गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में कहा कि जम्मू कश्मीर में सीमापार से प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों एवं प्रवासी कामगारों को लक्ष्य बनाकर कुछ हमले किए गए. वर्ष 2017 से अब तक ऐसे हमलों में 28 कामगार मारे गए हैं, जिनमें सात बिहार के, दो महाराष्ट्र और एक झारखंड के थे.
नई दिल्ली: गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि जम्मू कश्मीर में सीमापार से प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों एवं प्रवासी कामगारों को लक्ष्य बनाकर कुछ हमले किए गए तथा वर्ष 2017 से अब तक ऐसे हमलों में 28 कामगार मारे गए हैं.
निचले सदन में रीति पाठक, रमा देवी, गीता कोडा, दिलेश्वर कमैत, ज्योतिर्मय सिंह महतो, लॉकेट चटर्जी और नवनीत रवि राणा के प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने यह जानकारी दी.
सदस्यों ने पूछा था कि क्या जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा अल्पसंख्यकों और बिहार, महाराष्ट्र, झारखंड एवं मध्य प्रदेश के प्रवासी कामगारों की हत्या की घटनाओं में वृद्धि हुई है.
इस पर गृह राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार की आतंकवाद के खिलाफ ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ करने की नीति है तथा जम्मू कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है.
उन्होंने कहा कि आतंकवादी हमलों की संख्या में काफी गिरावट आई है और यह वर्ष 2018 की 417 घटनाओं से कम होकर वर्ष 2021 में 229 रह गई है.
राय ने कहा कि सरकार ने जम्मू कश्मीर में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कई उपाय किए हैं जिसमें एक मजबूत खुफिया एवं सुरक्षा ग्रिड, आतंकवादियों के खिलाफ सक्रिय अभियान तथा रात में गहन गश्त आदि शामिल हैं.
मंत्री ने कहा कि सीमापार से प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों एवं प्रवासी कामगारों को लक्ष्य बनाकर कुछ हमले किए गए.
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, वर्ष 2017 से अब तक ऐसे हमलों में 28 कामगार मारे गए हैं जिनमें सात कामगार बिहार के, दो महाराष्ट्र और एक झारखंड के थे.
एक अन्य सवाल के जवाब में नित्यानंद राय ने कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा प्रदान की गई जनकारी के अनुसार, हाल ही में कश्मीर घाटी में एक कश्मीरी पंडित की हत्या के विरोध में प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत काम करने वाले किसी भी कश्मीरी पंडित ने इस्तीफा नहीं दिया है.
गृह राज्य मंत्री ने बताया कि सरकार ने घाटी में कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए हैं.
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत 5,502 कश्मीरी प्रवासियों को सरकारी नौकरी दी गई है. सरकार ने घाटी में जम्मू कश्मीर सरकार के विभिन्न विभागों में नियुक्त किए गए/नियुक्त किए जाने वाले कश्मीरी प्रवासी कर्मचारियों के लिए 6,000 ट्रांजिट आवासों के निर्माण को मंजूरी दी है.
राय ने बताया कि जम्मू कश्मीर सरकार ने कश्मीरी प्रवासियों की शिकायतों को निपटाने के लिए 7 सितंबर 2021 को एक पोर्टल भी शुरू किया.
बीते 20 जुलाई को राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में नित्यानंद राय ने बताया था कि जम्मू-कश्मीर में 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद आतंकी हमलों में 118 आम नागरिक मारे गए हैं, जिनमें पांच कश्मीरी पंडित और 16 अन्य हिंदू/सिख समुदाय के थे.
उन्होंने बताया था कि वर्ष 2018 से 30 जून, 2022 तक जम्मू एवं कश्मीर में 108 आम नागरिकों पर हमले हुए.
केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में जम्मू एवं कश्मीर राज्य से संविधान का अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का विभाजन दो केंद्रशासित क्षेत्रों- जम्मू एवं कश्मीर एवं लद्दाख के रूप में करने की घोषणा की थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)