मणिपुर के नोनी ज़िले में बीते 29 जून की रात टुपुल यार्ड रेलवे निर्माण स्थल के पास प्रादेशिक आर्मी कैंप में भूस्खलन हो गया था. एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि अब तक मलबे से 42 शव बरामद किए गए हैं, जिसमें से 27 प्रादेशिक सेना के कर्मचारी और 15 आम लोगों के शव हैं. प्रादेशिक सेना के तीन लापता कर्मचारियों और 17 अन्य लोगों का पता लगाने का प्रयास जारी है.
गुवाहाटी/इंफाल: मणिपुर के नोनी जिले में एक रेलवे निर्माण स्थल पर भूस्खलन के कारण जान गंवाने वाले आठ और लोगों के शव बरामद किए गए, जिसके बाद इस हादसे में मरने वालों की संख्या रविवार को बढ़कर 42 हो गई, जबकि 20 अन्य लापता लोगों के लिए तलाश अभियान जारी है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
घटनास्थल से 18 लोगों को जीवित निकाल लिया गया था.
नोनी जिले में बीते 29 जून की रात टुपुल यार्ड रेलवे निर्माण स्थल के पास प्रादेशिक आर्मी कैंप में भूस्खलन हुआ था. उन्होंने कहा कि टुपुल क्षेत्र में शनिवार (दो जुलाई) से बारिश हो रही है और ताजा भूस्खलन से तलाश अभियान प्रभावित हुआ है.
गुवाहाटी में रविवार को एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि अब तक मलबे से 42 शव बरामद किए गए हैं, जिसमें से 27 प्रादेशिक सेना के कर्मचारी और 15 आम लोगों के शव हैं.
उन्होंने कहा, ‘प्रादेशिक सेना के तीन लापता कर्मचारियों और 17 अन्य लोगों का पता लगाने का प्रयास जारी है.’
सेना, असम राइफल्स, प्रादेशिक सेना, एसडीआरएफ और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल तलाश अभियान में जुटे हैं. प्रवक्ता ने कहा, ‘खराब मौसम के बावजूद तलाश अभियान जारी है. कल रात भारी बारिश हुई थी और भूस्खलन हुआ था.’
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मलबे के नीचे लापता व्यक्तियों को खोजने के लिए वॉल इमेजिंग रडार (टीडब्ल्यूआईआर) तकनीक का उपयोग किया जा रहा है. अधिकारी ने कहा कि शवों का पता लगाने के लिए खोजी कुत्तों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि मलबे ने इजेई नदी को अवरुद्ध कर दिया है, जिससे एक जलाशय जैसा बन गया है. उसके कारण निचले इलाकों के जलमग्न होने का खतरा है. फिलहाल, मलबा हटाने का काम चल रहा है, ताकि पानी बाहर निकल सके.
अब तक प्रादेशिक सेना के 13 कर्मचारियों और पांच आम लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है.
प्रवक्ता ने कहा कि प्रादेशिक सेना के सात कर्मचारियों के शव रविवार को उनके गृहनगर- पश्चिम बंगाल में बागडोगरा और कोलकाता तथा त्रिपुरा में अगरतला- भेज दिए गए हैं.
उन्होंने कहा कि इंफाल में उनके पार्थिव शरीर को पूरा सैन्य सम्मान दिया गया.
हादसे में असम के मृतकों की संख्या नौ हुई
मणिपुर में हुई भूस्खलन की इस घटना में जान गंवाने वाले असम के निवासियों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है, जबकि राज्य के 12 लोग अब भी लापता हैं.
असम सरकार के प्रवक्ता पीजूष हज़ारिका ने मणिपुर से लौटने के बाद पत्रकारों से कहा, ‘हमारे पास राज्य के उन 26 लोगों की सूची है, जो उस वक्त स्थल पर मौजूद थे. उनमें से एक सेना का जवान और एक रेलवे इंजीनियर था, जबकि शेष निर्माण कंपनी के कर्मचारी थे.’
राज्य के कैबिनेट मंत्री हज़ारिका खोज एवं बचाव अभियान की निगरानी करने के लिए शनिवार से पड़ोसी राज्य में डेरा डाले हुए थे.
इस बीच, घटना में बचाए गए असम के पांच कर्मचारी सोमवार सुबह हज़ारिका के साथ गृह राज्य लौट आए और उन्हें प्रशासन मोरीगांव जिले में उनके घर भेजा रहा है.
हज़ारिका ने कहा कि मलबे से रविवार को निकाले गए मजदूर के शव को अभी राज्य वापस नहीं लाया जा सका, जबकि घटना में जान गंवाने वाले अन्य लोगों के शव राज्य में उनके मूल स्थान पहुंच चुके हैं और उनका अंतिम संस्कार किया जा चुका है.
मंत्री ने कहा, ‘हमारी जानकारी के मुताबिक, अब तक राज्य के 12 लोग लापता हैं. दुर्घटनास्थल पर खोज एवं बचाव अभियान में विभिन्न एजेंसियां लगी हैं.’
वहीं, मोरीगांव के उपायुक्त पीआर घरफलिया ने बताया कि जिले के छह मृतकों के शव कुशतोली पहुंच चुके हैं. वे इसी इलाके के रहने वाले थे.
उन्होंने कहा, ‘आज सुबह दो शव पहुंचे और कुछ देर बाद ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. रविवार को चार शव आए थे और शाम में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)