मामले की जांच जारी है.

प्रभात खबर के मुताबिक, गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती किए गए चौथे मजदूर की मौत इलाज के दौरान हुई.

रिपोर्ट के अनुसार, गिरिडीह के देवरी थाना क्षेत्र के बरवाबाद गांव निवासी गिरजा विश्वकर्मा के घर के कुएं में पानी गंदा हो गया था इसलिए उसकी सफाई करवाई जा रही थी.

कुएं से पानी निकालने के लिए डीजल मशीन लगाई गई थी. बताया गया कि इसे स्टार्ट करने के बाद चारों मजदूर एक-एक कर अचेत होकर गिर पड़े. दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई. घायल को पीएमसीएच धनबाद में भर्ती कराया गया था.

मृतक मजदूरों की पहचान – जमुई के खैरा स्थित लालपुर गांव के सागर विश्वकर्मा (24), अबोध विश्वकर्मा (27) व बरवाबाद गांव के महेश विश्वकर्मा (20 ) और सतीश विश्वकर्मा के रूप में हुई है.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, खोरी महुआ के अनुमंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) मुकेश महतो ने कहा कि वे वैज्ञानिक विश्लेषण के अभाव में जहरीली गैस की सही प्रकृति की पुष्टि नहीं कर सके हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)