अरुणाचल: राजधानी ईटानगर में प्रशासन ने होटल-रेस्तरां को साइनबोर्ड से ‘बीफ’ शब्द हटाने को कहा

बीते 13 जुलाई को ईटानगर ज़िला प्रशासन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि यह क़दम समाज में शांति बनाए रखने और समाज के भीतर धर्मनिरपेक्षता व भाईचारे की भावना को कायम रखने के लिए है. होटलों और रेस्तरां के साइनबोर्ड पर ‘बीफ’ शब्द का इस तरह खुला प्रदर्शन समाज के कुछ वर्गों की भावनाओं को आहत कर सकता है और विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा कर सकता है.

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A signboard seen in Tawang town. Credit: Sangeeta Barooah Pisharoty/Files

बीते 13 जुलाई को ईटानगर ज़िला प्रशासन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि यह क़दम समाज में शांति बनाए रखने और समाज के भीतर धर्मनिरपेक्षता व भाईचारे की भावना को कायम रखने के लिए है. होटलों और रेस्तरां के साइनबोर्ड पर ‘बीफ’ शब्द का इस तरह खुला प्रदर्शन समाज के कुछ वर्गों की भावनाओं को आहत कर सकता है और विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा कर सकता है.

 

तवांग नगर में लगा एक साइनबोर्ड. (फोटो: संगीता बरुआ पिशरोते)

नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर के जिला प्रशासन ने एक विवादास्पद कदम उठाते हुए क्षेत्र के सभी होटल और रेस्तरां से उन साइनबोर्ड को हटाने की एक अधिसूचना जारी की है, जिनमें ‘बीफ’ शब्द लिखा है.

नाहरलगुन उप-संभाग के अतिरिक्त सहायक आयुक्त (ईएसी) तमो दादा ने इस संबंध में तर्क प्रस्तुत करते हुए अपने 13 जुलाई के आदेश में कहा कि यह ‘समाज में शांति बनाए रखने और समाज के भीतर धर्मनिरपेक्षता व भाईचारे की भावना को जारी रखने के लिए है.’

आदेश में कहा गया है कि जिला प्रशासन हमारे भारतीय संविधान की धर्मनिरपेक्ष भावना में विश्वास करता है, लेकिन होटलों और रेस्तरां के साइनबोर्ड पर ‘बीफ’ शब्द का इस तरह खुला प्रदर्शन समाज के कुछ वर्गों की भावनाओं को आहत कर सकता है और विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा कर सकता है.’

दादा के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है, जिला प्रशासन ने ‘चिंतित और परेशान स्थानीय नागरिकों के एक समूह’ से प्राप्त ‘मौखिक शिकायत’ के जवाब में कार्रवाई की. शिकायत ‘नाहरलगुन प्रशासनिक उप-मंडल में तेजी से फलते-फूलते गोमांस भोजनालयों’ और ‘हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत करने वाले’ साइनबोर्डों के बारे में की गई थी.

ईटानगर से की गई इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘ईएसी ने शिकायत दर्ज कराने वाले लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है.’

उस आदेश में कहा गया है कि आदेश का पालन न करने पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगेगा और उन होटल व रेस्तरां का व्यावसायिक लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा.

बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में अरुणाचल प्रदेश के तवांग क्षेत्र में प्रभावशाली स्थानीय लोगों का एक वर्ग गोमांस बेचने का विरोध करते देखा गया है. उनकी शिकायत यह भी रही है कि इलाके में जो ऐसी दुकानें चलाई जा रही हैं, वे ‘बाहरी’ लोग चला रहे हैं. कई मौकों पर स्थानीय नागरिकों ने स्थानीय लोगों द्वारा बाहर से लाए गए गोमांस को पकड़ने के लिए वाहनों की जांच की है. वैसे, राज्य में गोमांस खाना आम बात है. ईटानगर में ‘बीफ होटल’ लिखे हुए साइनबोर्ड देखा जाना आम है.

हालांकि, ईटानगर में होटल और रेस्तरां को अपने साइनबोर्ड से बीफ शब्द हटाने के लिए कहने वाला 13 जुलाई का आधिकारिक आदेश भाजपा शासित प्रदेश में उसके गोमांस विरोधी रुख को प्रचारित करने का पहला ऐसा प्रयास है. राज्य में भाजपा के वैचारिक स्रोत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गहरी पकड़ है, जो उत्तर-पूर्व भारत में गोमांस सेवन का विरोध करता है.

14 जुलाई से वायरल हुए आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए अरुणाचल क्रिश्चियन फोरम के अध्यक्ष टोको टेकी ने अरुणाचल टाइम्स से कहा कि यह आदेश गैरजरूरी है.

खबर में कहा गया है, ‘पहले भी एक अवसर पर ईटानगर नगर निगम ने (आईएमसी) बैंक तिनाली अंडरपास पर एक विवादास्पद साइनबोर्ड लगाया था, जिसमें ईटानगर को ‘पूर्वोत्तर की हिंदी राजधानी’ बताया गया था.’ सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से इसकी आलोचना होने पर आईएमसी को वह साइनबोर्ड बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा था.