बीते 18 जुलाई को केरल हाईकोर्ट ने एक रूसी मालवाहक जहाज को ज़ब्त करने का आदेश दिया था, क्योंकि उसने एक एस्टोनियाई कंपनी का ईंधन का बकाया नहीं चुकाया था. एस्टोनियाई कंपनी द्वारा एक एडमिरल्टी मुक़दमा दायर किए जाने के बाद हाईकोर्ट ने ये आदेश दिया था. रूसी दूतावास ने भारतीय विदेश मंत्रालय से स्पष्टीकरण मांगते हुए चालक दल के अधिकारों का सम्मान करने के लिए कहा है.
नई दिल्ली: एक एस्टोनियाई कंपनी का बकाया न चुकाने पर केरल हाईकोर्ट ने एक रूसी जहाज को सोमवार (18 जुलाई) को जब्त करने का आदेश दिया था. इस आदेश के बाद अब रूसी दूतावास ने भारतीय विदेश मंत्रालय से स्पष्टीकरण मांगा है और चालक दल के अधिकारों का सम्मान करने के लिए कहा है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, सोमवार को केरल हाईकोर्ट ने रूसी मालवाहक जहाज एवी एमएआईए-1 को रोकने का आदेश दिया था, क्योंकि उसने एक एस्टोनियाई कंपनी को 18 लाख रुपये से अधिक (23,503 अमेरिकी डॉलर) के ईंधन की कीमत नहीं चुकाई थी.
एक दिन बाद रूसी दूतावास ने जहाज के हिरासत में होने की पुष्टि की. राजनयिक मिशन ने यह भी कहा कि रूसी जहाज भारतीय सशस्त्र बलों के लिए सैन्य साजो-सामान के साथ पहुंचा था.
दूतावास के बयान में कहा गया है, ‘प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, ये कार्रवाईयां एस्टोनियाई तट सेवा कंपनी बंकर पार्टनर ओयू के दावे से जुड़ी हैं, जिसका दावा था कि जहाज के मालिकों के पास कथित तौर पर उनका कर्ज था.’
बयान में कहा गया है, ‘दूतावास ने भारत के विदेश मंत्रालय को घटना की परिस्थितियों पर स्पष्टीकरण के लिए एक आधिकारिक अनुरोध भेजा है.’
दूतावास ने विदेश मंत्रालय से ‘रूसी जहाज मालिकों और चालक दल के अधिकारों का बिना शर्त पालन सुनिश्चित करने’ को भी कहा है.
बयान में यह भी कहा गया है कि ‘अदालत ने माल उतारने की अनुमति दी, क्योंकि इसका मुकदमे से कुछ लेना-देना नहीं है. चेन्नई में रूसी महावाणिज्य दूतावास के हाथों में सीधे इस स्थिति का नियंत्रण है.’
एस्टोनियाई तट सेवा कंपनी बंकर पार्टनर ओयू द्वारा एक एडमिरल्टी मुकदमा दायर किए जाने के बाद केरल हाईकोर्ट के जस्टिस सतीश निनन ने 18 जुलाई को कोच्चि बंदरगाह न्यास में बंदरगाहों के उप-संरक्षक को वारंट जारी कर जहाज ‘एमवी एमएआईए-1’ को इसके पतवार, टैकल, इंजन, मशीनरी, बोर्ड, बंकर, उपकरण, परिधीय और अन्य उपकरण को भी जब्त करने का आदेश दिया था.
एस्टोनियाई कंपनी द्वारा जहाज को आपूर्ति किए गए बंकरों के मूल्य के लिए प्रतिदिन 0.1 प्रतिशत की दर से ब्याज के साथ 23,503.14 अमेरिकी डॉलर की राशि के लिए एक डिक्री की मांग करते हुए मुकदमा दायर किया गया था.
अदालत ने अपने आदेश में कहा था, ‘शिकायत में दिए गए बयानों और आवेदन के समर्थन में दायर हलफनामे के माध्यम से हम संतुष्ट हैं कि प्रथमदृष्टया यह जब्त करने का आदेश देने वाला एक मामला बनता है. तद्नुसार, जहाज को जब्त करने का एक सशर्त आदेश जारी किया जाता है.’
अदालत ने कहा था कि जहाज एमवी एमएआईए-1 को या तो 23,503.14 अमेरिकी डॉलर की राशि जमा करनी होगी, जो वादी के कारण लगभग 18,68,499.63 रुपये के बराबर है या अदालत की संतुष्टि के लिए उक्त राशि के संदर्भ में एक सुरक्षा प्रस्तुत करने की आवश्यकता है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)