मध्य प्रदेश के शाजापुर ज़िले के एक गांव का मामला. आरोप है कि दलित समुदाय की 16 वर्षीय लड़की स्कूल से पढ़कर घर लौट रही थी, जब कुछ लोगों ने उसका रास्ता रोक बस्ता छीना और उससे स्कूल नहीं जाने को कहा, क्योंकि गांव की अन्य लड़कियां भी स्कूल नहीं जाती हैं. इसी बात को लेकर लड़की के परिवार और आरोपियों के परिजनों के बीच मारपीट हो गई थी.
शाजापुर: मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में पुलिस ने एक नाबालिग दलित लड़की को स्कूल जाने से रोकने के बाद हुई मारपीट के संबंध में आरोप में सात लोगों को गिरफ्तार किया है. स्थानीय लोगों के एक समूह ने यह कहकर लड़की को स्कूल जाने से रोका कि अन्य लड़कियां भी स्कूल नहीं जाती हैं.
पुलिस ने बताया कि जिले के बवालियाखेड़ी गांव में कथित घटना के बाद लड़की के परिवार और गिरफ्तार किए गए लोगों के परिवारों के बीच झगड़ा हुआ. इस घटना में कुछ लोग घायल हो गए.
कोतवाली थाना प्रभारी अवधेश कुमार शेषा ने शिकायत के हवाले से बताया कि घटना उस समय हुई जब अनुसूचित जाति समुदाय की 16 वर्षीय लड़की शनिवार (23 जुलाई) दोपहर स्थानीय स्कूल से पढ़कर घर लौट रही थी.
उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने लड़की का रास्ता रोका, उसका बस्ता छीना और उससे स्कूल नहीं जाने को कहा. लोगों ने कहा कि गांव की अन्य लड़कियां भी स्कूल नहीं जाती हैं. बाद में लड़की के परिवार के लोगों और आरोपियों के परिजनों के बीच इसी बात पर झड़प हो गई.
शिकायत के बाद पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत सात लोगों को गिरफ्तार किया है.
In Shajapur, MP, a SC girl was stopped by caste Hindus from going to school. On opposing them, the goons also beat up his brother and family, and said;
"SC girls aren't allowed to go to school."
pic.twitter.com/xEz0oR6m8u— Mission Ambedkar (@MissionAmbedkar) July 26, 2022
वहीं पुलिस अधिकारी ने कहा कि दूसरे पक्ष की ओर से मारपीट का आरोप लगाते हुए लड़की के भाई और तीन अन्य के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है. थाना प्रभारी ने कहा कि झड़प में घायल हुए लोगों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है, लेकिन उन्होंने सही संख्या नहीं बताई.
लड़की ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें उसने आरोप लगाया कि एक आरोपी ने उसका स्कूल बैग छीन लिया और उसके कक्षाओं में जाने पर आपत्ति जताई. उसने आरोप लगाया कि आरोपी ने उसके भाई के साथ मारपीट की, जब उसने उनकी टिप्पणियों पर आपत्ति जताई और परिवार के अन्य सदस्यों को भी पीटा.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, घटना 23 जुलाई की शाम जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर एक गांव में हुई. यह घटना तब सामने आई जब झड़प का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. वीडियो में लाठी चलाने वाले युवक लड़की के परिवार पर हमला करते और उन्हें गालियां देते नजर आ रहे हैं.
एफआईआर में लड़की ने बताया कि जब वह घर लौट रही थी तो चार युवकों ने उसके साथ मारपीट की थी.
उन्होंने अपनी शिकायत में कहा, ‘जब मेरे चचेरे भाई ने हस्तक्षेप किया, तो उन्होंने उसे पीटा. लगभग 15-20 मिनट बाद आरोपी युवकों के परिवारवालों ने मेरे परिवार पर हमला किया.’
अनुमंडल पुलिस अधिकारी दीपा डोडवे ने बताया कि लड़की ने अपनी शिकायत में उल्लेख किया है कि उसे स्कूल जाने से रोका गया था.
उन्होंने कहा, ‘हमें उसके बयानों की पुष्टि करना बाकी है. दोनों परिवारों में पुरानी दुश्मनी है. गांव में दलितों की संख्या उच्च जाति के लोगों से कहीं अधिक है. निकटतम स्कूल 3 किमी दूर एक पड़ोसी गांव में है. कुछ बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ने के लिए शाजापुर जाते हैं.’
एक ग्रामीण ने कहा कि कुछ वर्ग नहीं चाहते थे कि लड़कियां स्कूल जाएं, लेकिन अब तक इस पर कभी हिंसा नहीं हुई थी.
हालांकि, जिला प्रशासन के अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया है कि हिंसा जातिवाद से उपजी है या यह स्कूल जाने वाली लड़की से संबंधित है. उनका कहना है कि यह एक कुएं और सड़क को लेकर विवाद था.
जिला कलेक्टर दिनेश जैन ने कहा, ‘तहसीलदार द्वारा की गई जांच से पता चला है कि हमला एक पुरानी दुश्मनी का परिणाम था. किसी भी समुदाय द्वारा जाति या प्रभुत्व का कोई मुद्दा नहीं है. लड़कियों को स्कूल जाने से नहीं रोका जा रहा है.’
जैन ने कहा कि एक राजपूत परिवार के सात सदस्यों के खिलाफ पुलिस ने स्वेच्छा से चोट पहुंचाने और भद्दी गालियां देने के आरोप में मामला दर्ज किया है. कोतवाली थाना प्रभारी अवधेश कुमार शेषा ने कहा कि एफआईआर में एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत भी आरोप शामिल किए गए हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)