तमिल फिल्म में जीएसटी और डिजिटल इंडिया से जुड़े डायलॉग से भाजपा नाराज़

भाजपा की चेन्नई इकाई ने तमिल अभिनेता विजय की फिल्म मेरसल से इन डायलॉग्स को हटाने की मांग की है.

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भाजपा की चेन्नई इकाई ने तमिल अभिनेता विजय की फिल्म मेरसल से इन डायलॉग्स को हटाने की मांग की है.

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मेरसल फिल्म का पोस्टर. (फोटो साभार: फेसबुक)

चेन्नई: भाजपा की राज्य इकाई ने दक्षिण फिल्मों के अभिनेता इलयाथलपति विजय की तमिल फिल्म में जीएसटी और डिजिटल इंडिया के गलत संदर्भ पर आपत्ति ज़ाहिर की है.

कहा जा रहा है कि फिल्म में जीएसटी और डिजिटल इंडिया का मज़ाक उड़ाया गया है. यह फिल्म दिवाली के मौके पर 18 अक्टूबर को रिलीज़ हुई है.

केंद्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन ने एक जुलाई को भाजपा नेतृत्व वाली राजग सरकार द्वारा शुरू किए गए वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी के बारे में कथित   गलत दृश्यों को हटाने की मांग की जबकि उनकी पार्टी के सहयोगी एच. राजा ने दावा किया कि फिल्म से विजय की मोदी विरोधी नफरत उजागर हो गई है.

राधाकृष्णन ने नागरकोइल में संवाददाताओं से कहा, ‘निर्माता को फिल्म में जीएसटी से संबद्ध गलत दृश्यों को हटा देना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि सिनेमा के माध्यम से न तो गलत सूचना प्रसारित की जानी चाहिए और ना ही अभिनेताओं को इस माध्यम का इस्तेमाल कर लोगों को दिग्भ्रमित करना चाहिए तथा न ही राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास करना चाहिए.

भाजपा की राज्य इकाई की प्रमुख टी. सौंदरराजन ने कहा कि इलयाथलपति विजय अभिनीत फिल्म मेरसल में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को गलत तरीके से पेश किया गया है. उन्होंने कहा, मेरसल फिल्म में जीएसटी पर गलत संदर्भ दिया गया है. कलाकारों को लोगों को गलत सूचना देने से बचना चाहिए.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि शीर्ष अभिनेताओं के प्रशंसकों को ऐसे गलत संदर्भों का समर्थन नहीं करना चाहिए. उन्होंने फिल्म से केंद्रीय कर से संबंधित संवाद को हटाने की मांग की है.

पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एच. राजा ने कई ट्वीट कर आरोप लगाया कि जीएसटी का ज़िक्र विजय के अर्थशास्त्र के ज्ञान की कमी को दर्शाता है.

उन्होंने कहा, ‘यह गलत है कि सिंगापुर में चिकित्सकीय उपचार मुफ्त हैं. भारत में गरीबों के लिए शिक्षा एवं चिकित्सकीय उपचार मुफ्त है. मेरसल सिर्फ विजय की मोदी विरोधी नफरत दर्शाती है. उन्होंने कहा, जीएसटी कोई नया कानून नहीं है.

इस बीच, पीएमके (पट्टाली मक्कल काची) पार्टी ने इस मुद्दे पर भाजपा से सवाल करते हुए कहा कि फिल्म को सेंसर बोर्ड ने प्रमाणित किया, जिसका गठन केंद्र सरकार ने किया है.

उधर, माकपा और सुपरस्टार रजनीकांत अभिनीत कबाली के निर्देशक पीए रंजीत मर्सेल से जुड़े कलाकारों के समर्थन में आगे आए और फिल्म के दृश्य हटाने की मांग कर रही भाजपा के तर्क पर सवाल किया.

माकपा के प्रांतीय सचिव जी. रामकृष्णन ने चेन्नई में एक बयान में भाजपा की आलोचना को अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला बताया.

पीए रंजीत ने कहा, ‘फिल्म से इन दृश्यों को हटाने की कोई ज़रूरत नहीं है. फिल्म में इस मुद्दे पर लोगों का विचार झलकता प्रतीत हो रहा है क्योंकि इस दृश्य पर सिनेमाघरों में दर्शकों से भारी सराहना मिल रही है.’

मेरसल तमिल भाषा की फिल्म है जिसके निर्देशक ऐटली हैं. यह फिल्म बदले की कहानी है और भारत के चिकित्सा क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार के इर्द-गिर्द केंद्रित है.

फिल्म में अभिनेता विजय तीन भूमिकाओं में हैं. फिल्म में तीन अभिनेत्रियां- समांथा रुथ प्रभु, नित्या मेनन और काजल अग्रवाल हैं. फिल्म में संगीत एआर रहमान का है.

रिलीज़ के पहले दिन ही इस फिल्म ने बॉक्स आॅफिस पर धमाल मचाया है. इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में ट्रेड विशेषज्ञ रमेश बाला ने बताया कि फिल्म ने भारत में 31.50 करोड़ रुपये और विश्वस्तर पर 43.50 करोड़ रुपये की कमाई की है.

मेरसल अभिनेता विजय के करिअर की सबसे महंगी फिल्मों में से एक है. बताया जा रहा है कि फिल्म का बजट 130 करोड़ रुपये का है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, फिल्म के निर्माताओं ने इसकी रिलीज़ से पहले ही थियेटर अधिकार बेचकर 150 करोड़ रुपये कमा लिए हैं.

ऐटली की लगातार दूसरी फिल्म में विजय मुख्य भूमिका में हैं. पिछले साल विजय ऐटली की फिल्म थेरी में नज़र आए थे, जो तमिल फिल्म इंड्रस्टी की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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