बायजूस का दावा- 500 से कम लोग नौकरी से निकाले गए; कर्मचारी बोले- संख्या 1000 से अधिक

ऐप आ​धारित कोचिंग सेवा प्रदान करने वाली कंपनी ‘बायजूस’ ने कहा है कि उसने अपनी अनुषंगी कंपनियों ‘व्हाइटहैट जूनियर’ और ‘टॉपर’ से 500 से कम कर्मचारियों को निकाला है, जबकि निकाले गए कर्मचारियों का कहना है कि अकेले ‘टॉपर’ से ही 1,100 कर्मचारियों को निकाला जा चुका है. इस साल अनएकेडमी, वेंदातू जैसी एडटेक फर्मो ने कुल मिलाकर हज़ारों लोगों की छंटनी की है.

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(फोटो साभार: फेसबुक)

ऐप आ​धारित कोचिंग सेवा प्रदान करने वाली कंपनी ‘बायजूसस’ ने कहा है कि उसने अपनी अनुषंगी कंपनियों ‘व्हाइटहैट जूनियर’ और ‘टॉपर’ से 500 से कम कर्मचारियों को निकाला है, जबकि निकाले गए कर्मचारियों का कहना है कि अकेले ‘टॉपर’ से ही 1,100 कर्मचारियों को निकाला जा चुका है. इस साल अनएकेडमी, वेंदातू जैसी एडटेक फर्मो ने कुल मिलाकर हज़ारों लोगों की छंटनी की है.

(फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: ऐप आ​धारित कोचिंग सेवा प्रदान करने वाली कंपनी बायजूस (BYJU’S) ने बीते बृहस्पतिवार को कहा कि उसने अपनी अनुषंगी कंपनियों व्हाइटहैट जूनियर (WhiteHat Jr) और टॉपर (Toppr) से 500 से कम कर्मचारियों को निकाला है, जबकि निकाले गए कर्मचारियों ने समूह की ने दावा किया कि अकेले टॉपर से ही 1,100 कर्मचारियों को निकाला गया है.

टॉपर में यह छंटनी समूह की कंपनी व्हाइटहैट जूनियर में 300 कर्मचारियों को निकालने के साथ की गई है. इसके अलावा अप्रैल-मई में व्हाइटहैट से 250 कर्मचारियों ने इस्तीफा दे दिया था.

इस संबंध में बायजूस के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘अपनी कारोबारी प्राथमिकताओं की फिर से समीक्षा और दीर्घकालिक वृद्धि के लक्ष्य में तेजी लाने के लिए हम अपने समूह की कंपनियों में टीमों का तालमेल सही कर रहे हैं.’

टॉपर के बर्खास्त कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें सोमवार (27 जून) को कंपनी से ‘कॉल’ आया और इस्तीफा देने को कहा गया. ऐसा नहीं करने पर बिना नोटिस के नौकरी से हटाने की बात कही गई.

कंपनी के एक कर्मचारी ने बताया, ‘मैं रसायन शास्त्र विषय पढ़ाता हूं. मेरी पूरी टीम की छंटनी कर दी गई है. टॉपर ने इस्तीफा देने को वालों को एक महीने का वेतन देने का वादा किया. ऐसा नहीं करने वालों को कोई वेतन नहीं दिया जाएगा.’

उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई को नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘टॉपर में करीब 1,100 लोगों को नौकरी से निकाला गया है.’

टॉपर के सह-संस्थापक जीशान हयात को उनके वॉट्सऐप पर सवाल भेजकर इस बारे में जानकारी मांगी गई, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया.

बायजूस ने टॉपर का पिछले साल जुलाई में 15 करोड़ डॉलर में अधिग्रहण किया था.

वहीं, व्हाइटहैट जूनियर के प्रवक्ता ने कहा कि कारोबार संबंधी प्राथमिकताओं को फिर से संगठित करने और दीर्घकालिक वृद्धि पर ध्यान देने के साथ परिणामों में तेजी लाने के लिए यह निर्णय लिया गया है.

प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारे शिक्षक वर्क फ्रॉम होम जारी रखेंगे. हम छात्रों के लिए प्रासंगिक पाठ्यक्रम विकसित करने और उच्च भर्ती और प्रशिक्षण मानकों के साथ एक मजबूत शिक्षक समुदाय बनाने में निवेश करना जारी रखेंगे.’

गौरतलब है कि इस साल कई शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनियों ने अपने कार्यबल में छंटनी की है.

एक अन्य कर्मचारी, जिसे टॉपर ने हटा दिया है, ने कहा कि इस साल की शुरुआत में हयात सहित शीर्ष प्रबंधन द्वारा सभी को आश्वासन दिया गया था कि कंपनी में कर्मचारियों के लिए उच्च विकास का अवसर है.

कर्मचारी ने कहा, ‘हालांकि, देश भर में ऑफलाइन कक्षाएं फिर से शुरू होने के बाद हमें कम व्यवसाय के बारे में कुछ संकेत मिल रहे हैं. मैंने व्हाइटहाट जूनियर में भी काम किया है. ऑनलाइन शिक्षा ऑफलाइन कक्षा से मेल खाने में असमर्थ है.

मालूम हो कि इस साल अनएकेडमी, वेंदातू, लीडो, फ्रंट रो जैसे एडटेक फर्मो ने इस साल कुल मिलाकर हजारों लोगों की छंटनी की है.

बीते मई महीने में शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी वेदांतू (Vedantu) ने वैश्विक परिस्थितियों और ‘मंदी’ की आशंका का हवाला देते हुए 424 और कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया था. उससे 15 दिन पहले वेदांतू ने 200 कर्मचारियों की छंटनी की थी.

इस साल बीते अप्रैल माह में अनएकेडमी (Unacademy) ने करीब 600 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था. शिक्षा-प्रौद्योगिकी कंपनी अनएकेडेमी ने खराब प्रदर्शन और काम के हिसाब से जरूरत नहीं होने के आधार पर अपने कर्मचारियों को निकाल दिया था.

वहीं, फरवरी में लीडा लर्निंग को अपना संचालन बंद करना पड़ा था, जिसके कारण एक हजार लोग बेरोजगार हो गए थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)