कर्नाटक: मुस्लिम किरदार और अंतर धार्मिक एंगल होने से बजरंग दल ने नाटक का मंचन रुकवाया

घटना कर्नाटक के शिवमोगा ज़िले की है. एक थियेटर ग्रुप जाने-माने लेखक और गीतकार जयंत कैकिनी के एक नाटक का मंचन कर रहा था. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने नाटक में कुछ ​मुस्लिम किरदार और लव जिहाद का एंगल होने का आरोप लगाते हुए स्टेज पर चढ़कर नारेबाज़ी और हंगामा किया. उनका कहना था कि यह समाज में ग़लत संदेश भेजेगा.

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(फोटो साभार: team voyas/Unsplash)

घटना कर्नाटक के शिवमोगा ज़िले की है. एक थियेटर ग्रुप जाने-माने लेखक और गीतकार जयंत कैकिनी के एक नाटक का मंचन कर रहा था. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने नाटक में कुछ ​मुस्लिम किरदार और लव जिहाद का एंगल होने का आरोप लगाते हुए स्टेज पर चढ़कर नारेबाज़ी और हंगामा किया. उनका कहना था कि यह समाज में ग़लत संदेश भेजेगा.

(फोटो साभार: team voyas/Unsplash)

नई दिल्ली: एक कन्नड़ नाटक के मंचन के दौरान बजरंग दल के सदस्यों द्वारा नारे लगाने और मंच पर चढ़ने के बाद कथित तौर पर नाटक को बीच में ही रोकना पड़ा. यह घटना कर्नाटक के शिवमोगा जिले के सोराब तालुक के अनावट्टी में रविवार (3 जुलाई) की शाम हुई.

द हिंदू ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि शिवमोगा का थियेटर ग्रुप रंगबेलकु (Rangabelaku) जाने-माने लेखक और गीतकार जयंत कैकिनी के नाटक ‘जोतेगिरुवनु चंडीरा’ (यानी चांद हमारे साथ रहेगा) का मंचन कर रहा था. यह नाटक जोसेफ स्टीन के ‘फिडलर ऑन द रूफ’ का कन्नड़ रूपांतरण है.

यह कार्यक्रम कन्नड़ साहित्य परिषद, कर्नाटक जनपद परिषद और कन्नड़ सांस्कृतिक वेदिके द्वारा आयोजित किया गया था.

द हिंदू के मुताबिक, नाटक का मंचन शुरू होते ही श्रीधर आचार के नेतृत्व में बजरंग दल के सदस्य आयोजकों पर नाटक को रोकने का दवाब बनाने लगे. उनका तर्क था कि नाटक में मुस्लिम किरदार हैं, इसलिए यह गांव में नहीं होने दिया जाना चाहिए था.

रंगबेलकु दल के एक वरिष्ठ सदस्य कोटरप्पा जी. हिरेमगड़ी ने बताया, ‘मेरी एंट्री के कुछ ही मिनट पहले कुछ लोगों ने नारे लगाने शुरू कर दिए और मंच पर चढ़ गए, हम चौंक गए. हमने इसकी कभी उम्मीद नहीं की थी.’

श्रीधर ने दावा किया कि मुस्लिम किरदारों के साथ इस नाटक का प्रदर्शन वीरशैवों (हिंदू धर्म के तहत आने वाले शैव समुदाय के भीतर एक संप्रदाय) के मैरिज हॉल में नहीं हो सकता. उन्होंने दर्शकों से जाने के लिए कहा.

हिरेमगड़ी ने सोमवार को द टेलीग्राफ को बताया, ‘वे ‘बोलो भारत माता की जय’ चिल्ला रहे थे. उन्होंने मंच पर कब्जा करने की धमकी दी और हमें मंच की लाइट बंद करने के लिए मजबूर किया. उन्होंने अंतिम दृश्य खत्म कर लेने की मेरी विनती को भी खारिज कर दिया.’

हिरेमगड़ी ने आगे बताया, ‘(उन्होंने कहा) टोपी और हिजाब पहने हुए मुस्लिम किरदारों के साथ नाटक को जारी नहीं रहने दिया जाएगा, क्योंकि यह मैरिज हॉल वीरशैव समुदाय का है.’

वीरशैव एक रुढ़िवादी शैव समुदाय है, जिसका कर्नाटक में संघ परिवार के संगठनों में अच्छा खासा प्रतिनिधित्व है.

बहरहाल, दक्षिणपंथी समूह के सदस्यों ने यह भी दावा किया कि नाटक में ‘लव जिहाद’ का भी एंगल था.

द टेलीग्राफ के मुताबिक, बजरंग दल के राज्य संयोजक रघु सकलेशपुरा ने कहा, ‘मुझे बताया गया कि नाटक में लव जिहाद का एंगल है, जिसमें एक हिंदू लड़का एक मुस्लिम किरदार से शादी करता है. यह समुदाय में एक गलत संदेश भेजेगा.’

‘लव जिहाद’ अक्सर हिंदू दक्षिणपंथी समूहों द्वारा अंतर धार्मिक युवक-युवती को परेशान करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक हथकंडा है. भारतीय जनता पार्टी ने विभिन्न राज्यों में इसके खिलाफ कानून भी बनाया है.

हिरेमगड़ी ने कहा, ‘हमारी मंडली पिछले 15 सालों से नाटकों का मंचन कर रही है. हमने नाटक को समाज में सांप्रादायिक सद्भाव और शांति फैलाने के जरिये के रूप में चुना है. नाटक का मंचन करने के लिए 6 महिलाओं समेत 22 कलाकारों का दल गांव में था.’

कथित तौर पर पुलिस मौके पर तब पहुंची, जब नाटक को बाधित किया जा चुका था. हिरेमगड़ी ने कहा कि पुलिस शिकायत दर्ज नहीं कराएंगे, क्योंकि ऐसा करने का कोई मतलब नहीं है.

कांग्रेस नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कहा कि यह घटना संघ परिवार के सदस्यों द्वारा किया ‘सांस्कृतिक आतंकवाद’ का एक कृत्य है. उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार को इस कृत्य में शामिल सभी उपद्रवियों को गिरफ्तार करना चाहिए और सजा देनी चाहिए.’