नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित पत्रकार मारिया रेसा द्वारा स्थापित स्वतंत्र समाचार संगठन ‘रैपलर’ पर फिलीपींस सरकार ने विदेशी निवेशकों का नियंत्रण के आरोप लगाए हैं. सत्ता-विरोधी रिपोर्टिंग के लिए चर्चित रैपलर ने इस फ़ैसले को चुनौती देने की बात कही है.
नई दिल्ली: फिलीपींस सरकार ने नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित मारिया रेसा द्वारा स्थापित स्वतंत्र समाचार (न्यूज) संगठन ‘रैपलर’ को बंद करने का आदेश दिया है.
रिपोर्ट के अनुसार, रेसा अमेरिका में एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन में भाग ले रही थीं, जहां उन्होंने इस संबंध में जानकारी दी.
फिलिपीन सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (पीएसईसी) ने समाचार वेबसाइट के ऑपरेटिंग लाइसेंस को रद्द करने के पुराने फैसले को बरकरार रखा.
यह फैसला राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते के कार्यकाल के आखिरी दो दिनों के दौरान आया है.
दुतेर्ते ने कई बार रेसा और रैपलर को निशाना बनाया क्योंकि यह समाचार साइट लगातार सत्ता विरोधी आक्रामक रिपोर्टिंग करती रही है. रैपलर ने घोषणा की है कि वह फैसले को चुनौती देगा.
29 जून को जारी अपने बयान में रैपलर ने कहा, ‘हमारे पास देश के उच्चतम न्यायालय तक जाने के सभी कानूनी उपाय मौजूद हैं. सरकार की ऐसी कार्रवाई हमारे लिए आम रही हैं, हमारे विचार में कोर्ट की मंजूरी के बिना यह (आदेश) तत्काल प्रभावी नहीं होगा.’
अपनी वेबसाइट पर रिपोर्ट में रैपलर ने उल्लेख किया कि जुलाई 2018 में कोर्ट ऑफ अपील्स (सीए) ने एक फैसला जारी किया था, जिसमें पीएसईसी के निष्कर्षों को शामिल किया गया था कि रैपलर पर विदेशी निवेशकों का नियंत्रण है जिस पर कि संविधान में रोक है. संविधान के मुताबिक, मीडिया कंपनियों पर शून्य विदेशी नियंत्रण होना चाहिए. फैसले में कहा गया था कि रैपलर ने विदेशी निवेशक ओमिडयार को फिलिपीन डिपॉजटरी रिसीट्स (पीडीआर) जारी की थीं.
रैपलर की ओर से रिपोर्ट में कहा गया है, ‘लेकिन उसी फैसले में सीए ने कहा कि जब ओमिडयार ने अपनी पीडीआर रैपलर के फिलिपोनो मैनेजर को दान कर दीं, तो ‘एसईसी द्वारा आपत्तिजनक पाया गया नकारात्मक विदेशी नियंत्रण स्थायी रूप से खत्म हुआ प्रतीत होता है.’
एसईसी अपने रुख पर अड़ा रहा, तो रैपलर ने इसके खिलाफ अपील कर दी. हालिया आदेश उसी अपील पर आया है.
वेबसाइट ने कहा है, ‘यह सब हमारे लिए आम हो गया है. हम खुद को इस हिसाब से ढालेंगे, समायोजित करेंगे, खुद को जिंदा रखेंगे और फिर से खड़े होंगे.’
बता दें कि 8 जून को देश के दूरसंचार निकाय ने देश में कई स्वतंत्र मीडिया वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया था. आदेश देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हर्मोजेनेस एस्पेरॉन के निर्देश पर पारित किया गया था. एस्पेरॉन के संबंध कथित तौर पर बागी वामपंथी समूहों से हैं.
जिन साइट को ब्लॉक किया गया उनमें स्वतंत्र समाचार प्लेटफॉर्म के साथ-साथ सेव अवर स्कूल्स नेटवर्क, रूरल मिशनरीज ऑफ द फिलीपींस जैसे प्रगतिशील समूह भी शामिल थे.